शरणार्थियों के विरोध में सख्त प्रावधान करने का विधेयक फ्रेंच संसद में पारित – यूरोपिय महासंघ में भी ‘माइग्रेशन पैक्ट’ पर सहमति होने का दावा

पैरिस/ब्रुसेल्स – फ्रान्स के कानून और मूल्यों का पालन न करने वाले शरणार्थियों को निष्कासित करने के प्रावधान का विधेयक फ्रेंच संसद में पारित हुआ है। नए विदेयक के अनुसार सरकारी सुविधा और लाभ देते समय फ्रेंच नागरिक और शरणार्थियों के लिए अलग निकष नहीं हो सकते। विधेयक के सख्त प्रावधानों को फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष इमैन्युएल मैक्रॉन के पार्टी के सदस्यों ने भी विरोध किया है और स्वास्थ्य मंत्री ने इस्तीफा भी पेश किया है। साथ ही फ्रान्स के दक्षिणी गुट की नेता मरिन ले पेन ने विधेयक का समर्थन करके यह हमारी विचारधारा की जीत होने का बयान किया है। इसी बीच यूरोपिय महासंघ में भी नए ‘इमिग्रेशन पैक्ट’ पर सहमति होने का वृत्त सामने आया है।

पिछले डेढ़ सालों में यूरोप में घुसपैठ करेन वाले शरणार्थियों की संख्या फिर से काफी बढ़ती दिख रही हैं। इनमें अफ्रीका और एशियाई महाद्वीप से पहुंचे अवैध शरणार्थियों का समावेश हैं। वर्ष २०२२ और २०२३ के पहले आठ महीनों में आठ लाख से भी अधिक शरणार्थियों ने यूरोप में घुसपैठ करने की जानकारी सामने आयी थी। शरणार्थियों के विरोध में सख्त प्रावधान करने का विधेयक फ्रेंच संसद में पारित - यूरोपिय महासंघ में भी ‘माइग्रेशन पैक्ट’ पर सहमति होने का दावापोलैण्ड, हंगरी, इटली, ऑस्ट्रिया जैसे देशों के अलावा अन्य देशों ने बड़ी संख्या में पहुंचे शरणार्थियों को आश्रय दिया है। लेकिन, इन देशों की सामाजिक स्थिती और जनसंख्या का संतुलन बिगड़ता देखा जा रहा है। इससे सुरक्षा से संबंधित मुद्दे काफी गंभीर हुए हैं।

इस पृष्ठभूमि पर यूरोपिय महासंघ सहित सदस्य देशों ने भी शरणार्थियों के विरोध में आक्रामक प्रावधानों पर अमल करना शुरू किया है। फ्रान्स में पारित विधेयक इसी का हिस्सा है। राष्ट्राध्यक्ष मैक्रॉन की पहल से पेश किए इस विधेयक में शरणार्थियों को निष्कासित करने का प्रावधान भी शामिल है। साथ ही शरणार्थी बनकर दाखिल होने के बाद परिवार के अन्य सदस्यों को फ्रान्स लाने पर भी रोक लगाई गई है। इसके साथ अन्य सख्त प्रावधानों का समावेश करके पेश किए गए इस विधेयक को लेकर देश के शासक गठबंधन में ही नाराज़गी होने की जानकारी सामने आयी है। राष्ट्राध्यक्ष मैक्रॉन की सरकार के स्वास्थ्य मंत्री ने इसके विरोध में इस्तीफा पेश किया है और प्रमुख सांसदों ने भी कड़ी आलोचना करना शुरू किया है।

इसी बीच, यूरोपिय महासंघ की बैठक में भी शरणार्थियों से संबंधित नए कानून पर सहमति होने का वृत्त दिया गया है। इसमें भी सख्त प्रावधान होने की जानकारी सामने आयी है और इसमें दाखिल हो रहे हर एक शरणार्थियों की ‘स्क्रिनिंग’ करने का समावेश है। साथ ही किसी देश जा रहे शरणार्थी को कहा आश्रय देना हैं, यह निर्धारित करने का अधिकार संबंधित सरकार को देने का प्रावधान भी किया गया है। महासंघ के इस नए कानून की स्वयंसेवी गुटों ने आलोचना की है और यूरोप के लिए यह दिन ‘डार्क डे’ होने का बयान भी किया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.