महंगाई रोकने की वजह बताते हुए फेडरल रिज़र्व और यूरोपियन सेंट्रल बैंक ने ब्याज दरों में की बढ़ोतरी

वॉशिंग्टन/ब्रुसेल्स – अमरीका एवं यूरोप के सेंट्रल बैंक ने ब्याज दर बढ़ोतरी का ऐलान किया है। इस बढ़ोतरी के बाद अमरीका में ब्याज दर २२ वर्षों के सर्वोच्च स्तर पर पहुंचा है। ब्याज दर बढ़ोतरी के नए निर्णय का ऐलान करने के साथ ही ‘फेडरल रिज़र्व’ और ‘यूरोपियन सेंट्रल बैंक’ ने करीबी दिनों में भी बढ़ोतरी करने के संकेत दिए हैं।

महंगाई रोकने की वजह बताते हुए फेडरल रिज़र्व और यूरोपियन सेंट्रल बैंक ने ब्याज दरों में की बढ़ोतरीअमरीका के ‘फेडरल रिज़र्व’ के प्रमुख जेरोम पॉवेल ने बुधवार को ब्याज दर ०.२५ प्रतिशत बढ़ाने का ऐलान किया। इसके बाद अमरीका में ब्याज दर ५.५० प्रतिशत हुआ है। पिछले डेढ़ वर्षों में की गई ब्याज दरों की यह ११ वीं बढ़ोतरी है। इस बढ़ोतरी के कारण अमरीका में ब्याज दर २००१ के बाद सर्वोच्च स्तर पर जा पहुंचे हैं। इसके बाद अगले महीने में भी ब्याज दरों में अधिक बढ़ोतरी होने की संभावना फेडरल रिज़र्व ने जारी किए निवेदन में बयान की है।

आगे के समय में अर्थव्यवस्था कैसे प्रदर्शन करती हैं, इसपर आगे का निर्णय निर्भर होगा, ऐसा फेडरल रिज़र्व के प्रमुख जेरोम पॉवेल ने स्पष्ट किया। इससे पहले जारी किए निवेदन में भी महंगाई निदेशांक के स्तर का ज़िक्र करके अधिक सख्त निर्णय करने को लेकर बयान किया गया था। महंगाई रोकने की वजह बताते हुए फेडरल रिज़र्व और यूरोपियन सेंट्रल बैंक ने ब्याज दरों में की बढ़ोतरीअमरीका में ‘बैंकिंग क्राइसिस’ अभी खत्म नहीं हुई है और कर्ज की मर्याया बढ़ाने की तलवार अर्थव्यवस्था पर अभी भी लटक रही है।

अमरीका के फेडरल रिज़र्व के बाद यूरोपिय महासंघ की सेंट्रल बैंक ‘यूरोपियन सेंट्रल बैंक’ ने भी ब्याज दर बढ़ोतरी का ऐलान किया है। ‘यूरोपियन सेंट्रल बैंक’ की प्रमुख ख्रिस्तिन लैगार्ड ने ०.२५ प्रतिशत ब्याज दर बढ़ोतरी का निर्णय घोषित किया। यूरोपिय देशों में महंगाई दर अभी भी अधिक है, यह कहकर लैगार्ड ने इस ब्याज दर बढ़ोतरी का समर्थन किया। नए ऐलान के बाद ‘यूरोपियन सेंट्रल बैंक’ का ब्याज दर ३.३७ प्रतिशत हुआ है और यह वर्ष २००८ के बाद सर्वोच्च स्तर है।महंगाई रोकने की वजह बताते हुए फेडरल रिज़र्व और यूरोपियन सेंट्रल बैंक ने ब्याज दरों में की बढ़ोतरी

अमरीका में महंगाई दर फिलहाल ३ प्रतिशत है और यूरोपिय महासंघ में ५.५ प्रतिशत हैं। यूरोप की प्रमुख अर्थव्यवस्था ब्रिटेन में महंगाई दर ७.९ प्रतिशत तक पहुंचा है। इस वजह से सेंट्रल बैंक महंगाई काबू में ना होने के दावे करके ब्याज दर बढ़ोतरी करते दिख रहे हैं।

वैश्विक अर्थव्यवस्था में पिछले कुछ महीनों से मंदी जैसा माहौल बना है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, वर्ल्ड बैंक, संयुक्त राष्ट्र संगठन, विश्व व्यापार संगठन के साथ कई शीर्ष संस्थाएं एवं वित्तीय क्षेत्र की कंपनियों ने यह अनुमान व्यक्त किया था कि, वर्ष २०२३ में मंदी से नुकसान पहुंचेगा। इसके लिए विश्व के प्रमुख देशों द्वारा हो रही ब्याज दर बढ़ोतरी प्रमुख वजह होगी, यह कहा जा रहा है। इसका अहसास होने के बावजूद अमरीका और यूरोप के सेंट्रल बैंकों ने ऐसे ब्याज दर बढ़ाना ध्यान आकर्षित कर रहा है।

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