‘जीएसटी’ जुडे चार विधेयक संसद में पेश

नयी दिल्ली, दि. २७ : केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को लोकसभा में ‘जीएसटी’ यानी वस्तु एवं सेवा कर से संबंधित सहायक विधेयक संसद में पेश किए| इन विधेयकों में अधिकतर करमर्यादा ४० प्रतिशत रखना, मुना़फ़े पर लगाम कसने के लिए विशेष यंत्रणा और कर चुकता न करनेवालों की गिरफ्तारी इन जैसे कुछ सुधारों का समावेश किया गया है| इन चारों विधेयकों पर लोकसभा में एक साथ चर्चा होकर इसके बाद इन विधेयकों को पारित किया जायेगा, ऐसी जानकारी सूत्रों ने दी|

‘जीएसटी’पूरे देश में एक ही कररचना लागू करनेवाले कर के तौर पर ‘वस्तु एवं सेवा कर’ पहचाना जाता है| इन करों के संदर्भ में प्राथमिक विधेयक को लोकसभा मे मंज़ुरी दी गई है और उसके बाद राज्यसभा में इसमें कुछ सुधार प्रस्तावित किये थे। उन सुधारों का समावेश करके इस विधेयक को सोमवार को लोकसभा में पेश किया गया|

‘सेंट्रल गुड्स ऍण्ड सर्व्हिसेस टॅक्स बिल’, ‘अ यूनियन टेरिटरी जीएसटी बिल’, ‘इंटिग्रेटेड जीएसटी बिल’ और ‘जीएसटी (कॉम्पेन्सेशन टू स्टेट्स) बिल, २०१७’ ये इन चार विधेयकों के नाम हैं|

‘सेंट्रल गुड्स ऍण्ड सर्व्हिसेस टॅक्स बिल’ के अनुसार, वस्तु एवं सेवा कर सबसे जादा २० प्रतिशत होगा, ऐसा प्रावधान किया गया है| ‘जीएसटी कौन्सिल’ की सिफारिस के अनुसार, चार चरण में कररचना को अमल में लाया जायेगा और उनमें ५, १२, १८ और २८ प्रतिशत ऐसा कर लगाया जानेवाला है|

तभी आर्थिक आपात्काल के दौरान ४० प्रतिशत कर लगाने का प्रावधान किया गया है|

‘अ यूनियन टेरिटरी जीएसटी बिल’ में, केंद्रशासित प्रदेशों में ‘जीएसटी’ के संदर्भ में प्रावधानों का समावेश है| वहीं, ‘इंटिग्रेटेड जीएसटी बिल’ में आंतरराज्य वस्तु और सेवाओं की सप्लाई के संदर्भ में प्रावधान को भी शामिल किया गया है|
‘जीएसटी’ करार के प्रवर्तन की वजह से राज्यों को होनेवाले नुकसान के संदर्भ में मुआवजे का प्रावधान ‘जीएसटी(कॉम्पेन्सेशन टू स्टेट्स) बिल’ में किया गया है|

३१ मार्च को केंद्रीय वित्तमंत्री और विविध राज्यों के अर्थमंत्री का समावेश होनेवाले ‘जीएसटी कौन्सिल’ की बैठक होनेवाली है| इस बैठक में नियम और अन्य चीजों को अंतिम ररूप दिया जायेगा, ऐसी जानकारी सूत्रों ने दी|

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