‘भारत के सामने दोस्ती का हात ना फैलाएँ’ : हफिज सईद की चेतावनी

लाहोर, दि. २७:  भारत के सामने दोस्ती का हात ना फैलाएँ, ऐसी सलाह २६/११ आतंकवादी हमले का मास्टरमाईंड और ‘जमात-उल-दवा’ का सरगना हफीज सईद ने पाकिस्तान सरकार को दी है| ‘भारतीय सेना जम्मू-कश्मीर की जनता पर भारी मात्रा में अत्याचार कर रही है| ऐसे समय, भारत के साथ दोस्ती के लिए कोशिश करने के बजाय पाकिस्तान सरकार को कश्मीरी जनता के साथ खड़ा होना चाहिए’ ऐसी माँग सईद ने की| पिछले हफ्ते, पाकिस्तान के एक वरिष्ठ सेना अधिकारी ने, पाकिस्तान और चीन के ‘इकॉनॉमिक कॉरिडॉर’ प्रकल्प में शामिल होने का आवाहन भारत को किया था| इस पृष्ठभूमि पर सईद ने पाकिस्तान सरकार को यह सलाह दी, ऐसा दिखायी दे रहा है|

हफिज सईद‘भारत द्वारा जम्मू-कश्मीर की जनता पर भारी अत्याचार किये जा रहे हैं’ ऐसा इल्ज़ाम लगाकर सईद ने, ‘राज्य में किये जा रहे प्रदर्शन यानी आज़ादी की लड़ाई है, ऐसा दावा किया| ‘ऐसे समय पाकिस्तान सरकार को जम्मू-कश्मीर की जनता के साथ खड़ा रहना चाहिए| कश्मीर का मसला सुलझाना यह पाकिस्तान सरकार का परम कर्तव्य है’ ऐसा भी सईद ने कहा| यहाँ की जनता पर अत्याचार करनेवाले भारत के साथ दोस्ती करने से पाकिस्तान को दूर रहना चाहिए, ऐसी चेतावनी सईद ने दी|

दस दिन पहले ही ‘पीओके’ में ‘युनायटेड जिहाद काऊन्सिल’ की रैली में हफीज सईद ने, ‘भारत के साथ चर्चा नहीं चाहिए, कश्मीर मसला सिर्फ़ जिहाद से हल हो सकता है, ऐसा कहा था| साथ ही, भारत के साथ सभी संबंध पाकिस्तान ने तोड़ देने चाहिए, ऐसा आवाहन भी सईद ने किया था|

इसी दौरान, कुछ दिन पहले पाकिस्तान के एक वरिष्ठ सेना के अधिकारी ने, ‘चायना पाकिस्तान इकॉनॉमिक कॉरिडॉर’ (सीपीईसी) प्रकल्प में भारत को शामिल होना चाहिए, ऐसा आवाहन किया था| ईरान, अफगानिस्तान के साथ मध्य एशिया के कई देशों ने ‘सीपीईसी’ में शामिल होने की तैयारी दिखाई है| भारत ने भी शत्रुता दूर रखकर इस प्रकल्प में शामिल होना चाहिए| इसका लाभ भारत को भी मिलेगा, ऐसा पाकिस्तान के लेफ्टनंट जनरल आमीर रियाझ ने कहा था|

‘कट्टर भारतविरोधी’ ऐसी पहचान रहनेवाली पाकिस्तान सेना द्वारा भारत को दिये गए इस प्रस्ताव पर सईद बेचैन हुआ है| इसीलिए सईद को पाकिस्तान को कश्मीर मसले की याद दिलानी पड़ी, ऐसा दिखायी दे रहा है|

हफीज सईद, मौलाना मसूद अझहर, लख्वी, सय्यद सलाउद्दीन और भारत में कारनामे करनेवाले आंतकवादी पाकिस्तान में खुले आम घूम रहे हैं| संयुक्त राष्ट्र ने ‘आंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी’ घोषित कर पाबंदी डालने के बावजूद भी, पाकिस्तान में इन आतंकवादियों की खुलेआम सभाएँ हो रही हैं| भारत में जिहाद और आतंकवादी हमले करने की भाषा हो रही है| इन सभी वजहों से, आंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान की प्रतिमा बहुत ही मलीन हो रही है और आंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान अकेला पड़ रहा है, ऐसा पाकिस्तान में अब खुले आम बोला जाने लगा है| लेकिन आज तक इन आतंकवादी नेताओं पर किसी भी प्रकार की पाबंदियाँ लगाना पाकिस्तान की सरकार के लिए संभव नहीं हो पाया है|

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