मार्च महीने में जीएसटी रिकॉर्ड स्तर पर – राजस्व एक लाख २४ हज़ार करोड़ रुपए के पास

नई दिल्ली – मार्च महीने में वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) के जरिए लगभग एक लाख २४ हज़ार करोड़ों रुपयों का रिकॉर्ड राजस्व प्राप्त हुआ कमा ऐसा केंद्र सरकार ने कहा है। पिछले साल के मार्च महीने की तुलना में इसमें २७ प्रतिशत की लक्षणीय बढ़ोतरी हुई है। साथ ही पिछले छह महीनों से १ लाख करोड़ रुपए से अधिक मात्रा में जीएसटी प्राप्त हो रहा है और यह बात देश की अर्थव्यवस्था सुधर रही होने के संकेत दे रही है।

जागतिक बैंक, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष तथा अन्य वित्त संस्थाओं ने भारतीय अर्थव्यवस्था कोरोना का संकट पीछे छोड़ कर उड़ान भरने की तैयारी में होने के निष्कर्ष दर्ज किए हैं। इस वित्तीय वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था लगभग ७.५ से १२.५ प्रतिशत के बीच तेजी से प्रगति करेगी, ऐसा जागतिक बैंक के अर्थ विशेषज्ञों ने हाल ही में कहा था। उसके बाद मार्च महीने में अब तक का सर्वाधिक जीएसटी जमा होने की जानकारी केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने दी।

लगभग एक लाख, २३ हज़ार, ९०२ करोड रुपए इतना जीएसटी मार्च महीने में प्राप्त हुआ है। इसमें ‘सीजीएसटी’ यानी केंद्रीय वस्तु और सेवा कर का प्रमाण २२ हज़ार, ९७३ करोड़ इतना है; वहीं, ‘एसजीएसटी’ यानी राज्यों के वस्तु और सेवा कर का प्रमाण लगभग २९ हज़ार, ३२९ करोड रुपए इतना है। ‘आयजीएसटी’ यानी करपात्र व्यवहारों का राजस्व ६२ हज़ार, ८४२ करोड़ रुपये इतना होकर, इसमें आयात की गई वस्तुओं पर के कर का प्रमाण लगभग ३१ हज़ार, ९७ करोड़ रुपए इतना है। साथ ही, उस पर लगाए गए सेस यानी उपकर से आठ हज़ार, ७५७ करोड़ रुपयों का राजस्व प्राप्त हुआ है।

जाली बिलों पर रखी गई कड़ी नजर, जीएसटी तथा अन्य स्रोतों से प्राप्त हुए डाटा का गहराई से परीक्षण, आयकर और कस्टम विभाग की आयटी सिस्टीम्स के द्वारा करपद्धति का व्यवस्थापन, इन सभी बातों का जीएसटी की वृद्धि में बड़ा सहभाग है, ऐसा वित्त मंत्रालय ने कहा है। पिछले साल के मार्च महीने के जीएसटी की तुलना में इस साल प्राप्त हुआ जीएसटी २७ प्रतिशत अधिक है। आनेवाले दौर में इसमें अधिक ही बढ़ोतरी होगी, ऐसा विश्वास ज़ाहिर किया जाता है। उसी समय, जीएसटी में हो रही रिकॉर्ड बढ़ोतरी ये संकेत दे रही है कि देश का अर्थकारण पूर्ववत हो रहा है, ऐसा अर्थ विशेषज्ञ तथा उद्योग क्षेत्र के मान्यवरों का कहना है।

जागतिक बैंक, अन्तर्राष्ट्रीय मुद्राकोष द्वारा भारतीय अर्थव्यवस्था के दमदार प्रदर्शन का यकीन दिलाया जा रहा है कि तभी विदेशी संस्थागत निवेश अर्थात ‘फॉरिन पोर्टफोलिओ इन्व्हेस्टमेंट -पीएफआय’ में रिकॉर्ड बढ़ोतरी होने की बात सामने आई है। बुधवार को खत्म हुए २०२०-२१ इस वित्तीय वर्ष में देश में लगभग २.६ लाख करोड रुपए की एफपीआय आई होने की बात बताई जाती है।

इसी से स्पष्ट हुआ है कि विदेशी निवेशक भी भारतीय अर्थव्यवस्था पर विश्वास दर्शा रहे हैं। यह शुरुआत होकर, आनेवाले समय में भारतीय अर्थव्यवस्था में बड़े पैमाने पर निवेश होगा, ऐसा विश्वास कुछ अर्थविशेषज्ञ ज़ाहिर कर रहे हैं।

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