जम्मू-कश्मीर की मुठभेड़ में पांच आतंकवादी ढेर इस साल दो सौ से अधिक आतंकवादियों का खात्मा

श्रीनगर: गुरुवार को जम्मू-कश्मीर में हुई दो मुठभेड़ों में पांच आतंकवादी मारे गए हैं और एक जवान जख्मी हुआ है। इस साल अब तक २०० से अधिक आतंकवादी सुरक्षा दलों के साथ हुई मुठभेड़ों में मारे गए हैं। जम्मू-कश्मीर में शांति प्रस्थापित करने के दृष्टिकोण से यह महत्वपूर्ण पड़ाव है, ऐसा राज्य के पुलिस महानिदेशक एस. पी. वैद ने कहा है।

आतंकवादी मारे गए

जम्मू-कश्मीर के बडागाम में स्थित फुटलीपुरा इलाके में गुरुवार सुबह आतंकवादी और सुरक्षा दलों के बिच मुठभेड़ हुई। इस इलाके में आतंकवादी छिपने की जानकारी मिलने के बाद, बुधवार रात से इस इलाके में सुरक्षा दलों ने खोज अभियान हाथ में लिया था। आतंकवादियों ने जवानों पर गोलीबारी शुरू की और जवानों ने भी उसे प्रत्युत्तर दिया। करीब चार घंटों तक चली इस मुठभेड़ में चार आतंकवादियों का खात्मा हुआ है।

इन आतंकवादियों के नामों को अभी तक सामने नहीं लाया गया है। लेकिन महीने पहले समीर टाइगर नाम के आतंकवादी की अमरिकी निर्माण की ‘एम-४’ राइफल के साथ तस्वीर वायरल हुई थी। इस फोटो की वजह से पहली बार ‘एम-४’ राइफल आतंकवादियों तक पहुँचने की बात सामने आई थी। इसी समीर टाइगर के मुठभेड़ में मारे जाने का दावा किया जा रहा है। लेकिन सुरक्षा दल ने अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की है।

बारामुल्ला के सोपोर में भी सुरक्षा दल और आतंकवादियों के बिच मुठभेड़ हुई है। इस आतंकवादी को बचाने के लिए कुछ स्थानीय लोगों ने पत्त्थर फेंककर सुरक्षा दलों की कार्रवाई में रुकावट डालने की कोशिश की , इसमें एक जवान जख्मी भी हुआ है। इस परिस्थिति में भी आतंकवादी भाग न जाएं, इसकी सावधानी सुरक्षा दलों ने बरती थी। पत्थर फेंकने वाली भीड़ को पॅलेटगन और आंसू गैस छोडकर भगाया गया। इस कार्रवाई में भीड़ के आठ लोग जख्मी हुए हैं।

इस मुठभेड़ की जानकारी देते समय इस साल में अब तक २०० से अधिक आतंकवादियों का खात्मा किया गया है, ऐसा पुलिस महानिदेशक ने कहा है।

आतंकवाद को जड़ से मिटाकर जम्मू-कश्मीर में शांति और स्थिरता प्रस्थापित करने के लिए यह महत्वपूर्ण पड़ाव है, ऐसा वैद ने कहा है। सुरक्षा दलों ने जम्मू-कश्मीर में ‘ऑपरेशन ऑल आऊट’ हाथ में लिया है, जिसमें अब तक मारे गए आतंकवादियों में ११० विदेशी आतंकवादी थे, ऐसा भी उन्हों ने स्पष्ट किया है। सन २०१० के बाद पहली बार एक साल में २०० से अधिक आतंकवादी मारे गए हैं। इसमें नियंत्रण रेखा पर मारे गए आतंकवादियों का भी समावेश है। आतंकवाद के खिलाफ इस आक्रामक कार्रवाई की वजह से जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों के हमले कम हुए हैं और जान बचाने के लिए शरण आने वाले आतंकवादियों की संख्या बढ़ रही है।

दौरान, केंद्र सरकार ने ‘जम्मू-कश्मीर समस्या पर चर्चा करने के लिए नियुक्त किए गए मध्यस्थ दिनेश्वर शर्मा ने कुछ दिनों पहले पहली बार, पत्थर फेंकने में हिस्सा लेने वालों पर लगाए गए गुनाहों को हटाकर उनको रिहा करने की सिफारिश की थी। इस पृष्ठभूमि पर बुधवार को जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री मेहबूबा मुफ़्ती ने ऐसे चार हजार से अधिक युवकों पर लगाए गए अपराधों को हटाने का निर्णय घोषित किया था।

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