भारत ने पाकिस्तान से बातचीत करने का निर्णय नही किया – पाकिस्तान से हो रहे दुष्प्रचार पर विदेश मंत्रालय का जवाब

नई दिल्ली: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को दिए पत्र में बातचीत के लिए तैयार होने की बात कही है, यह दावा पाकिस्तान के एक समाचार पत्र ने किया| उसके बाद दोनों देशों के माध्यमों में खलबली मची| आतंकवाद और बातचीत एक समय पर शुरू नही रह सकती, यह स्पष्ट भूमिका भारत ने पहले से अपनाई है| भारत की इस भूमिका में बदलाव हुआ क्या, यही चर्चा जोरों से शुरू थी तभी भारत के विदेश मंत्रालय ने इस बारे में स्पष्टीकरण रखा है| राजनयिक शिष्टाचार के तौर पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने भेजे पत्र को भारत के प्रधानमंत्री ने जवाब दिया| इसका मतलब भारत ने बातचीत संबंधी अपनाई भूमिका में बदलाव किया, यह नही होता, ऐसा विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रविश कुमार इन्होंने कहा है|

‘द एक्सप्रेस ट्रिब्युन’ इस पाकिस्तान के समाचार पत्र ने इस बारे में समाचार प्रसिद्ध किया था| भारत के प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को पत्र देकर बातचीत करने की तैयारी दिखाई है, यह दावा वर्णित समाचार पत्र ने किया| साथ ही भारत के विदेशमंत्री ने भी पाकिस्तान के विदेशमंत्री को पत्र देकर इस बातचीत के लिए अनुकूलता दिखाई है, ऐसा इस वृत्तपत्र ने कहा था| इसके बाद कुछ भारतीय वृत्तसंस्थाओं ने यह समचार प्रसिद्ध किया?था| इसपर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रविश कुमार इन्होंने नाराजगी व्यक्त की| पाकिस्तानी माध्यमों में प्रसिद्ध हो रही झुठी खबरें उसी तरह देने से पहले इन खबरों की विदेश मंत्रालय से पुष्टी करें, यह सलाह रविश कुमार इन्होंने माध्यमों को दी|

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इम्रान खान ने भारत के प्रधानमंत्री पद पर दुबारा चयन होने पर प्रधानमंत्री मोदी का अभिनंदन करने पत्र दिया था| राजनयिक संकेत के हिस्से के तौर पर भारतीय प्रधानमंत्री ने इस पत्र को जवाबी खत लिखा| बातचीत के लिए आतंक से मुक्त माहौल जरूरी होने की बात इस पत्र में स्पष्ट तौर पर दर्ज है| अभी तक ऐसे आतंक से मुक्त माहौल का निर्माण हुआ नही है| इस वजह से पाकिस्तान के साथ बातचीत करने का सवाल ही नही है, यह रविश कुमार ने स्पष्ट किया| इस बारे में पाकिस्तान के माध्यमों से की जा रही गडबडी से भरे प्रचार तंत्र का शिकार ना हो, यह चेतावनी रविश कुमार ने भारतीय माध्यमों को दी है|

इस अवसर पर पाकिस्तान की सरकार भारत के साथ बातचीत करने की कडी कोशिश करती फिर से दिखाई दी है| पाकिस्तान के विदेशमंत्री शाह महमूद कुरेशी माध्यमों को दोनों देशों की बातचीत फिर से शुरू होगी, यह संकेत दे रहे है| इसी का प्रभाव ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्युन’ के समाचार पर दिखाई दे रहा है| किरिगिजिस्तान में हुई ‘एससीओ’ की बैठक में प्रधानमंत्री मोदी और प्रधानमंत्री इम्रान खान ने हाथ मिलाया था, यह समाचार कुरेशी ने ही पाकिस्तान के माध्यमों को दिया था| लेकिन, यह हाथ मिलाना यानी शराफत का हिस्सा था, दोनों नेताओं ने इस दौरान बातचीत नही की, यह खुलासा भारतीय विदेश मंत्रालय को देना पडा था|

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