तुर्की के आक्रामक बयानों की पृष्ठभूमि पर, ग्रीस द्वारा क्रेटे द्वीप से सटी सीमा बढ़ाने के लिए गतिविधियाँ

अथेन्स/इस्तंबूल – तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष रेसेप एर्दोगन तथा अन्य नेताओं द्वारा लगातार दी जानेवालीं धमकियों की पृष्ठभूमि पर, ग्रीस ने अपनी सीमा अधिक बढ़ाने के लिए गतिविधियाँ शुरू की हैं। भूमध्य समुद्र में रहने वाले क्रेटे द्वीप के पास की सीमा 12 नॉटिकल मीलों तक बढ़ाने के लिए प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है, ऐसी खबर ग्रीक माध्यमों ने दी। एजिअन तथा भूमध्य सागरी क्षेत्र स्थित द्वीप और इंधन क्षेत्रों को लेकर ग्रीस और तुर्की के बीच ज़बरदस्त तनाव है। ऐसे में ग्रीस ने सीमा बढ़ाने का फैसला किया, तो तुर्की की ओर से उस पर तीव्र प्रतिक्रिया आने की संभावना है।

तुर्की और ग्रीस के बीच पिछले कुछ सालों से ‘एजिअन’ सागरी क्षेत्र स्थित द्वीप तथा ईंधन क्षेत्र के अधिकारों को लेकर बना तनाव अब बहुत ही बिगड़ गया है। तुर्की ने एजिअन सागरी क्षेत्र में ग्रीस की सीमा के भीतर इंधन क्षेत्र का संशोधन तथा उत्खनन के लिए जहाज भेजे थे। उसके पीछे-पीछे अपने रक्षा सामर्थ्य का प्रदर्शन करने के लिए विध्वंसक भी भेजे थे। तुर्की के नज़दीक होने वाले ग्रीक द्वीपों पर तैनात सेना को हटाकर ग्रीस उस पर का अपना हक छोड़ दे, ऐसी आक्रामक माँग तुर्की की हुकूमत द्वारा की गई थी।

तुर्की की इस आक्रामकता को प्रत्युत्तर देने के लिए ग्रीस ने भी अपनी रक्षा सिद्धता बढ़ाने के लिए कदम उठाए थे। उसी समय, खाड़ी क्षेत्र तथा अफ्रीका और युरोप के देशों के साथ रक्षा सहयोग मज़बूत करने की शुरुआत भी ग्रीस ने की है। इससे तुर्की अधिक ही आग बबूला हुआ होकर, ग्रीस को खुलेआम धमकियाँ देने की उसने शुरुआत की है। इस मामले में युरोपीय महासंघ और नाटो द्वारा की गई मध्यस्थता अस्थायी साबित हुई होकर, तुर्की की आक्रामकता में अभी भी बदलाव नहीं हुआ है।

लेकिन ग्रीस ने भी तुर्की की आक्रामकता को प्रत्युत्तर देने के लिए तेज़ी से कदम उठाए हैं। अमरीका समेत युरोप तथा खाड़ी देशों के साथ सहयोग बढ़ाना और रक्षा सिद्धता के लिए अतिरिक्त निधि का प्रावधान करना इस माध्यम से ग्रीस ने ये स्पष्ट संकेत दिए हैं कि तुर्की को जैसे को तैसा जवाब देने की तैयारी वह रख रहा है। ग्रीस की इस तैयारी के कारण तुर्की अधिक ही ग़ुस्सा हुआ होकर, राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन और अन्य नेता लगातार ग्रीस को धमका रहे हैं।

‘हम एक रात अचानक आकर दाखिल हो जायेंगे, ऐसा तुर्की ने इससे पहले भी धमकाया है। उम्मीद है कि तुर्की का यह संदेश ग्रीस तथा अन्य देशों की ठीक से समझ में आया है’, ऐसी गंभीर चेतावनी तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष रेसेप एर्दोगन ने अक्तूबर महीने में ने दी थी। उसके बाद, दो हफ्ते पहले, तुर्की के क्षेपणास्त्र ग्रीस की राजधानी अथेन्स पर दागे जा सकते हैं, ऐसी धमकी एर्दोगन ने दी थी। उसके बाद अब, नाटो ग्रीस के कारनामों पर ठीक से गौर करें अन्यथा मजबूरन तुर्की को कदम उठाना पड़ेगा, ऐसी चेतावनी दी गई है।

ग्रीस के नेताओं ने, तुर्की नेताओं को करारा जवाब देने के साथ ही, राजनीतिक स्तर पर भी गतिविधियाँ शुरू की हैं। फिलहाल ग्रीस-तुर्की संघर्ष में अधिकांश देश ग्रीस का समर्थन कर रहे हैं। इस सकारात्मक बात के मद्देनजर, अपना पक्ष अधिक मज़बूत करने के लिए ग्रीस ने, क्रेटे द्वीपों के पास की अपनी सीमा 12 नॉटिकल मीलों तक ले जाने का प्रस्ताव तैयार किया है। यह प्रस्ताव मंजूर करके अन्तर्राष्ट्रीय यंत्रणाओं को प्रस्तुत किया जाएगा, ऐसी जानकारी ग्रीस के माध्यमों ने दी।

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