युक्रेन सीमा के पास रशियन लष्कर की बढ़ती तैनाती चिंताजनक – विश्लेषकों का दावा

युक्रेन सीमामॉस्को/किव्ह – रशिया ने युक्रेन सीमा के पास फिर एक बार लष्कर की तैनाती बढ़ाने की शुरुआत की होकर, ये नए संघर्ष के संकेत हो सकते हैं, ऐसी चिंता विश्लेषकों ने ज़ाहिर की है। युक्रेन के वरिष्ठ अधिकारियों ने जानकारी दी है कि रशिया ने लगभग ८० से ९० हज़ार सैनिक सीमा के पास तैनात किए हैं। पिछले छह महीनों में युक्रेन सीमा के पास इतने बड़े पैमाने पर दूसरी बार तैनाती की गई है। इससे रशिया के इरादों पर सवाल उपस्थित हुआ है। कुछ ही दिन पहले रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन ने, युक्रेन में नाटो की बढ़ती गतिविधियाँ रशिया के लिए ‘रेड लाईन’ होगी, ऐसी चेतावनी दी थी।

युक्रेन सीमाअमरीका के ‘द वॉशिंग्टन पोस्ट’ इस अखबार ने इस मामले में ख़बर दी है। इसमें सोशल मीडिया में जारी हुए वीडियो तथा सेटेलाइट फोटोग्राफ्स का ज़िक्र किया गया है। ‘सीएनए’ इस अभ्यास गुट के निदेशक मायकल कॉफमन ने रशियन तैनाती के संदर्भ में जानकारी दी है। किसी भी अभ्यास अथवा ड्रिल के आयोजन की जानकारी नहीं दी गई है, इसके बावजूद भी इतने बड़े पैमाने पर सेना तैनाती चिंता का कारण साबित होती है, इस पर कॉफमन ने गौर फरमाया। सितंबर महीने में बेलारूस के साथ हुए लष्करी अभ्यास के बाद यह तैनाती बढ़ी होने का दावा कुछ विश्लेषकों ने किया है।

युक्रेन सीमारशियन लष्कर का भाग होनेवाली ‘41 कम्बाईन्ड् आर्म्स आर्मी’ यह लश्करी टुकड़ी बेलारूस में हुए अभ्यास के बाद वापस न जाते हुए, युक्रेन सीमा पर गई दिखाई दी है। उसी समय राजधानी मॉस्को के पास तैनात होने वाली ‘1 गार्डस् टँक आर्मी’ यह टुकड़ी भी यूक्रेन की दिशा में रवाना कर दी गई है। युक्रेन के ‘नॅशनल सिक्युरिटी अ‍ॅण्ड डिफेन्स कौन्सिल’ के सचिव ओलेक्सि डॅनिलोव्ह ने, युक्रेन सीमा पर ८० से ९० हज़ार रशियन लष्कर तैनात होने का दावा किया है। ‘झॅपड 2021’ अभ्यास के बाद रशिया ने अपनी शस्त्र सामग्री तथा कंट्रोल अ‍ॅण्ड कम्युनिकेशन्स सेंटर्स युक्रेन सीमा के पास रखी होने की बात भी उन्होंने बताई।

कॉफमन ने, रशियन नेतृत्व की युक्रेन संबंधित नीति अधिक आक्रामक होने का एहसास करा दिया है। इससे पहले युक्रेन की नाटो में सदस्यता रशिया के लिए चिंताजनक साबित हो रही थी, लेकिन अब युक्रेन में नाटो की गतिविधियाँ भी ‘रेड लाईन’ है ऐसा रशिया द्वारा बताया जा रहा है, यह ‘सीएनए’ के निदेशक ने नमूद किया।

रशियन इंधन वाहिनी ने जर्मनी से इंधन खींचा होने का दावा

मॉस्को – रशिया से युरोपीय देशों को इंधन सप्लाई करनेवाली ‘यामल-युरोप’ इंधन वाहिनी ने, जर्मनी से इंधन वायु उलटी दिशा में खींचा होने का दावा किया गया है। रशिया युरोपीय देशों को कम इंधन सप्लाई करने के आरोप हो रहे हैं, ऐसे में यह घटना घटित होने के कारण सनसनी मची है। इस घटना के बाद कुछ समय रशिया से युरोपीय देशों को होनेवाली इंधन सप्लाई रुकी थी। लेकिन अब युरोप के देशों को इंधन सप्लाई हो रही है, ऐसा ‘गाझप्रोम’ इस रशियन कंपनी द्वारा बताया गया। अमरीका के ‘न्यूयॉर्क टाईम्स’ ने इस मामले में खबर प्रकाशित की है।

 

 

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