रुपए की गिरावट को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने किए अहम निर्णय

नई दिल्ली – अमरिकी डॉलर की तुलना में भारतीय रुपए की गिरावट जारी है और यह भारत के लिए चिंता का विषय होगा। डॉलर की तुलना में भारतीय रुपये की ७९.११ तक आई गिरावट चिंता का विषण होने का बयान पूरे देश से प्राप्त हो रहा था। लेकिन, शुक्रवार को १२ पैसों की बढ़ोतरी के साथ रुपये का मूल्य ७८.९४ हुआ। ऐसे में केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारामन ने यह जानकारी साझा की कि, आनेवाले समय में रुपये विनिमय दर के मुद्दे पर हम रिज़र्व बैंक के साथ लगातार बातचीत करेंगे। इसके साथ ही सोने के आयात पर पांच प्रतिशत कर बढ़ाकर देश से हो रहे र्इंधन निर्यात को लगाम लगाकर सरकार रुपये की गिरावट रोकने की कोशिश कर रही है।

रुपए की गिरावटयूक्रेन युद्ध की वजह से निर्माण हुई स्थिति ने पूरे विश्‍व के सभी देशों की अर्थव्यवस्थाओं के सामने गंभीर चुनौती खड़ी की है। डॉलर की तुलना में पूरे विश्‍व में प्रमुख देशों की मुद्राओं में गिरावट दर्ज़ हो रही है। अमरीका और यूरोपिय देशों में महंगाई का दर विक्रमी स्तर पर पहुँचा है और ऐसी स्थिति में भारतीय अर्थव्यवस्था के सामने भी गंभीर चुनौतियाँ खड़ी हैं। डॉलर की तुलना में रुपये की गिरावट को रोकने के लिए सरकार आवश्‍यक कदम उठाए, ऐसी माँग हो रही है। ऐसे में ही यूक्रेन युद्ध की वजह से र्इंधन की कीमतों में बढ़ोतरी और अन्य कारणों की वजह से विदेशी निवेशक भारत से अपना निवेश निकाल रहे हैं, इसका असर भी रुपये की गिरावट पर हो रहा हैं।

इसके मद्देनज़र केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारामन ने रुपये के विनिमय दर के मुद्दे पर लगातार रिज़र्व बैंक के लगातार संपर्क में होने की जानकारी साझा की। रुपये के मूल्य में गिरावट आई तो आयात का खर्च बढता है, इसका हमें पूरा अहसास होने का बयान वित्तमंत्री सीतारामन ने किया।

इसमें र्इंधन की कीमतों में उछाल जारी होने की स्थिति में देश से र्इंधन का विदेश में निर्यात करने पर कर लगाने के निर्णय का समावेश है। र्इंधन का शुद्धिकरण करनेवाली कुछ कंपनियाँ देश की माँग को नज़रअंदाज करके र्इंधन निर्यात कर रही हैं। इससे उन्होंने भारी मुनाफा कमाया है।

इस वजह से सरकार को इन कंपनियों द्वारा र्इंधन निर्यात पर कर लगाने का निर्णय करना पड़ा, ऐसा वित्तमंत्री ने कहा। यह कर देश में र्इंधन की आपूर्ति बढ़ाने के लिए हैं, ऐसा वित्तमंत्री ने स्पष्ट किया। साथ ही सोने के आयात का कर ७.५ प्रतिशत से बढ़ाकर १२.५ प्रतिशत करने का ऐलान वित्तमंत्री सीतारामन ने किया।

मई में भारत ने तकरीबन १०७ टन सोना आयात किया। अब जून महीने में भी सोने की आयात बढ़ाने की बात कही जा रही हैं। सोने की आयात का असर देश की अर्थव्यवसस्था पर हो रहा हैं, ऐसा कहकर इससे वित्तीय नुकसान बढ़ रहा है, यह जानकारी केंद्रीय अर्थ मंत्रालय ने साझा की। इसके लिए सोने के आयात का कर पांच प्रतिशत बढ़ाया दिख रहा है।

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