भारत विरोधी हरकतों के लिए ‘आईएसआई’ ने नेपाल में बनाया ‘कंट्रोल रूम’

नई दिल्ली – पाकिस्तान की कुख्यात गुप्तचर संगठन ‘आईएसआई’ ने नेपाल को अपनी भारतविरोधी गतिविधियों का केंद्र बनाया दिखाई दे रहा है| पिछले कुछ महीनों में ‘आईएसआई’ के हस्तक और आतंकी संगठनों के नेता नेपाल में भेंट कर रहे है| इस वजह से ‘आईएसआई’ ने अपना नय कंट्रोल रूम नेपाल में शुरू किया है, यही संकेत प्राप्त हो रहै है|

जम्मू-कश्मीर में भारतीय सेना ने आतंकियों के विरोध में आक्रामकता से कार्रवाई शुरू की है| इसके नुसार जनवरी से अबतक ११३ से भी अधिक आतंकियों को ढेर किया गया है| इस वजह से आतंकियों की रिड टुट चुकी है| ऐसी स्थिति में पाकिस्तान अलग ही राह का इस्तेमाल करके भारत को लक्ष्य करने की कोशिश करता दिख रहा है| इसके लिए पाकिस्तान की कुख्यात गुप्तचर यंत्रणा नेपाल का इस्तेमाल कर रही है|

मार्च और अप्रैल महीने में जम्मू-कश्मीर से दो आतंकी नेपाल गए थे| यह आतंकी ‘आईएसआई’ के हस्तकों ने बुलाई बैठक में शामिल हुए थे| वहां इन दोनों ने हिजबुल मुजाहिद्दीन के कमांडर्स से भी भेंट की थी| उसके बाद जम्मू-कश्मीर से इन दोनों के साथ हिजबुल के तीन आतंकियों को जम्मू-कश्मीर में भारत विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए भेजा गया| इससे नेपाल में ‘आईएसआई’ का नया केंद्र बनता दिखाई दे रहा है|

इससे पहले भी ‘आईएसआई’ ने भारतविरोधी गतिविधियों के लिए नेपाल का इस्तेमाल किया था| इस दौरान ‘आईएसआई’ ने आतंकियों से भेंट करने और उन्हें पैसा सप्लाई करने के लिए नेपाल का इस्तेमाल शुरू किया दिखाई दे रहा है| कुख्यात तस्कर दाउद इब्राहिम का हस्तक युनूस अन्सारी को उसके सहयोगी के साथ नेपाल में गिरफ्तार किया गया था| उससे भारत के जाली नोट बरामद किए गए थे| इस वजह से भारत के जाली नोट चलानेवाले बडे रैकेट की पोलखोल हुई थी|

इस दौरान नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी.एस.ओली की सरकार भारत के पक्ष नही है और यह सरकार चीन से अधिक लगाव रखती है| नेपाल की इस सरकार पाकिस्तान संबंधी नीति भी सहानुभूति रखती है, यह उजागर हुआ है|

ऐसी स्थिति में पाकिस्तान की यह हरकतें रोकने के लिए नेपाल की सरकार भारत की बडी सहायता करने की संभावना नही| इस वजह से भारतीय सुरक्षा यंत्रणा के सामने खडी चुनौतियों में और भी बढोतरी होती दिख रही है|

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