विकसित देश अपने निर्णयों के दुष्प्रभावों का ज़िम्मा स्वीकारें – वित्तमंत्री निर्मला सीतारामन

कैनबेरा – अपने राजनीतिक और आर्थिक निर्णयों का विश्व पर प्रभाव का ज़िम्मा प्रगत देशों को स्वीकारना पडेगा, ऐसा इशारा भारतीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारामन ने अमरीका और अन्य प्रगत देशों को दिया है। यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद अमरीका ने रशिया पर लगाए हुए प्रतिबंधों की आंच रशिया से अधिक अन्य देशों को सहनी पडी है। सीधे ज़िक्र किए बिना भारतीय वित्तमंत्री अमरीका और यूरोपिय देशों को आगाह करती हुई नज़र आयीं। भारत रशिया से ईंधन खरीदना बंद करे, यह माँग कर रहीं अमरीका ने इस पर भारत द्वारा इन्कार के बाद तीव्र बयान किए थे। फिलहाल अमरीका भारत को लक्ष्य करनेवाले निर्णय ले रही  है। इस पृष्ठभूमि पर वित्तमंत्री सीतारामन की चेतावनी बड़ी अहमियत रखती है।

अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष और वैश्विक बैंक के कार्यक्रम के लिए वित्तमंत्री सीतारामन अमरीका के दौरे पर हैं। उन्होंने अमरिकी वित्तमंत्री जेनेट येलेन से मुलाकात की। अमरीका के ब्रुकिंग्ज्‌‍ इन्स्टीट्यूट में बोलते समय वित्तमंत्री सीतारामन ने विकसित देशों को स्पष्ट शब्दों में फटकार लगाई। अपने राजनीतिक और आर्थिक निर्णय का विश्व पर पड़े रहे असर पर इन देशों को ध्यान देना चाहिए और इसके दुष्प्रभावों का ज़िम्मा भी स्वीकारना चाहिए, ऐसा सीतारामन ने कहा। साथ ही विश्व पर असर डालनेवाले निर्णय करते समय इसकी आंच अन्य लोगों को महसूस नहीं होनी चाहिए, इसके लिए ‘सेफ्टी नेट’ अर्थात सुरक्षा का जाल तैयार करने का ज़िम्मा विकसित देशों का ही है, इस पर सीतारामन ने ध्यान आकर्षित किया।

इसी बीच भारत ने रशिया से ईंधन खरीदकर यूक्रेन युद्ध करने के लिए रशिया को पैसों की आपूर्ति ना करें, ऐसी माँग अमरीका और रशिया विरोधी यूरोपिय देश कर रहे हैं। इसके लिए अमरीका ने भारत पर काफी दबाव डाला था। लेकिन, यूरोपिय देश ही रशिया से भारत से कई गुना ज्यादा ईंधन खरीद रहे हैं, ऐसा कहकर भारत ने अमरीका और यूरोपिय देशों का दबाव खारिज किया था। इस पर अमरीका की धमकियों की भी भारत ने परवाह नहीं की थी। इसका असर दिखने लगा है और फिलहाल बायडेन प्रशासन ने भारत को लक्ष्य करनेवाले निर्णयों का सिलसिला शुरू किया है। इसी में पाकिस्तान के लड़ाकू विमानों के आधुनिकीकरण के लिए पैकेज देने के साथ ही पाकिस्तान के साथ अन्य तरह से सैन्य सहयोग विकसित करने के निर्णय का भी समावेश है।

इसका भारत ने संज्ञान लिया है और विदेशमंत्री एस.जयशंकर लगातार अमरीका को इस निर्णय के परिणामों का अहसास करा रहे हैं। अब अमरीका के दौरे पर गई हुईं वित्तमंत्री सीतारामन ने भी विकसित देशों के निर्णयों से गरीब और विकसनशील देशों को नुकसान हो रहा है, यह कहकर अमरीका को फटकार लगाई हुई दिख रही है।

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