चीन की लष्करी गतिविधियों का खतरा बढ़ने से अरुणाचल प्रदेश के ‘एलएसी’ पर सेना ने युद्ध तैयारी बढ़ाई

रूपा – ‘अरुणाचल प्रदेश की सीमा के करीबी क्षेत्र में चीन ने लष्करी गतिविधियाँ बढ़ाई हैं। इसे ध्यान में लेकर भारतीय सेना ने भी अपनी तैयारी बढ़ाई है और सेना किसी भी यकायक आनेवाली चुनौती से मुकबला करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। यदि चीन सीमा को लेकर तय किए गए संकेतों का पालन नहीं करता है तो भारतीय सेना भी इस पर पुनर्विचार किए बगैर नहीं रहेगी’, ऐसे कड़े शब्दों में भारतीय सेना के ईस्टर्न कमांड के लेफ्टनंट जनरल मनोज पांडे ने चीन को इशारा दिया है।

युद्ध तैयारीउप-राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने हाल ही में अरुणाचल प्रदेश का दौरा किया था। उनके इस दौरे को लेकर चीन ने आपत्ति जताकर अरुणाचल प्रदेश उनका ही क्षेत्र होने के दावे किए थे। भारत ने स्पष्ट शब्दों में चीन के इन दावों को ठुकराया था। इसी बीच अरुणाचल प्रदेश की सीमा के करीबी क्षेत्र में चीनी सेना की गतिविधियाँ बढ़ने की खबरें प्राप्त हो रही हैं। लद्दाख के ‘एलएसी’ पर भारतीय सेना के सामने चीन के सैनिकों की स्थिति काफी खराब हुई है और ऐसे में वहां पर तनाव से ध्यान हटाने के लिए चीन अब अरुणाचल प्रदेश एवं उत्तराखंड़ के ‘एलएसी’ पर उकसानेवाली हरकतें करता हुआ दिखाई दे रहा है।

लद्दाख के ‘एलएसी’ पर अपनी असफलता को छुपाने के लिए चीन की इन उकसानेवाली हरकतों का भारतीय सेना ने गंभीरता से संज्ञान लिया है। ‘एलएसी’ पर स्थित दुर्गम पहाड़ी इलाकों में भारत ने इस्रायल से खरीदे हुए ‘हेरॉन ड्रोन’ दिनरात नज़र रखे हुए हैं। इस वजह से चीन की घुसपैठ करने की कोशिशें नाकाम की जा रही हैं और इससे चीन की बेचैनी अधिकाधिक बढ़ रही हैं। ऐसी स्थिति में अरुणाचल प्रदेश के करीबी ‘एलएसी’ पर चीन की हरकतों पर भारतीय सेना ने कड़ी नज़र रखी होने का अहसास लेफ्टनंट जनरल पांडे ने कराया।

लष्करी दल, तोंप का हमला करनेवाला दल, हवाई सुरक्षा, टैंक एवं रसद और ज़रूरी सामान की आपूर्ति करनेवाली व्यवस्था, सबकुछ पूरी तरह से तैयार है और इसके ज़रिये सेना की क्षमता प्रचंड़ मात्रा में बढ़ाई जा रही है। सेना के इस ‘इंटिग्रेटेड बैटल ग्रूप्स-आयबीजीज्‌’ की तैयारी की वजह से तेज़ी से परिवहन और तैनाती मुमकिन हो रहा है। साथ ही भारत ने ‘एलएसी’ पर बड़ी मात्रा में बुनियादी सुविधाओं के प्रकल्प शुरू किए हैं और इससे सेना को बड़ा लाभ होने की बात पर भी लेफ्टनंट जनरल पांडे ने ध्यान आकर्षित किया। साथ ही इस क्षेत्र में भारतीय सेना की गश्‍त लगाने की क्षमता भी प्रचंड़ मात्रा में बढ़ने की ओर भी लेफ्टनंट जनरल मनोज पांडे ने ध्यान दिलाया।

इसी बीच, भारत और चीन के ‘एलएसी’ को लेकर दोनों देशों में सीमा व्यवस्थापन समझौता हुआ है। इस समझौते का पालन चीन द्वारा नहीं हो रहा है और चीन की सेना ने इस समझौते का लगातार उल्लंघन करने की बात भी सामने आ रही है। इसका दाखिला देकर लेफ्टनंट जनरल पांडे ने चीन की इन हरकतों पर गौर करके भारत भी इस समझौते के प्रावधानों का पालन करने पर पुनर्विचार कर रहा है, यह संदेश उन्होंने चीन को दिया है। कुछ हफ्ते पहले ही भारतीय सेना के एक अधिकारी ने हमारी सेना ‘एलएसी’ पर अधिक आक्रामक हो सकती है, यह इशारा चीन को दिया था। साथ ही भारतीय सेना अफसरों के लिए तिब्बती भाषा के वर्ग शुरू करके भारत ने तिब्बत संबंधी अपनी भूमिका में बदलाव करने की तैयारी करने की बात दिखाई देने लगी है।

दोनों देशों के समझौते के अनुसार भारत ने तिब्बत चीन का हिस्सा होने की बात स्वीकारी थी। लेकिन, अरुणाचल प्रदेश तिब्बत का है एवं इससे हमारा हिस्सा बनने के दावे करनेवाले चीन को सीधा करने के लिए भारत ने अपनी नीति बदलने की तैयारी की है और इससे चीन को बड़ा नुकसान पहुँच सकता है।

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