हिज़बुल्लाह सीरिया के रासायनिक शस्त्रों का इस्रायल के विरोध में इस्तेमाल करेगी – अंतरराष्ट्रीय अभ्यास गुट की चेतावनी

तेल अवीव – दस वर्ष पहले सीरिया की अस्साद हुकूमत ने रासायनिक शस्त्रों का भंड़ार नष्ट या संयुक्त राष्ट्र संघ को सौंपने का दावा किया गया था। लेकिन, सीरिया के पास आज़ भी रासायनिक शस्त्र हैं और ईरान इसपर काम कर रहा हैं। आगे के दिनों में इस्रायल के साथ युद्ध हुआ तो हिज़बुल्लाह या ईरान से जुड़ी अन्य आतंकवादी संगठन इनका इस्रायल के विरोध में इस्तेमाल कर सकते हैं, ऐसी चेतावनी अंतरराष्ट्रीय अभ्यास गुट ने दी। पिछले कुछ सालों से सीरिया में ईरान की बढ़ती सैन्य गतिविधियों पर इस अभ्यास गुट ने ध्यान आकर्षित करके यह दावा किया है। इसी बीच, सीरिया रासायनिक शस्त्रों से मुक्त होने का पहले किया गया दावा झुठ साबित होता दिख रहा है।

वर्ष २००६ में इस्रायल और लेबनान की हिज़बुल्लाह का ३४ दिनों का संघर्ष हुआ था। हिज़बुललाह ने इस्रायल को रोकने की वजह से लेबनान एवं सीरिया की इस आतंकवादी संगठन का प्रभाव बढ़ा था। उसी दौर में ईरान ने सीरिया के रासायनिक शस्त्रों में अपना हिस्सा बढ़ाया और रॉकेटस्‌ एवं मिसाइल निर्माण पर ध्यान आकर्षित किया। वर्ष २०११ में सीरिया में अस्साद हुकूमत के विरोध में गृहयुद्ध शुरू होने के बाद ईरान ने इन रासायनिक शस्त्रों के निर्माण प्रकल्प पर कब्ज़ा करने का दावा ‘अल्मा रिसर्च ॲण्ड एज्युकेशन सेंटर’ नामक अभ्यास गुट ने किया।

इस गृहयुद्ध में अस्साद हुकूमत ने सीरियन जनता पर रासायनिक शस्त्रों का इस्तेमाल करने के आरोप लगाए थे। सीरिया की ब्रिटीश मानव अधिकार संगठन ने इसकी पुष्टि करने वाले फोटो और जानकारी सार्वजनिक करने के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अस्साद हुकूमत पर दबाव बढ़ाया गया। आगे वर्ष २०१३ में संयुक्त राष्ट्र संघ की ‘ऑर्गनाइजेशन फॉर द प्रोहिबीशन ऑफ केमिकल वेपन्स’ (ओपीसीडब्ल्यू) संगठन ने सीरिया के रासायनिक शस्त्र और सामान पर कब्ज़ा करने की प्रक्रिया शुरू की थी। मात्र कुछ ही दिनों में सीरिया के रासायनिक शस्त्रों का पूरा भंड़ार जब्त करने का दावा ‘ओपीसीडब्ल्यू’ ने किया था। अमरीका के उस समय के राष्ट्राध्यक्ष बराक ओबामा ने इसका स्वागत किया था।

इस घटना के दस वर्ष पूरे हुए हैं और सीरिया के पास आज़ भरी रासायनिक शस्त्रों का भंड़ार होने का दावा ‘अल्मा रिसर्च ॲण्ड एज्युकेशन सेंटर’ ने किया। राजधानी दमास्कस के साथ अन्य प्रमुख सैन्य ठिकानों पर सीरिया ने रासायनिक शस्त्र छिपा कर रखा हैं, ऐसा इस अभ्यास गुट का कहना है। आज सीरिया की रासायनिक क्षमता काफी बड़ी हैं। अपनी सुरक्षा के लिए सीरिया यह रासायनिक हथियार रखे हैं, ऐसा दावा अस्साद हुकूमत कर रही है, इसपर भी इस अभ्यास गुट ने ध्यान आकर्षित किया। मिसाइल, रॉकेटस्‌ एवं मॉर्टर पर यह रासायनिक विस्फोटक लगे होने की जानकारी इस अभ्यास गुट ने प्रदान की।

ईरान ने सीरिया की फैक्टरी में इन शस्त्रों का निर्माण किया हैं और आगे के समय में ईरान हथियारों का यह भंड़ार हिज़बुल्लाह या अन्य आतंकी संगठनों को सौंप सकता हैं। इस्रायल विरोधी युद्ध में हिजबुल्लाह या अन्य आतंकी संगठन इसका इस्तेमाल कर सकते हैं, ऐसी चेतावनी इस अभ्यास गुट ने दी है। ड्रोन पर भी यह रासायनिक विस्फोटक लगाने का विचार ईरान कर रहा हैं, ऐसा दावा वर्णित अभ्यास गुट ने किया है। सीरिया का यह कारखाना ईरान के लिए उन्नत हथियार या विस्फोटकों का निर्माण करने का अहम ठिकान बन रहा हैं, ऐसा इस अभ्यास गुट का कहना है।

इसी बीच, पिछले कुछ महीनों में इस्रायल ने सीरिया के हथियारों का भंड़ार या तस्करी करने के लिए इस्तेमाल हो रहे वाहन नष्ट किए हैं। इस्रायल के यह हमले ईरान के बने हथियारों को लक्ष्य करने के लिए थे, ऐसा दावा इस अभ्यास गुट ने किया। साथ ही हिज़बुल्लाह को सीरिया के रासायनिक शस्त्रों से तैयार करके ईरान अप्रत्यक्ष युद्ध ही इस्रायल के विरोध में शुरू कर सकता हैं, इस संभावना पर भी वर्णित अभ्यास गुट ने ध्यान आकर्षित किया है।

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