जम्मू-कश्‍मीर में सुरक्षा बलों के सामने ‘हायब्रिड’ आतंकियों को रोकने की चुनौती

श्रीनगर – जम्मू-कश्‍मीर में आतंकवाद विरोधी मोर्चे पर सुरक्षा बलों को नई चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। यह चुनौती ‘हायब्रिड’ आतंकियों की है और इन आतंकियों की तलाश करने में सुरक्षा बलों के लिए कठिन हो रहा है। कश्‍मीर घाटी में हायब्रिड आतंकियों की इस मौजूदगी के पीछे पाकिस्तान और उसकी गुप्तचर संगठन ‘आयएसआय’ होने का अफसरों का कहना है। 

बीते कुछ महीनों में जम्मू-कश्‍मीर में आतंकी मामलों में गिरावट आई है। लेकिन, ‘हायब्रिड’ आतंकियों के स्वरूप में नई चुनौती खड़ी होने की सुरक्षा अफसरों का कहना है। ‘हायब्रिड’ आतंकी यानी ऐसे आतंकी जिनका नाम आतंकियों की सूचि में दर्ज़ नहीं होता। यह आतंकी आम जीवन जीते हैं। लेकिन, आतंकी हमले करने तक वे चरमपंथी बने होते हैं। हमला करने के बाद यह आतंकी फिर से आम जीवन जीने लगते हैं। किसी भी आतंकी संगठन से ताल्लुकात ना रखनेवाले, अप्रशिक्षित होने के बावजूद आतंकी हमले करने के लिए प्रेरित करने के साथ ही हमला करने की क्षमता रखनेवालों को ‘हायब्रिड’ आतंकी कहा जाता है। यानी की आतंकी हरकत करने के लिए चरमपंथियों ने तैयार किए हुए युवा, लेकिन जिन्हें ‘स्टैण्डबाय’ रखा गया हो, उन्हें ‘हायब्रिड’ आतंकी कहा जा सकता है, यह बात अफसरों ने रेखांकित की है।

ऐसे आतंकी जिन्हें हस्तकों से सूचना प्राप्त होते ही आतंकी हमले करते हैं और अगला आदेश प्राप्त होने तक आम जीवन जीते रहते हैं। कश्‍मीर घाटी में बीते कुछ हफ्तों में आसानी से लक्ष्य होने जैसे ठिकानों पर आतंकी हमले बढ़ते दिखाई दिए हैं। इनमें से अधिकांश हमलों में पिस्तौल का इस्तेमाल किया गया है। इन हमलों में शामिल आतंकियों का कहीं पर भी दहशतवादी के तौर पर नाम दर्ज़ ना होने से उनकी तलाश करना कठिन होता है, यह जानकारी सुरक्षा बल के अफसर ने साझा की है। ‘हायब्रिड’ आतंकियों की कश्‍मीर घाटी में मौजूदगी के पीछे पाकिस्तान और उसका गुप्तचर संगठन ‘आयएसआय’ का हाथ होने का इन अफसरों का कहना है।

इससे पाकिस्तान की हताशा सामने आती है। इसी वजह से अब घाटी में आतंकवाद फैलाने के लिए पाकिस्तान यह नई पद्धति अपना रहा है। निशस्त्र छोटे व्यापारी, कारोबारी, समाज सेवक, कार्यकर्ता, राजकीय नेता एवं किसी भी सुरक्षा के बिना रहनेवाली पुलिस को लक्ष्य किया जा रहा है।

जम्मू-कश्‍मीर में कारोबारी और सामाजिक गतिविधियों को रोकना ही इन हमलों का उद्देश्‍य है। साथ ही अलगाववादियों के खिलाफ बयान करनेवालों को, अलगाववाद और आतंकियों को बढ़ावा देनेवालों की आलोचना करनेवालों की आवाज़ इस तरह से बंद की जा रही है, ऐसा इस अफसर का कहना है। इस वजह से ‘हायब्रिड’ आतंकियों का लक्ष्य किसी भी तरह का विचार किए बगैर तय किया नहीं जाता, बल्कि योजनाबद्ध साज़िश के तहत इन हमलों को अंजाम दिया जा रहा है, इस ओर वर्णित अधिकारी ध्यान आकर्षित कर रहे हैं।

जम्मू-कश्‍मीर में ‘ड्रोन’ के इस्तेमाल पर प्रतिबंध

‘ड्रोन’ के ज़रिये हवाई अड्डे पर हुए आतंकी हमले की पृष्ठभूमि पर अब प्रशासन ने जम्मू-कश्‍मीर में ‘ड्रोन’ के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाए हैं। सरकारी कामों के अलावा अन्य लोगों को ‘ड्रोन’ का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं है। विवाह एवं अन्य समारोहों के साथ कई निजी कार्यक्रमों में चित्रिकरण के लिए ‘ड्रोन’ का इस्तेमाल होता है। साथ ही कुछ लोगों ने निजी ‘ड्रोन’ किए हैं। इन सभी लोगों के लिए अब बिना अनुमति ‘ड्रोन’ का इस्तेमाल करना संभव नहीं होगा।

जिनके पास ‘ड्रोन’ हैं उन्हें इसकी जानकारी प्रशासन को देनी होगी। साथ ही लष्करी अड्डा, हवाई अड्डा, सचिवालय से दो से तीन किलोमीटर के दायरे में किसी को ‘ड्रोन’ उड़ाने की अनुमति नहीं होगी। साथ ही विवाह समारोह में ‘ड्रोन’ इस्तेमाल करने के लिए अनुमति लेनी पड़ेगी। इसके बाद एक पहचान क्रमांक जारी करके ही अनुमति दी जाएगी और ऐसे ‘ड्रोन’ के इस्तेमाल की पूरी जानकारी रखी जाएगी।

सैदीपोरा में १७ जून के दिन आतंकियों ने एक पुलिसवाले को लक्ष्य किया था। २२ जून के दिन कानिपोरा नौगाम में एक ‘सीआयडी’ अफसर की हत्या की गई। २३ जून के दिन श्रीनगर के हाब्बाकाड़ में एक २५ वर्ष के दुकानदार की गोली मारकर हत्या की गई। २७ जून के दिन पुलवामा में एक विशेष पुलिस अधिकारी को उसकी पत्नी और बच्ची समेत देर रात हमला करके आतंकियों ने मार दिया। हाल में घटी ऐसी घटनाओं की ओर सुरक्षा अधिकारी ने ध्यान आकर्षित किया है।

सुरक्षा बल आतंकियों का यह मोड्यूल जल्द ही तबाह करेंगे। आतंकी गतिविधियों में पूरी तरह से व्यस्त रहनेवालों की तलाश कर पाना मुमकिन होता है। लेकिन, इस पद्धति से किसी समय आतंकी हरकत करनेवालों की एवं आम जीवन जीनेवालों का ‘स्लीपर सेल’ या ‘हायब्रिड’ आतंकियों की तलाश करने में कठिनाई होती है। क्योंकि, इनका नाम कहीं भी बतौर आतंकी दर्ज़ नहीं हुआ होता। लेकिन, हमने गश्‍त बढ़ाई है। हम ऐसी हरकतों पर नज़र रखे हुए हैं। ऐसे आतंकियों को जल्द ही पकड़ेंगे, यह विश्‍वास एक अफसर ने व्यक्त किया।

 

 

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