वैद्यकीय सामान की निर्यात रोककर भारत ने दिया चीन को कडा संदेशा

नई दिल्ली – कोरोना व्हायरस रोकने के लिए सावधानी बरतने के तौर पर भारत ने वैद्यकीय सामान की निर्यात बंद करने का निर्णय किया है| चीन को इस सामान की बडी मात्रा में जरूरत है और ऐसे में भारत ने किया यह निर्णय ध्यान आकर्षित करनेवाला है, यह दावा हो रहा हैै| इस मुद्दे पर भारत में स्थित चीन के दूतावास के प्रवक्ता ने सूचक बयान करके भारत इस विषय पर निष्पक्ष निर्णय करें, यह निवेदन किया था| पर, चीन में फंसे भारतीयों को स्वदेश लाने के लिए जा रहे भारतीय विमान को उतरने की अनुमति देने में देरी कर रहे चीन को सबक देने के लिए ही भारत ने वैद्यकीय सामान की निर्यात बंद करने का कदम उठाया है, यह दावा माध्यमों ने किया है

भारत ने भारी सामान की यातायात करने के लिए इस्तेमाल हो रहे लष्करी सी१७विमान चीन भेजकर वुहान में फंसे सभी भारतीयों को स्वदेश लाने की तैयारी रखी थी| पर, चीन ने भारतीय विमान को उतारने की अनुमति अभी नही दी है| पर, चीन ने अन्य देशों को अपने नागरिकों को स्वदेश पहुंचाने के लिए विमान भेजने की अनुमति दी है और कई देशों के नागरिक वुहान से स्वदेश लौट चुके है| पर, भारत को ऐसी अनुमति देने से चीन टाल रहा है और इस बारे में चीन की भूमिका संदेहजनक होने की बात दिख रही है| विदेश मंत्रालय ने इस मुद्दे पर लगातार खबरें जारी की है| इस पृष्ठभूमि पर भारत ने वैद्यकीय सामान की निर्यात रोकने की खबर प्राप्त हुई है|

चीन को बडी मात्रा में वैद्यकीय सामान की जरूरत है और तभी भारत ने यह निर्णय करना ध्यान आकर्षित कर रहा है, यह दावा कुछ लोग कर रहे है| पर, भारत.३ अरब जनसंख्या का देश है और कोरोना व्हायरस का संक्रमण रोकने के लिए हमें ही बडी मात्रा में वैद्यकीय सामान की जरूरत है| इस वजह से भारत सरकार ने वैद्यकीय सामान की निर्यात रोकने का ध्यान रखा है और यह निर्णय जागतिक स्वास्थ्य संगठन के नियमों के अनुसार होने का दावा भारतीय विदेश मंत्रालय ने किया है| विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रविश कुमार ने वार्तापरिषद में यह जानकारी साझा की|

जल्द ही वैद्यकीय सामान से भरा विमान चीन भेजा जाएगा और यह भारतीय जनता से चीन की जनता के लिए दी जा रही सदिच्छा भेट रहेगी| पर, हमारा चीन की यंत्रणाओं से निवेदन है की वह उसी विमान से अपने देश में फंसे भारतीय लोगों को स्वदेश भेजने का निर्णय करें| चीन की यंत्रणा इस पर यकिनन सकारात्मक निर्णय करेगी, यह उम्मीद रविश कुमार ने इस वार्ता परिषद के दौरान जताई| अलग शब्दों में वैद्यकीय सामान भेजा जा रहा है तभी भारत अपने नागरिकों की चीन से रिहाई करने की मांग रखता दिख रहा है|

इसी बीच, भारत में नियुक्त चीन के दुतावास के प्रवक्ता जी रोंग ने कोरोना व्हायरस के कारण बनी समस्या को लेकर भारत निष्पक्ष और व्यवहार्य निर्णय करेगा, यह उम्मीद जताई| उनके इस बयान के पीछे भारत से सहयोग की उम्मीद होने के संकेत प्राप्त हो रहे है| पर, चीन अपने देश में फंसे भारतीयों को रिहा करने के लिए आवश्यक सहायता प्रदान कने के लिए तैयार नही है| अबतक भारत के सी१७विमान को उतरने की अनुमति देने से इन्कार करके चीन ने यही दिखाया है|

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