भारत-बांगलादेश मुक्त व्यापारी समझौते पर बातचीत शुरू करेंगे

नई दिल्ली – भारत और बांगलादेश के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर दोनों देशों के व्यापार मंत्रियों के बीच चर्चा हुई। इस पर दोनों देशों के बीच जल्द ही बातचीत शुरू होगी और दोनों देशों में व्यापार भारतीय रुपये के ज़रिये करने पर भी व्यापार मंत्री पियूष गोयल और बांगलादेश के व्यापार मंत्री टीपू मुन्शी के बीच चर्चा होने का वृत्त है। साथ ही श्रीलंका और रशिया व्यापार में भारतीय रुपये का इस्तेमाल करने पर भी दोनों देशों में सहमति होने की खबरें प्राप्त हो रही हैं। इसकी वजह से अंतरराष्ट्रीय कारोबार में रुपये की अंतरराष्ट्रीय मुद्रा के तौर पर अहमियत बढ़ेगी, ऐसे संकेत भी प्राप्त हो रहे हैं।

भारत और बांगलादेश में द्विपक्षीय व्यापार वर्ष 2021-22 में 18 अरब डॉलर्स हुआ। पूर्व वित्तीय वर्ष की तुलना में इसमें कुल 8 अरब डॉलर्स की बढ़ोतरी हुई है। दोनों देशों के मुक्त व्यापारी समझौते की व्यवहार्यता जांच रही ‘कॉम्प्रिहेन्सिव इकॉनॉमिक पार्टनरशिप एग्रीमेंट’ (सीईपीए) नामक रपट हाल ही में प्रसिद्ध हुई। इसमें दोनों देशों को मुक्त व्यापारी समझौते से काफी बड़ा लाभ होगा, यह अनुमान दर्ज होने की जानकारी भारत के व्यापर मंत्रालय ने साझा की। इस समझौते की वजह से दोनों देशों के उत्पाद बिना किसी रुकावट के दोनों देशों के बीच आदान-प्रदान किए जा सकेंगे। तथा इससे दोनों देशों के बीच निवेश का प्रवाह बढ़ सकता है, यह दावा व्यापार मंत्रालय ने किया था।

इस पृष्ठभूमि पर भारत और बांगलादेश के व्यापार मंत्रियों के बीच मुक्त व्यापारी समझौते पर बातचीत शुरू करने को लेकर सहमति हुई। इससे द्विपक्षीय व्यापार को बड़ा लाभ प्राप्त होगा। साथ ही व्यापार के लिए भारतीय रुपये का इस्तेमाल करने पर भी दोनों देशों के व्यापार मंत्रियों के बीच चर्चा होने का वृत्त है। इससे भारत के साथ-साथ बांगलादेश को भी बड़ा लाभ हो सकता है। कोरोना की महामारी और बाद में शुरू हुए यूक्रेन युद्ध का असर बांगलादेश की अर्थव्यवस्था पर भी पडा है। ऐसी स्थिति में अपने विदेशी मुद्रा भंड़ार से डॉलर्स खर्च किए बिना भारतीय रुपये के ज़रिये कारोबार करने की सुविधा बांगलादेश को मिलती है तो यह इस देश के लिए लाभदायी होगा।

यूक्रेन युद्ध के बाद रशिया को सबक सिखाने के लिए अमरीका ने डॉलर को हथियार की तरह इस्तेमाल करना शुरू किया था। इससे सबक सीखकर रशिया एवं चीन और अन्य देशों ने डॉलर पर अपनी निर्भरता को घटाने का रणनीतिक निर्णय लिया है। रशिया और चीन जैसे देशों से अपनी मुद्राओं के ज़रिये कारोबार करने के लिए कुछ देशों ने पहल की है और इस दौरान भारतीय रुपये की भी अहमियत बढ़ रही है। भारत और रशिया ने रुपया-रुबल कारोबार करने की ओर कदम उठाने के बाद अन्य देश भी इसके लिए पहल करते हुए दिख रहे हैं। बांगलादेश इसके लिए तैयारी होने के बात व्यापार मंत्री टीपू मुन्शी की भारत यात्रा से स्पष्ट हुई।

इससे संबंधित खबरें प्राप्त हो रही थीं तभी श्रीलंका ने भी रशिया के कारोबार में भारतीय रुपये का इस्तेमाल करने की तैयारी दर्शाई है। इस पर रशिया और श्रीलंका की सहमति होने की बात कही जा रही है। इसके लिए अभी रिज़र्व बैंक की मंजूरी प्राप्त होनी है। लेकिन, यह प्रक्रिया जल्द ही पूरी होगी और रशिया-श्रीलंका कारोबार में रुपये का इस्तेमाल होने की संभावना अधिक है। भारत ने पाकिस्तान को अपवाद बनाकर अपने अन्य पड़ोसी देशों से कारोबार करने के लिए डॉलर के बजाय रुपये का इस्तेमाल किय तो हर वर्ष इससे भारत के 35 से 40 अरब डॉलर्स बचेंगे, यह दावा किया जा रहा है। इसकी तैयारी भारत ने की है और अन्य देश भी भारत को प्रतिसाद दे रहे हैं।

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