भारत में सेमीकंडक्टर निर्माती कंपनियों को ५० प्रतिशत वित्तीय सहायता – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ऐलान

गांधीनगर – सेमीकंडक्टर का भारत में निर्माण होना सीर्फ भारत की ज़रूरत नहीं। बल्कि, पूरे विश्व को ही सेमीकंडक्टर की आपूर्ति करने वाली भरोसेमंद ‘चेन’ की आवश्यकता हैं। इस मुद्दे पर विश्व का भारत पर अधिक से अधिक भरोसा बढ़ रहा है। इसी वजह से विश्व का सबसे बड़ा जनतंत्र और जनसंख्या में युवा वर्ग की सबसे अधिक मात्रा होने वाले भारत में सेमीकंडक्टर का निर्माण के लिए किया निवेश लाभ प्रदान करनेगा, यह संदेश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिया। इस दौरान देश में सेमीकंडक्टर का निर्माण गतिमान करने के लिए भारत इस क्षेत्र की कंपनियों को ५० प्रतिशत वित्तीय सहायता देगा, यह ऐलान भी प्रधानमंत्री ने किया।

भारत में सेमीकंडक्टर निर्माती कंपनियों को ५० प्रतिशत वित्तीय सहायता - प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ऐलानगुजरात के गांधीनगर में आयोजित ‘सेमीकॉन इंडिया २०२३’ परिषद में प्रधानमंत्री ने यह ऐलान किया। शुक्रवार से शुरू हुई इस परिषद में सेमीकंडक्टर क्षेत्र में काम कर रही पुरी दुनिया की कंपनियां और स्टार्टअप्स शामिल हुए हैं। इनका स्वागत करते हुए प्रधानमंत्री ने इस क्षेत्र के लिए भारत की अहमियत रेखांकित की। पहले के दौर की तीन औद्योगिक क्रांति से विभिन्न देशों की जनता की आकांक्षाएं जुड़ी थी। फिहलाल विश्व चौथी औद्योगिक क्रांति का अनुभव कर रहा हैं और इस क्रांति से भारतीय जनता की आकांक्षा जुड़ी होने की बात हम स्पष्ट रुप से देख रहे हैं, ऐसा प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान कहा।

भारत में हुई डिजीटल क्रांति का दाखिला देकर इसका अनुभव देश के गांव गांव, घरों घरों में कर सकते हैं, ऐसा प्रधानमंत्री ने कहा। किफायती डेटा, बिजली की अखंड़ित सप्लाई के कारण स्थिति लगातार तेज़ी से बदल रही हैं और भारत में नव-मध्यम वर्ग का उदय हो रहा हैं। इस वजह से भारत की आकांक्षा बढ़ रही हैं और इसका प्रतिबिंब सभी क्षेत्र में दिखाई दे रहा है, ऐसा दावा भी प्रधानमंत्री ने किया। पिछले वर्ष की ‘सेमीकॉन’ परिषद में यह सवाल किया जा रहा था कि। लेकिन, इस वर्ष यह पूछा जा रहा है कि, भारत में निवेश क्यों नहीं करना है। इस बदलाव की ओर प्रधानमंत्री ने ध्यान आकर्षित किया।

सेमीकंडक्टर बनाने के कारखाने लगाने वालों को भारत ५० प्रतिशत आर्थिक सहायता प्रदान करेगा। इससे भारत में सेमीकंडक्टर बनाने के उद्योग भारी मात्रा में विकसित होगा, यह दावा प्रधानमंत्री ने किया। इसके साथ ही सेमीकंडक्टर बनाने की खास तौर पर डिज़ाईन बनाने के लिए ज़रूरी क्षमता भारत का युवा वर्ग रखता है, इस मुद्दे पर भी प्रधानमंत्री ने ध्यान आकर्षित किया। देशभर के करीबन ३०० कॉलेज में सेमीकंडक्टर डिज़ाईन के कोर्स शुरू किए जा रहे हैं। इसका वर्णित क्षेत्र को बड़ा लाभ प्राप्त होगा। इससे अगले पांच सालों में भारत में सेमीकंडक्टर का डिज़ाईन कर रहे एक लाख से भी अधिक इंजिनिअर्स तैयार होंगे। इससे सेमीकंडक्टर निर्माण करने से जुड़े सहायक उद्योग का भी विकास होगा, यह विश्वास प्रधानमंत्री ने व्यक्त किया।

दुनिया को सेमीकंडक्टर की आपूर्ति करने के लिए भरोसेमंद सप्लाइ चेन की बड़ी आवश्यकता है। विश्व के सबसे बड़े जनतंत्र और जनसंख्या में सबसे ज्यादा युवाओं की संख्या रखने वाले भारत जैसा देश यह ज़िम्मेदारी पुरी कर सकता हैं। भारत को अपनी ज़िम्मेदारी का पूरा अहसास है, यह भी प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान स्पष्ट किया। सीधे ज़िक्र किया ना हो, फिर भी सेमीकंडक्टर का निर्माण कर रहे चीन ने अपनी इस क्षमता का इस्तेमाल करका कोरोना के दौर में पूरे विश्व को बंधक बनाया था। वैश्विक अर्थव्यवस्था पर इसका बुरा असर हुआ। इसके बाद वैश्विक उत्पाद का केंद्र बने चीन का विकल्प सामने लाने वाली नई सप्लाइ चेन बनाने की ज़रूरत भी स्पष्ट हुई थी। इसके लिए भारत ही सबसे बेहतर विकल्प होने की गवाही प्रधानमंत्री मोदी लगातार दे रहे हैं। उनके इस दावे पर दुनियाभर के प्रमुख देशों का रिस्पान्स प्राप्त हो रहा हैं और ‘सेमीकॉन इंडिया २०२३’ में यह बात फिर से सामने आयी है।

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