पूर्व उपनौसेनाप्रमुख जी. अशोक कुमार देश के पहले ‘एनएमएससी’

नवी दिल्ली – पूर्व उपनौसेनाप्रमुख जी. अशोक कुमार की देश के पहले ‘नॅशनल मेरिटाईम सिक्युरिटी कोऑर्डिनेटर’ (एनएमएससी) के रूप में नियुक्ति की गयी है। सागरी सुरक्षा के संदर्भ में काम काम कर रहीं विभिन्न प्रशासक यंत्रणाओं के साथ संपर्क और संबंध बनाये रखने के लिए इस पद का निर्माण किया गया है। इस पद पर नियुक्त हुए पूर्व उप नौसेना प्रमुख जी. अशोक कुमार ठेंठ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवल को अपनी रिपोर्ट सादर करेंगे।

‘एनएमएससी’26/11 के आतंकवादी हमले के बाद, रक्षा मंत्रालय ने ‘नॅशनल मेरिटाईम सिक्युरिटी बोर्ड’ तथा ‘सिक्युरिटी अ‍ॅडव्हायझर’ का गठन करने का प्रस्ताव दिया था। लेकिन बहुत समय तक इस पर फैसला नहीं हो सका। लेकिन पिछले साल के नवंबर महीने में केंद्रीय मंत्रिमंडल के सुरक्षा विषयक मंत्री गुट ने ‘एनएमएससी’ पद के निर्माण के प्रस्ताव को मान्यता दी। इस पद पर नियुक्त हुए जी. अशोक कुमार सागरी सुरक्षा और उससे जुड़ी समस्याएँ हैंडल करनेवाले हैं।

देश की सागरी सुरक्षा के लिए काम कर रहे नौसेना, तटरक्षक बल तथा सागरी पुलिस बल के अलावा जल परिवहन मंत्रालय, बंदरगाह और मच्छीमारी से जुड़े मंत्रालयों में संपर्क और समन्वय अपेक्षित है। इसके साथ ही, गुप्तचर विभाग के साथ भी इसका समन्वय होना आवश्यक महसूस हुआ था। ये सारी बातें जी. अशोक कुमार द्वारा की जायेंगी। साथ ही, सागरी क्षेत्र से जुड़े अर्थ कारण को बढ़ावा देने का काम भी ‘एनएमएससी’ पद पर आए जी. अशोक कुमार करेंगे।

‘एनएमएससी’सागरी सुरक्षा तक ही देश के हितसंबंध मर्यादित नहीं हैं। बल्कि सागर से जुड़ा हुआ अर्थकारण भी उसमें सहभागी रहता है, इस बात पर पूर्व नौसेना प्रमुख ने इससे पहले गौर फरमाया था। भारत को 7516 किलोमीटर इतनी लंबाई का किनारा प्राप्त हुआ है। ऐसा होने के बावजूद भी भारत अपने अर्थकारण को गति देने के लिए इसका इस्तेमाल नहीं कर रहा, ऐसा खेद विश्लेषकों ने भी व्यक्त किया था। लेकिन अब भारत इस मामले में अधिक सावधानी से कदम उठा रहा होकर, आनेवाले समय में इसके परिणाम सामने आयेंगे, ऐसा भरोसा व्यक्त किया जाता है।

‘एनएमएससी’ पद का निर्माण इस मार्गक्रमणा में अहम पड़ाव होने के संकेत मिल रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published.