सईद के खिलाफ भारत अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में जाए- पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने उकसाया

इस्लामाबाद: ‘हफीज सईद के खिलाफ पुख्ता सबूत होंगे तो भारत अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में जाए’, ऐसी उकसाने वाली सलाह पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी ने दी है। साथ ही पाकिस्तानी न्यायालय ने सईद की हुई रिहाई मतलब कानून के दायरे की बात साबित होती है, ऐसा दावा पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने किया है। पाकिस्तान के भूतपूर्व तानाशाह परवेज मुशर्रफ ने भी हाल ही में हफीज सईद के पक्ष में विधान करके ‘लष्कर-ए-तोएबा’ का समर्थन किया था। उसके बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने सईद की रिहाई का समर्थन करके अपने ऊपर भारत और अमरिका के दबाव का परिणाम नहीं हुआ है, ऐसा दिखा दिया है।

पुख्ता सबूत

लाहोर उच्च न्यायालय ने हफीज सईद के खिलाफ सबूत नहीं है, ऐसा कहकर उसे नजरबंदी से रिहा करने के आदेश दिए थे। २६/११ के हमले को नौ साल पूरे हो रहे हैं, ऐसे में सईद की रिहाई का फैसला आया है। इस पर भारत ने संतप्त प्रतिक्रिया देकर पाकिस्तान पर कठोर शब्दों में टीका की थी। अमरिका ने भी इसपर पाकिस्तान को सख्त इशारा दिया था। लेकिन पाकिस्तानी प्रधानमंत्री सईद की रिहाई का समर्थन कर रहे हैं। साथ ही सईद के खिलाफ पुख्ता सबूत होंगे तो भारत इस मुद्दे को अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में ले जाए, ऐसी उकसाने वाली सलाह प्रधानमंत्री अब्बासी ने दी है। एक विदेशी वृत्तसंस्था के साथ बोलते समय अब्बासी ने यह दावा किया है। साथ ही अमरिका ने सईद की रिहाई को लेकर की आलोचना को पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने नजरअंदाज किया है, ऐसा दिखाई दे रहा है।

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने सईद के पक्ष में किए इस विधान का असर दिखाई देने की संभावना है। इसके एक दिन पहले पाकिस्तान के भूतपूर्व तानाशाह परवेझ मुशर्रफ ने हफीज सईद निर्दोष है, ऐसा कहकर सईद कश्मीर के लिए लड़ रहा है ऐसा प्रमाण पत्र दिया था। इतनाही नहीं, सईद के साथ अपने अच्छे संबंध हैं, ऐसा मुशर्रफ ने पाकिस्तानी न्यूज़ चैनल को दिए एक साक्षात्कार में कहा था। मुंबई पर हुए २६/११ हमले के मामले में भारत ने सईद पर किए आरोप पाकिस्तान ने मान्य करने की कोई आवश्यकता नहीं है, ऐसा दावा भी मुशर्रफ ने इस साक्षात्कार में किया था। इसीके साथ ही मुशर्रफ ने ‘लष्कर-ए-तोएबा’ का भी समर्थन किया है।

मुशर्रफ ने ही सत्ता पर थे तब सन २००२ में ‘लष्कर’ पर पाबन्दी लगाई थी। इसका प्रमाण साक्षात्कारकर्ता ने देने के बाद उस समय परिस्थिति अलग थी, ऐसा मुशर्रफ ने कहा। हफीज सईद और ‘लष्कर’ का खुलकर समर्थन करके मुशर्रफ ने पाकिस्तान को मुसीबत में डाला है, ऐसी जोरदार टीका पाकिस्तान से ही हुई थी। उनके मुर्खता की कीमत पाकिस्तान को चुकानी पड़ेगी, ऐसा कुछ पत्रकार और विश्लेषक कह रहे हैं। ‘वर्ल्ड बलुच वूमन फोरम’ की प्रमुख प्रोफ़ेसर नायला काद्री बलुच ने मुशर्रफ को अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी घोषित किया जाए, ऐसी माँग संयुक्त राष्ट्रसंघ से की थी।

मुशर्रफ के बाद प्रधानमंत्री अब्बास ने हफीज सईद का पक्ष लेने की वजह से पाकिस्तान की अंतर्राष्ट्रीय स्तरपर मानहानि होने की कड़ी संभावना है।

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