दक्षिण सुदान के जातीय संघर्ष में 56 की मौत

दर्फूर – दक्षिण सुदान के जॉंगलेई भाग में पिछले चार दिनों से जारी संघर्ष में कम से कम 56 लोग मारे गए हैं। दक्षिण सुदान के जातीय संघर्ष काबू में नहीं आ रहे हैं और सरकार भी इसमें असफल होने का दावा किया जा रहा है। पिछले हफ्ते ही संयुक्त राष्ट्रसंघ की आम सभा में दक्षिण सुदान के जातीय संघर्ष का मुद्दा उपस्थित करके इस पर चिंता व्यक्त की गई थी।

दक्षिण सुदान के जॉंगलेई प्रांत में न्युअर और मुरले नामक इन दो समुदायों में पिछले कुछ दिनों से जातीय संघर्ष छिडा है। प्रादेशिक वर्चस्व के लिए हो रहे यह संघर्ष राष्ट्रीय तथा अंतरराष्टीय स्तर पर आवाहन किया जा रहा है। पर दोनों समुदायों के बीच संघर्ष रुका नहीं है। पिछले चार दिनों से जॉंगलेई के पूर्व इलाके में इन दोनों समुदायों के इस संघर्ष में 56 लोग मारे गए हैं। इनमें न्युअर समुदाय के 51 लोगों का समावेश होने की जानकारी सामने आ रही है।

पिछले हफ्ते ही इस संघर्ष के लिए गतिविधियां शुरु होने की जानकारी इस इलाके में तैनात संयुक्त राष्ट्रसंघ के शांति सैनिकों को दी थी। पर दक्षिण सुदान का जातीय वाद शिखर पर पहुंच चुका है और सरकार तथा अंतरराष्ट्रीय शांति सैनिकों की कोशिश भी विफल हो रही है। इसी में यहां की टोलियों को मिलनेवाले शस्त्र भंडार दक्षिण सुदान के संघर्ष को बढा रहे हैं। इसलिए दक्षिण सुदान में स्थिर्ता प्रस्थापित करना कठिन हो गया है।

सन 2011 में सुदान के विभाजन के बाद दक्षिण सुदान को आजादी मिली। इस विभाजन के कारण दक्षिण सुदान में गुटों में विवाद खत्म जाएंगे, ऐसा दावा किया गया था। पर पिछले दशकभर से दक्षिण सुदान अस्थिर्ता का सामना कर रही है इसके लिए, इसके लिए देश में जातीय संघर्ष जिम्मेदार होने की टीका हो रही है। जमीनों से लेकर पशुओं पर के अधिकारों पर इस देश में संघर्श छिडने की खबरें सामने आई हैं।

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