भारत-फिलीपीन्स रक्षा एवं समुद्री क्षेत्र का सहयोग बढ़ाएँगे

नई दिल्ली/मनिला – अपनी नौसेना का सामर्थ्य बढ़ाने के लिए भारत से ब्रह्मोस मिसाइलों की खरीद कर रहें फिलीपीन्स का, भारत के विदेशमंत्री ने किया दौरा ध्यान आकर्षित कर रहा है| विदेशमंत्री जयशंकर के इस फिलीपीन्स दौरे में इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के सहयोग के साथ, दोनों देशों ने अन्य मोरचों पर भी एक-दूसरें की सहायता करना स्वीकार किया है| चीन की वर्चस्ववादी हरकतों से फिलीपीन्स के लिए बन रहें खतरे को मद्देनज़र रखते हुए, इस देश का भारत के साथ यह सहयोग करना रणनीतिक नज़रिये से अहमियत रखता है|

समुद्री क्षेत्र का सहयोगकुछ दिन पहले ही फिलीपीन्स ने भारत से ब्रह्मोस मिसाइलों की खरीद का समझौता किया था| लगभग ३८ करोड़ डॉलर्स राशि का यह समझौता, फिलीपीन्स की सुरक्षा के नज़रिये से काफी अहम समझा जाता है| ब्रह्मोस मिसाइल्स फिलीपीन्स की नौसेना की क्षमता बढ़ानेवाले साबित होंगे, यह विश्‍वास इस देश के रक्षामंत्री ने व्यक्त किया था| इसके बाद फिलीपीन्स की सेना भी ब्रह्मोस मिसाइल की मॉंग कर रही है, यह दावे किए जा रहे थे| इस पृष्ठभूमि पर, विदेशमंत्री जयशंकर की फिलीपीन्स यात्रा विश्‍लेषकों का ध्यान आकर्षित कर रही है|

इस यात्रा की सभी जानकारी अभी सार्वजनिक नहीं की गई है| लेकिन, इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में एक-दूसरें का सहयोग करने पर भारत और फिलीपीन्स की सहमति होने का बयान विदेश मंत्रालय ने किया है| साथ ही, दोनों देशों के विदेशमंत्रियों ने चर्चा के दौरान, देशों के सहयोग का दायरा बढ़ाने का निर्धार व्यक्त किया| इसी के साथ, दोनों देशों के सहयोग के नए दालान विकसित करने की तैयारी विदेशमंत्रियों ने इस चर्चा में दिखाई| इनमें अंतरिक्ष, सायबर सुरक्षा, समुद्री क्षेत्र से जुड़ी अर्थव्यवस्था, अक्षय ऊर्जा और अर्थनीति एवं तकनीक के समन्वय के फिनटेक का समावेश है|

समुद्री क्षेत्र का सहयोगसाथ ही, विदेशमंत्री जयशंकर और फिलीपीन्स के विदेशमंत्री टिओडोरा एल. ब्लॉक्सिन ज्युनिअर के बीच क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर की गतिविधियों पर भी सोच-विचार हुआ| साथ ही रक्षा, अर्थनीति और कृषि क्षेत्र में सहयोग करने पर दोनों देशों के विदेशमंत्री की सहमति हुई है|

भारत-फिलीपीन्स के सहयोग की रणनीतिक अहमियत काफी बड़ी है और इस ओर चीन काफी बारिकी से देख रहा हैं| सिर्फ फिलीपीन्स ही नहीं, बल्कि विएतनाम एवं आग्नेय एशियाई क्षेत्र के अन्य देश भी भारत से सहयोग व्यापक करने के लिए उत्सुक हैं| फिलीपीन्स के बाद वियतनाम भी भारत से ब्रह्मोस मिसाइल खरीदने की तैयारी कर रहा है| यह बात भारत के हथियारों की निर्यात के लिए ‘गेमचेंजर’ साबित होगी, यह विश्‍वास हाल ही में रिचर्ड हेडैरियन नामक विश्‍लेषक ने व्यक्त किया था|

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