जम्मू-कश्मीर की हिंसा रोकने के लिए केंद्र सरकार ‘हुरियत’ के साथ चर्चा करें : सर्वपक्षीय प्रतिनिधिमंडल की माँग

नई दिल्ली, दि. ७ (पीटीआय)- केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंग की अध्यक्षता के साथ जम्मू-कश्मीर की यात्रा कर आये सर्वपक्षीय प्रतिनिधिमंडल की बैठक हुई| केंद्र सरकार इस राज्य के सभी सदस्यों से साथ वार्तालाप करके इस समस्या का हल निकालें, ऐसी माँग इस प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने की है| वहीं, कुछ लोगों ने, इस प्रतिनिधिमंडल की कश्मीर यात्रा से कुछ हासिल नहीं हुआ, यह आरोप लगाया है| दरअसल प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों से मुलाक़ात करन से इन्कार करनेवाले ‘हुरियत कॉन्फरन्स’ के नेताओं की जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री ने जमकर आलोचना की| चर्चा के लिए नकार देनेवाले ‘हुरियत’ के अलगाववादी नेताओं को आगे चलकर भारत से उतनी ही आक्रामकता से जवाब मिलेगा, ऐसे संकेत केंद्र सरकार द्वारा दिये जा रहे हैं|

Jammu-kashmir-violence- जम्मू-कश्मीरसर्वपक्षीय सदस्यप्रतिनिधिमंडल हाल ही में जम्मू-काश्मीर यात्रा कर आया| लेकिन इस राज्य में हिंसा को प्रोत्साहन देनेवाले हुरियत कॉन्फरन्स के नेताओं ने प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों से मिलने से इन्कार किया| यह उनका अपमान है और यह कश्मीरी संस्कृति को शोभा नहीं देता, ऐसी आलोचना जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री मेहबूबा मुफ्ती ने की| लेकिन हुरियत के नेताओं द्वारा विश्वासघात किया जाने के बाद भी, सर्वपक्षीय प्रतिनिधिमंडल के कुछ सदस्यों ने ‘केंद्र सरकार ‘हुरियत’ के साथ चर्चा करें’ यह माँग रखी है| बुधवार को नई दिल्ली में संपन्न हुई बैठक में इन सदस्यों ने यह भूमिका पेश की|

सर्वपक्षीय प्रतिनिधिमंडल की बैठक में कुछ विषय पर मतभेद ज़रूर हैं, लेकिन सुसंस्कृत समाज में हिंसा को स्थान नहीं है, इसपर सभी लोगों का एकमत हुआ है, यह जानकारी प्रधानमंत्री के कार्यालय के राज्यमंत्री जितेंद्र सिंग ने दी| साथ ही, राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ समझौता करके कोई भी फ़ैसला नहीं होगा, इसपर भी प्रतिनिधिमंडल दृढ़ है, ऐसा जितेंद्र सिंग ने कहा| केंद्रीय गृहराज्यमंत्री किरेन रिजीजू ने, राष्ट्रहित को सामने रखकर जम्मू-कश्मीर में ज़रूरी सारे फ़ैसले किये जायेंगे, ऐसे स्पष्ट किया है| केंद्र सरकार ने हुरियत के दबावतंत्र के सामने झुकने से इन्कार किया है| सरकार आक्रामक भूमिका अपना रही है, इसके संकेत रिजीजू के बयान से मिल रहे हैं|

पिछले कई सालों से, जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेताओं के खर्चा सरकार ही उठा रही है| उनकी रक्षा, यात्राएँ और वास्तव्य का खर्चा भी सरकार से किया जाता है| आगे चलकर यह सुविधा बंद कर दी जायेगी| साथ ही, अलगाववादी नेताओं के पासपोर्ट जब्त  करके उनकी विदेश यात्राओं पर मर्यादा लाने की कोशिश केंद्र सरकार कर रही है| इससे पहले केंद्र सरकार अलगाववादी नेताओं के प्रति उदार नीति अपना रही थी| लेकिन देश के खिलाफ़ रहनेवाली अपनी भूमिका बदलने में इन्कार करनेवाले और चर्चा का प्रस्ताव ठुकराकर भारत के जनप्रतिनिधियों का अपमान करनेवाले अलगाववादी नेताओं को सबक सिखाने का समय आया है, यह संकेत केंद्र सरकार द्वारा दिये जा रहे हैं|

केंद्र सरकार से दिये जानेवाले इन संकेतों पर ‘हुरियत’ के अलगाववादी नेताओं ने नाराज़गी जतायी| भारत सरकार जनता को गुमराह करनेवाली जानकारी दे रही है| इससे शायद भारतीय जनता गुमराह हो सकती है, लेकिन कश्मीरी लोगों को गुमराह करना भारत सरकार के लिए मुमक़िन नहीं है, ऐसे हुरियत के नेता मिरवाईझ उमर फारूख ने कहा है|

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