जर्मन कंपनी चीन से कारोबार समेट कर भारत पहुँची

लखनौ – जर्मन फुटवेअर कंपनी ‘वॉन वेल्क्स’ ने चीन में स्थित अपना कारोबार समेटकर उत्तर प्रदेश के आग्रा में कारखाना शुरू किया है। इस कंपनी के एक युनिट का उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव आलोक कुमार के हाथों उद्घाटन किया गया। राज्य में कंपनी तीन युनिट लगा रही है और यह तीनों युनिट शुरू होने पर १० हज़ार से अधिक लोगों के लिए रोज़गार उपलब्ध होने की उम्मीद है। कोरोना वायरस की महामारी के लिए ज़िम्मेदार चीन के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तीव्र नाराज़गी है और कई बहुराष्ट्रीय कंपनियां चीन से बाहर निकलने की तैयारी में हैं। इस पृष्ठभूमि पर ‘वॉन वेल्क्स’ कंपनी ने भारत में प्रवेश किया है।

जर्मन कंपनी

कोरोना की पृष्ठभूमि पर ‘वॉन वेल्क्स’ कंपनी ने मई महीने में ही चीन में अपना कारोबार समेटकर इसे भारत में स्थापित करने का ऐलान किया था। यह कंपनी चीन में प्रतिवर्ष २५ लाख जोड़ी शूज बना रही थी। यह उत्पादन अब भारत में करने का ऐलान कंपनी ने किया है। आग्रा में शुरू किए गए कारखाने की युनिट से अब तक दो हज़ार नागरिकों को रोजगार प्राप्त हुआ है। कंपनी ने यहां पर तीन युनिट शुरू करने की तैयारी दर्शाई है और इसके लिए अलग अलग स्तर पर कुल ३०० करोड़ रुपयों का निवेश किया जाएगा। यह तीनों युनिट शुरू होने पर १० हज़ार लोगों को रोज़गार उपलब्ध होगा।

जर्मन कंपनी

‘वॉन वेल्क्स’ कंपनी ने उत्तर प्रदेश के ‘जेवर’ (जमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण) में १० हज़ार चौरस मीटर क्षेत्र में दिसंबर तक नया युनिट शुरू करने की तैयारी दिखाई है। तो कोसी-कोतवान मुथरा में ७.५ एकड़ क्षेत्र में एक युनिट लगाने का ऐलान भी कंपनी ने किया है। कोरोना के दौर में वॉन वेल्क्स कंपनी का उत्पादन भारत में शुरू होना अहम चरण है। पांच महीनों के कम समय में इस कंपनी के निवेश का प्रस्ताव पारित किया गया, यह जानकारी भी कुमार ने साझा की। लॉकडाउन के दौरान राज्य सरकार ने उद्योग क्षेत्र को गति प्रदान करने के लिए कई सुधार किए हैं। इसके तहत ‘इन्वेस्ट यूपी’ नामक नई ‘एकात्मिक निवेश और सुविधा’ प्रदान करनेवाली एजन्सी गठित की गई है, यह जानकारी भी कुमार ने प्रदान की।

कोरोना का फैलाव होने के बाद कई अंतरराष्ट्रीय कंपनियां चीन से बाहर निकलकर अन्य देशों में अपना कारोबार जमाने की तैयारी में हैं। कुछ कंपनियों ने अपना कारोबार चीन से समेटा भी है। मोबाईल और इलेक्ट्रॉनिक्स सामान तैयार करनेवाली कंपनियां भारत में कारोबार शुरू करने की सोच में हैं। इसी बीच कुछ दिन पहले ही जर्मन चान्सेलर एंजेला मर्केल ने जर्मन कंपनियों को चीन को छोड़कर एशियाई देशों में निवेश करने का आवाहन किया था। इस पृष्ठभूमि पर वॉन वेल्क्स कंपनी ने भारत में कारोबार शुरू करने का निर्णय करना अहमियत रखता है।

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