भारत-इस्रायल ने विकसित किये ‘बराक-८’ प्रक्षेपास्र के दो परीक्षण सफल

बालासोर (ओडिशा), दि. २० (पीटीआय) – भारत ने इस्रायल के साथ संयुक्त रूप से विकसित किये ‘बराक-८’ (एलआर-सॅम) इस प्रक्षेपास्र के दो परीक्षण मंगलवार को किये गए| ज़मीन से हवा में हमला करनेवाले इस प्रक्षेपास्र के और परीक्षण, आनेवाले कुछ दिनों में किये जायेंगे, ऐसे संकेत मंगलवार को हुए परीक्षण के बाद ‘डीआरडीओ’ के वैज्ञानिकों ने दिये हैं|

barack-8- ‘बराक-८’

भारत और इस्रायल के बीच रक्षासहयोग का प्रतीक बने ‘बराक-८’ का, पिछले चार महिनों में किया यह पाँचवाँ परीक्षण है| इससे पहले ३० जून और १ जुलाई के बीच इस प्रक्षेपास्र का चार बार परीक्षण किया गया था| यह प्रक्षेपास्र बहुउद्देशीय है और जल्द से जल्द भारतीय रक्षादल में इसका समावेश करने की दृष्टि से भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की ओर से ये परीक्षण किये जा रहे हैं|

मंगलवार को सुबह १० बजकर १३ मिनट पर और दोपहर को चांदीपूर के ‘डीआरडीओ’ के ‘इंटिग्रेटेड टेस्ट रेंज’ (आयटीआर) पर मोबाईल लॉन्चर के जरिये ‘बराक-८’ का परीक्षण किया गया| २७० किलो वज़न का यह प्रक्षेपास्र ६० किलो वजन के विस्फोटक लेकर जाने में सक्षम है| ध्वनि की गति से दुगुनी गति से फ़ासला तय करते हुए सही जगह को निशाना बनानेवाले इस प्रक्षेपास्र को ‘मल्टी फंक्शन सर्व्हिलन्स ऍण्ड थ्रेट ऍलर्ट रडार’ (एमएफ-स्टार) यंत्रणा का साथ मिला है| इस वजह से यह प्रक्षेपास्र हवाईमार्ग से आनेवाले किसी भी हमले को सही सही निशाना बना सकता है|

पिछले ३० दिसंबर को नौसेना के लिए इस प्रक्षेपास्र का परीक्षण किया गया था| यह परीक्षण भी सफल हुआ था| नौसेना के लिए किए गए परीक्षण के दौरान, यह प्रक्षेपास्र ‘आयएनएस-कोलकाता’ से दागा गया था| इससे पहले इस्रायल में इस प्रक्षेपास्र के कुछ परीक्षण किये गए थे| अब तक किये गए सभी परीक्षण सफल होने के कारण यह प्रक्षेपास्र भारतीय रक्षादल में शामिल होने के बाद अत्यंत प्रभावशाली हथियार के तौर पर साबीत हो सकता है| इस प्रक्षेपास्र की वजह से भारत की हवाई रक्षाक्षमता काफ़ी मज़बूत होगी, ऐसा कहा जा रहा है| ज़रूरी परीक्षण पूरा होने के बाद यह प्रक्षेपास्र तीनों दल में शामिल किया जानेवाला है|

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