चीन की अर्थव्यवस्था धीमी हुई तो वैश्‍विक अर्थव्यवस्था पर होगा गंभीर असर – अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष का इशारा

वॉशिंग्टन/मास्को – चीन के अर्थव्यवस्था की गिरावट लंबे समय तक जारी रही तो इसका अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था पर गंभीर असर होगा, ऐसा इशारा अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष की प्रमुख क्रिस्तालिना जॉर्जिवा ने दिया| चीन को अपनी अर्थव्यवस्था संवारने का अभी भी अवसर हैं और यह देश क्या उपाय करता हैं, यह काफी अहम होगा, ऐसा दावा भी जॉर्जिवा ने किया| कुछ दिन पहले ही मुद्राकोष ने वैश्‍विक अर्थव्यवस्था मंद होने का खतरा बयान किया था|

कुछ दिन पहले ही चीन ने पहले तीमाही का आर्थिक रपट सार्वजनिक किया था| इसमें कोरोना का विस्फोट रोकने के लिए लगाए लॉकडाऊन का चीन के आर्थिक विकास दर को नुकसान पहुँचता देखा गया था| साल २०२२ के पहले तीमाही में चीन की अर्थव्यवस्था की बढ़ोतरी ४.८ प्रतिशत रही| कम्युनिस्ट हुकूमत ने साल २०२२ के लिए रखे ५.५ प्रतिशत के लक्ष्य की तुलना में यह बड़ी गिरावट साबित हुई थी| इसकी गूंज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सुनाई पड़ी और एशिया एवं अमरीका के शेअर निदेशांकों की बड़ी गिरावट हुई थी|

पिछले कुछ महीनों में चीन में लगातार कोरोना के नए विस्फोट हो रहे हैं| इसे रोकने के लिए चीन ने ‘ज़ीरो कोविड पॉलिसी’ का इस्तेमाल शुरू किया हैं और इससे चीनी अर्थव्यवस्था का बड़ा नुकसान होना शुरू हुआ हैं| इसी में रशिया-यूक्रैन युद्ध का इजाफा हुआ और चीन में मॉंग कम होने की एवं सप्लाई चेन में बाधा निर्माण होती दिखाई पड़ी| चीन के इस नुकसान का असर वैश्‍विक अर्थव्यवस्था पर होता दिखाई देने की शुरूआत हुई हैं| कई देशों में उत्पादन की आपूर्ति बिगड़ी हैं और इससे उभरी किल्लत की वजह से महंगाई का विस्फोट हुआ हैं| इसका अर्थव्यवस्था के विकास दर पर गंभीर असर हो रहा हैं| अमरीका और यूरोपिय देशों ने अर्थव्यवस्था की गिरावट होने का अनुमान जताया हैं|

अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष के प्रमुख ने दिया इशारा भी इसकी पुष्टी करता हैं| बाओ फोरम में मुद्राकोष की प्रमुख क्रिस्तालिना जॉर्जिवा ने चीन को उचित नीति और निर्णय करने की सलाह दी| मॉंग बढ़ाने के लिए एवं रिअल इस्टेट क्षेत्र को संभालने के लिए चीन उचित नीति अपनाए, ऐसी चेतावनी मुद्राकोष के प्रमुख ने दी| मुद्राकोष ने जारी की हुई रपट में चीन के आर्थिक विकास दर में मामुली ४.४ प्रतिशत बढ़ोतरी होगी, यह दर्ज़ किया गया हैं| मुद्राकोष के साथ ही बैंक ऑफ अमरीका, यूबीएस जैसी अंतरराष्ट्रीय वित्तसंस्थाओं ने भी चीन के आर्थिक बढ़ोतरी पर चिंता जताई हैं| चीन की हुकूमत ने तय किया हुआ ५.५ प्रतिशत का उद्देश्य पूरा नहीं होगा, यह इशारा इन वित्तसंस्थाओं ने दिया हैं|

Leave a Reply

Your email address will not be published.