सऊदी के अराम्को इंधन प्रोजेक्ट्स पर हाउथी बागियों के ड्रोन, क्षेपणास्त्र हमले

saudi-aramco-houthi-attacks-2रियाध – संयुक्त राष्ट्रसंघ और सऊदी अरब ने दिया संघर्षबंदी का प्रस्ताव ठुकराकर हाउथी बागियों ने सऊदी पर ड्रोन और क्षेपणास्त्र हमले किए। रविवार को सुबह सऊदी की अग्रसर अराम्को कंपनी के इंधन प्रोजेक्ट्स पर ये हमले हुए। इस हमले में किसी भी प्रकार की हानि नहीं हुई है, ऐसा साउदी ने कहा है। लेकिन संघर्षबंदी ठुकराकर हमले करनेवाले हाउथी बागियों को आनेवाले समय में इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी, ऐसी चेतावनी अरब मित्र देशों का लष्करी मोरचा दे रहा है।

saudi-aramco-houthi-attacks-3यमन के हाउथी बागियों ने रेड सी के सागरी क्षेत्र के पास होनेवाले सऊदी की अराम्को कंपनी के अलग-अलग इंधन प्रोजेक्ट्स और तेल शुद्धीकरण प्रोजेक्ट्स को लक्ष्य किया। इनमें से यांबू बंदरगाह में होनेवाले अराम्को के ‘एलएनजी’ प्रोजेक्ट पर हाउथी बागियों ने बड़ा हमला किया। इसमें यांबू प्रोजेक्ट में आग लगकर कुछ भाग का नुकसान हुआ। लेकिन जीवित हानि टली और ईंधन की सप्लाई पर किसी भी प्रकार का असर नहीं हुआ, ऐसी जानकारी सऊदी की यंत्रणा ने दी।

यांबू समेत सऊदी के जिझान प्रांत के अल-शकीक टर्मिनल तथा खमिस मुशैत शहर के ईंधन स्टेशन पर भी हाउथी बागियों ने हमले किए। इन हमलों के कारण ईंधन की सप्लाई पर कतई फर्क नहीं पड़ा है, ऐसा अराम्को के अध्यक्ष अमिन एच. नासिर ने स्पष्ट किया। सऊदी की यंत्रणा होने इन हमलों के फोटोग्राफ और वीडियो जारी करके हाउथी के हमलों की जानकारी दी।

saudi-aramco-houthi-attacks-1हाउथी बागियों ने भी यांबू तथा अन्य भागों में अराम्को के प्रोजेक्ट्स पर हुए हमले की ज़िम्मेदारी का स्वीकार किया। साथ ही, सऊदी के प्रमुख स्थानों पर लक्ष्य किया होकर, आने वाले समय में भी ये हमले शुरु रहेंगे, ऐसा हाउथी बागी संगठन के प्रवक्ता याह्या सरी ने बताया। कुछ घंटे पहले हाउथी बागियों ने संघर्ष बंदी का प्रस्ताव ठुकराया था।

संयुक्त राष्ट्रसंघ और सऊदी अरब ने यमन के सभी गुटों को संघर्ष बंदी का आवाहन किया था। साथ ही, यमन की जनता तक मानवतावादी सहायता की आपूर्ति करने की आवश्यकता को मद्देनज़र रखते हुए सभी गुट चर्चा शुरू करें, ऐसा प्रस्ताव सऊदी ने दिया था। इसके लिए सऊदी ने मध्यस्थता करने का ऐलान किया था। लेकिन सऊदी की मध्यस्थता में किसी भी प्रकार की चर्चा संभव नहीं है, यह बताकर हाउथी बागियों ने इस संघर्ष बंदी से किनारा किया। इसके बाद हाउथियों ने सऊदी पर किया यह पहला बड़ा हमला साबित होता है।

इसी बीच, रशिया-युक्रेन युद्ध के कारण मुश्किल में फँसे युरोपीय देशों के लिए सऊदी अरब इंधन का उत्पादन बढ़ाएँ, इसके लिए बायडेन प्रशासन सऊदी पर दबाव बढ़ा रहा है। सऊदी ने बायडेन प्रशासन की यह माँग अमान्य की है। ऐसी परिस्थिति में, रेड सी के क्षेत्र में सऊदी के इंधन प्रोजेक्ट्स पर हाउथी बागियों के ये हमले गौरतलब साबित होते हैं।

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