रशिया-यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि पर वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी का संकट गहराने के संकेत – अमरीका की गिरावट के बाद यूरोज़ोन में महंगाई में उछाल

ब्रुसेल्स/वॉशिंग्टन – अमरिकी अर्थव्यवस्था की लगातार दूसरी तिमाही में गिरावट होने का ऐलान गुरवार को किया गया। इसके बाद २४ घंटों के भीतर  यूरोज़ोन में महंगाई में बड़ा उछाल होने का ऐलान हुआ। यूरोप की प्रमुख अर्थव्यवस्था जर्मनी में लगातार दूसरी तिमाही में अर्थव्यवस्था का विकास दर शून्य प्रतिशत दर्ज़ हुआ है। एक के बाद एक सामने आए इन आँकड़ों ने वैश्विक अर्थव्यवस्था पर मंदी का संकट अधिक गहराने के संकेत दिए हैं।

गुरुवार को अमरिकी प्रशासन ने आर्थिक आँकड़े घोषित किए। इसके अनुसार अप्रैल से जून की तिमाही में अमरीका के ‘जीडीपी’ में ०.९ प्रतिशत गिरावट आई। यह इस साल में लगातार दूसरी गिरावट है। जनवरी से मार्च की पहली तिमाही में अमरिकी अर्थव्यवस्था की डेढ़ प्रतिशत से अधिक गिरावट दर्ज़ हुई थी। अंतरराष्ट्रीय निकषों के अनुसार लगातार दो तिमाही में ‘जीडीपी’ में गिरावट होती है तो अर्थव्यवस्था मंदी में होने की बात समझी जाती है।

लेकिन, अमरीका में इस मुद्दे पर मतभेद होने की बात सामने आ रही है। राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन के साथ प्रशासन के प्रमुख अधिकारी और यंत्रणा देश में मंदी का प्रवेश होने का मुद्दा स्वीकारने के लिए तैयार नहीं। लेकिन, प्रमुख वित्तसंस्था, एवं आर्थिक विशेषज्ञ और विश्लेषक यह दावे कर रहे हैं कि, अर्थव्यवस्था की गति धीमी हो रही हैं। महंगाई का बड़ा उछाल, ब्याजदर की बढ़ोतरी और इसके बाद हुई जीडीपी की गिरावट के मुद्दों पर अमरीका के विपक्षी दलों ने भी बायडेन प्रशासन को किनारें लिया हैं।

अमरिकी अर्थव्यवस्था में गिरावट के दौरान ही यूरोप की आर्थिक स्थिति भी बिगड़ती हुई देखी जा रही है। शुक्रवार को घोषित आँकड़ों के अनुसार १९ देशों के ‘यूरोज़ोन’ में महंगाई दर ८.९ प्रतिशत दर्ज़ हुआ है। यह यूरोज़ोन की महंगाई का विक्रमी स्तर है, यह जानकारी सूत्र ने प्रदान की। रशिया-यूक्रेन युद्ध ही इस ऐतिहासिक उछाल का प्रमुख कारण बना है। यूरोज़ोन में ईंधन की कीमतों का लगभग ४० प्रतिशत उछाल आया है और अनाज एवं धान की कीमतों में भी १० प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है। इस बढ़ती महंगाई की वजह से यूरोप को जल्द ही मंदी का सामना करना पडेगा, ऐसे संकेत प्राप्त हो रहे हैं।

यूरोप की प्रमुख अर्थव्यवस्था जर्मनी में विकास दर लगातार दूसरी तिमाही में शून्य प्रतिशत दर्ज़ हुआ हैं। जर्मनी को यूरोप के आर्थिक इंजन के रूप में पहचाना जाता है। इस वजह से जर्मनी के आर्थिक विकास की गति कम हुई तो इसके यूरोपिय देशों पर तीव्र असर होंगे, ऐसी चिंता विश्लेषकों ने जतायी है। अमरीका और यूरोपिय देशों की अर्थव्यवस्था मंदी के करीब होने से वैश्विक अर्थव्यवस्था को भी इसके परिणाम भूगतने पडेंगे, ऐसा दिखाई दे रहा है।

अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष ने ‘वर्ल्ड इकॉनॉमिक आऊटलुक’ की दूसरी रपट पेश की है। इसमें वैश्विक अर्थव्यवस्था का भविष्य अधिक कठिन और अनिश्चित होने का अनुमान जताया है। साल २०२१ में छह प्रतिशत गति वाली वैश्विक अर्थव्यवस्था इस साल गिरावट के साथ महज़ ३.२ प्रतिशत तक सीमित रहेगी, ऐसी चेतावनी मुद्राकोष ने दी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.