अप्रैल में ‘जीएसटी’ संकलन १.८७ लाख करोड़ हुआ – प्रधानमंत्री ने इसे भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बड़ी खबर बताया

नई दिल्ली – अप्रैल महीने में ‘वस्तू एवं सेवा कर’ (जीएसटी) संकलन अबतक के सर्वोच्च स्तर पर जा पहुंचा हैं। नए आर्थिक वर्ष के पहले महीने में ही १.८७ लाख करोड़ रुपये ‘जीएसटी’ संकलन हुआ हैं। मार्च में प्राप्त ‘जीएसटी’ से अप्रैल का संकलन १२ प्रतिशत अधिक है। ‘जीएसटी’ संकलन की यह बढ़ोतरी भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए खूश खबर समझी जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसे भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बड़ी खबर बताया है।

‘जीएसटी’ संकलनअप्रैल महीने में ‘जीएसटी’ संकलन बड़ी बढ़ोतरी के साथ कुल १.८७ लाख करोड़ तक पहुंचा हैं। किसी एक महीने में ‘जीएसटी’ संकलन पहली बार पावने दो लाख करोड़ से अधिक हुआ हैं। इससे पहले पिछले महीने देश में १.६८ लाख करोड़ जीएसटी संकलन हुआ था। पिछले कुछ महीनों से जीएसटी संकलन हर महीने १.४ लाख करोड़ से आगे रहा हैं और आखरी तीन महीनों का ‘जीएसटी’ संकलन डेढ़ लाख करोड़ से अधिक हो रहा हैं।

इस दौरान ‘आईजीएसटी’ संकलन में भी बड़ी बढ़ोतरी हुई हैं। १.८७ लाख करोड़ रुपये जीएसटी संकलन में ८९ लाख १५९ करोड़ संकलन ‘आईजीएसटी’ का हैं। ‘आईजीएसटी’ में आयात सामान पर संकलित कर की राशि ४३ लाख ९७२ करोड़ रुपये हैं। इसके अलावा केंद्रीय जीएसटी ३८ लाख करोड़ रुपये, राज्यों को प्राप्त ‘एसजीएसटी’ संकलन ४७ लाख करोड़ रुपये हुआ हैं। इसके साथ ही अप्रैल में सरकार को उपकर के माध्यम से १२.२५ लाख करोड़ रुपये राजस्व प्राप्त हुआ है।

‘जीएसटी’ संकलन की हुई बढ़ोतरी भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए शुभ संकेत समझे जा रहे हैं। मांग प्रचंड़ बढ़ी हैं और अर्थव्यवस्था ने सामान्य स्तर पर पहुंचकर गति प्राप्त की हैं, यही बात ‘जीएसटी’ संकलन की बढ़ोतरी दर्शाती हैं, यह विश्लेषकों का कहना हैं। ‘जीएसटी’ संकलन प्रक्रिया में हुई सुलभता भी इस बढ़ोतरी में अहम साबित हो रही हैं, इसपर विशेषज्ञ ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कर का दर कम होने के बावजूद महसूल संकलन अधिक होने के मुद्दे पर ध्यान आकर्षित किया हैं और ‘जीएसटी’ संकलन प्रणाली की सफलता का यह दाखिला होने का बयान किया हैं। 

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