उभरती तकनीक पर ध्यान केंद्रीत करें – वैज्ञानिकों से प्रधानमंत्री की गुहार

नागपूर – क्वांटम तकनीक, डेटा सायन्स, नए टीकों का विकास और नई बीमारियों के अनुसंधान जैसे उभरती तकनीक पर ध्यान केंद्रीत करने का आवाहन प्रधानमंत्री ने किया। इसके लिए देश के युवावर्ग को प्रोत्साहित करें, यह संदेश प्रधानमंत्री ने वैज्ञानिकों को दिया। १०८ वीं ‘राष्ट्रीय विज्ञान कान्ग्रेस’ को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने डेटा और तकनीकी क्षेत्र में देश ने पिछले कुछ सालों में किए आकर्षक प्रदर्शन को लेकर संतोष व्यक्त किया। भारत में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध यह दो बातें २१ वीं सदि के लिए अहम हैं, ऐसा प्रधानमत्री ने कहा।

उभरती तकनीकराष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज युनिवर्सिटी में पांच दिन के इंडियन सायन्स कान्ग्रेस का आयोजन किया गया है। वीडियो कान्फरंसिंग के माध्यम से प्रधानमंत्री ने इसके उद्घाटन समारोह को संबोधित किया। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री नीतिन गड़करी, महाराष्ट्र के राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस मौजूद थे। साल २०१५ में १३० देशों के ‘ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स’ में ८१ वें पायदान पर रहा भारत २०२२ में ४० वें पायदान पर पहुँचा है। ‘पीएचड़ी’ और ‘स्टार्टअप्स’ की संख्या में सबसे आगे रहे तीन देशों में भारत का समावेश है। डेटा और तकनीक भारत में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। यह दोनों बातें देश को नई उंचाई पर पहुँचा सकती हैं, यह विश्वास प्रधानमंत्री ने व्यक्त किया।

डेटा विश्लेषण का क्षेत्र बड़ी तेज़ी से विकसित हो रहा है। इसकी वजह से प्राप्त जानकारी अंतरदृष्टि विकसित करने के लिए इस्तेमाल करने के अलावा विश्लेषण को क्रियाशील ज्ञान में तब्दील करने के काम आ सकती है। परंपरागत ज्ञान एवं आधुनिक दौर की तकनीक तक की कई बातों में यह बात अहम है। आनेवाले समय में विज्ञान लैब से यानी ज़मीनी स्तर की जनता तक पहुँचाने का और आम लोगों के जीवन में बदलाव लाने का काम हमें करना होगा, यह कहकर प्रधानमंत्री ने इसके लिए वैज्ञानिकों से गुहार लगाई। साथ ही संस्थानों का गठन एवं गुरुशिष्य परंपरा की वजह से देश के क्रीड़ा क्षेत्र की प्रगति तेज़ी से हुई। विज्ञान और अनुसंधान के क्षेत्र में भी ऐसी परंपरा शुरू करने से विकास की यह प्रक्रिया अधिक गतिमान होगी, ऐसी सलाह प्रधानमंत्री ने दी।

इसके लिए प्रतिभाशाली बच्चों की खोज प्रक्रिया यानी ‘टैलेंट हंट’ और ‘हैकथॉन’ का दाखिला भी उन्होंने दिया। इस वजह से वैज्ञानिकता की आस रखनेवाले बच्चों का चयन करना आसान हो होगा, ऐसा प्रधानमंत्री ने कहा। साथ ही देश की ऊर्जा ज़रूरतें बढ़ रही हैं और राष्ट्रीय हायड्रोजन मिशन पर काम शुरू हो चुका है। इसे सफलता प्राप्त हो, इसके लिए इलेक्ट्रोलाइज़र जैसे अहम उपकरणों के निर्माण पर जोर देने का आवाहन प्रधानमंत्री ने किया। नई बिमारियों को परास्त करने के लिए और नए टीके विकस्ति करने के लिए वैज्ञानिक प्रौद्योगिकी सहायता प्रदान करें, यह उम्मीद प्रधानमंत्री ने व्यक्त की।

विज्ञान और अनुसंधान के क्षेत्र में महिलाओं की बढ़ती भागीदार पर गौर करके देश में महिला और विज्ञान दोनों का विकास हो रहा है, यह स्पष्ट होता है। विज्ञान का इस्तेमाल करके महिलाओं को सबल बनाना ही अपना ध्येय नहीं होना चाहिये। बल्कि, महिलाओं के समावेश से विज्ञान अधिक सशक्त करना भी अपना ध्येय होना चाहिये, यह उम्मीद प्रधानमंत्री ने व्यक्त की।

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