कोरोना के संकट का सामना करने के लिए पच्चीस ग़रीब देशों को आंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोश की कर्ज़सहायता

वॉशिंग्टन – कोरोनावायरस की महामारी से ख़तरे में पड़े दुनियाभर के पच्चीस बहुत ग़रीब देशों को कर्ज़सहायता की घोषणा करके आंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोश (आयएमएफ) ने राहत देने की कोशिश की है। इसके अनुसार, इन पच्चीस देशों को मुद्राकोश द्वारा पहले दिये कर्ज़े की अदायगी में छूट दी गयी है। साथ ही, इस महामारी का मुक़ाबला करने के लिए इन ग़रीब देशों को नये कर्ज़े की आपूर्ति भी की जानेवाली है।

आंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोश की प्रमुख क्रिस्टलीना जॉर्जीवा ने इस बारे में घोषणा की। मुद्राकोश के ‘कॅट्रास्ट्रोप कन्टेनमेंट ॲण्ड रिलीफ ट्रस्ट’ (सीसीआरटी) द्वारा यह कर्ज़े में छूट की अत नये कर्ज़े की घोषणा की गयी है। इसी प्रकार की छूट इससे पहले सन २०१५ में पश्चिम अफ्रिका महाद्वीप में जब ‘इबोला’ का संक्रमण हुआ था, उस समय दी गयी थी।

मुद्राकोश ने वित्तसहायता करने का निर्णय लिए पच्चीस देशों में अफ्रिका महाद्वीप के बेनिन, बुर्किना फासो, सेंट्रल आफ्रिकन रिपब्लिक, चाड, कॉमोरॉस, डेमोक्रॅटिक रिपब्लिक ऑफ दि कांगो, दि गाम्बिया, गिनिआ, गिनिआ-बिसाओ, हैती, लिबेरिया, मादागास्कर, मालावी, माली, मोझांबिक, नायजेर, रवांडा, साओ टोम ॲण्ड प्रिन्सिपी, सिआरा लिओन, सोलोमन आयलॅड, टोगो इन देशों के साथ अफगानिस्तान, ताजिकिस्तान, नेपाल और येमेन इन एशियाई देशों का समावेश है।

कोरोनावायरस की महामारी में अपनी जनता को स्वास्थ्यविषयक ईलाज़ की आपूर्ति करना तथा अन्य सुविधा देने के लिए यह कर्ज़सहायता दी जा रही है, ऐसा मुद्राकोश ने कहा है। इन ग़रीब देशों को अगले छ: महीनों तक कोरोनावायरस का मुक़ाबला करने के लिए आपत्कालीन वैद्यकीय तथा अन्य सहायता ली आपूर्ति भी की जानेवाली है।

फिलहाल सीसीआरटी के पास ५० अरब डॉलर्स इतनी राशि है। इस राशि की आपूर्ति अमरीका, चीन, जापान, ब्रिटन और नेदरलॅंड इन देशों ने की है। विकसनशील देश भी सीसीआरटी में निधि की आपूर्ति करें, ऐसा आवाहन आयएमएफ की प्रमुख ने किया है।

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