ओबामा ने अफगानिस्तान में तालिबान के नशीली पदार्थों के व्यापार को लक्ष्य बनाने की अनुमति नहीं दी थी- अमरीका के वरिष्ठ लष्करी अधिकारी जनरल निकोल्सन

काबुल/ वॉशिंग्टन: ‘अमरिका के भूतपूर्व राष्ट्राध्यक्ष बराक ओबामा ने उनके कार्यकाल में अफ़ग़ानिस्तान में स्थित तालिबान के नशीले पदार्थों के ‘नेटवर्क’ को लक्ष्य बनाने की अनुमति नहीं दी थी। वर्तमान राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने घोषित की हुई अफगान नीति में तालिबान के नशीले व्यापार पर हमला करने की अनुमति दी गई है’, यह जानकारी अमरिका के अफ़ग़ानिस्तान में स्थित वरिष्ठ लष्करी अधिकारी जनरल जॉन निकोल्सन ने दी है। राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने अगस्त महीने में घोषित की हुई ‘अफगान नीति’, देश का समीकरण बदलने वाली साबित हो सकती है। साथ ही अफगान लष्कर अब जीत की राह पर दिखाई दे रहा है, ऐसा आश्वासन भी जनरल निकोल्सन ने दिया है।

लक्ष्य

अगस्त महीने में राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने अफ़ग़ानिस्तान नीति में आक्रामक बदल सुझाने वाली नई नीति घोषित की थी। उसमें अफ़ग़ानिस्तान में लष्करी तैनाती बढाने के साथ साथ ‘सीआईए’ इस गुप्तचर यंत्रणा को कार्रवाई के लिए अतिरिक्त अधिकार देने के प्रावधान का भी समावेश है। इस बदलाव के परिणाम सामने आ रहे हैं, साथ ही तालिबान और तालिबान को समर्थन देने वाले पाकिस्तान जैसे देश दुविधा में पड़े हैं। उसी दौरान एक समय में विदेशी आक्रामक और ‘जिहाद’ की पृष्ठभूमि इस्तेमाल करने वाला तालिबान अब नशीले पदार्थों के व्यापारी आमदनी पर खड़ी हुई गॅंग के तौर पर, सामने आ रहा है।

 

जनरल निकोल्सन ने ट्रम्प की घोषणा के बाद अफ़ग़ानिस्तान के नशीले पदार्थों के व्यापार को आक्रामक स्तर पर लक्ष्य बनाने की घोषणा की है। ट्रम्प ने सूत्रों को स्वीकारने के बाद ऐसी कार्रवाइयों की शुरवात हुई है और भूतपूर्व राष्ट्राध्यक्ष बराक ओबामा की ‘अफगान नीति’ में इसका समावेश नहीं था, इस बात की तरफ ध्यान आकर्षित किया है। अफ़ग़ानिस्तान में पिछले कुछ महीनों में कार्रवाइयों की वजह से तालिबान अधिकाधिक नशीले पदार्थों के व्यापार पर निर्भर हो रहा है, ऐसी जानकारी सामने आ रही है, ऐसा निकोल्सन ने कहा है।

वर्तमान में तालिबान नशीले पदार्थों के व्यापार से मिलने वाले निधि पर अधिकाधिक निर्भर है और उनको जरुरत से ज्यादा पैसा मिल रहा है, ऐसा दावा भी अमरिकी अधिकारी ने किया है। तालिबान विरोधी कार्रवाई के दृष्टिकोण से यह बात सकारात्मक है, ऐसा भी उन्हों ने कहा है। उसी दौरान अमरिकी अधिकारीयों ने पाकिस्तान को भी कठोर शब्द सुनाए हैं। पाकिस्तान अभी भी तालिबान के आश्रयस्थान के खिलाफ कार्रवाई नहीं करा रहा है, ऐसा आरोप भी उन्हों ने किया है। ‘पाकिस्तान ने उनके देश में स्थित कट्टरपंथी समूहों के खिलाफ जोरदार कार्रवाई शुरू करनी चाहिए। साथ ही अभी तक ‘अफगान तालिबान’, ‘हक्कानी नेटवर्क’ के खिलाफ कठोर कार्रवाई शुरू नहीं हुई है’, ऐसा इशारा भी जनरल निकोल्सन ने दिया है।

दौरान, अमरिका ने गुरुवार को पाकिस्तान के ‘कुर्रम’ इलाके में किए ड्रोन हमले में चार आतंकवादी ख़त्म होने की बात सामने आई है।

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