३ दिन में १५००० करोड़ का नुकसान होने के बाद पाकिस्तान में कट्टरपंथियों के प्रदर्शन रुके फिर से हिंसाचार होने का डर

इस्लामाबाद – पिछले ३ दिनों के हिंसक प्रदर्शन के बाद पाकिस्तान का जनजीवन वापस लौटता दिखाई दे रहा है। पर इन ३ दिनों में पाकिस्तान में लगभग १५००० करोड़ों रुपयों की हानि हुई है। यह नुकसान करने वाले तहरीक-ए-लबैक इस कट्टरपंथी संघटना के अन्य संगठनों के लगभग ५००० समर्थकों को गिरफ्तार किया गया है। जिसकी वजह से फिलहाल पाकिस्तान का जनजीवन सरल होता दिखाई दे रहा है। फिर भी किसी भी क्षण कट्टरपंथी अहिंसक कार्रवाईया करके इस देश को भड़का सकते हैं, ऐसा डर व्यक्त किया जा रहा है। तथा इसकी वजह से पाकिस्तान में कट्टरपंथियों की ताकत दिखाई दे रही है और आनेवाले समय में उनके प्रदर्शन चलते रहेंगे, ऐसे दावे किए जा रहे हैं।

३१ अक्टूबर के रोज पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय ने ईश्वर निंदा के आरोप से आसिया बीबी ख्रिस्त धर्मिय महिला की मुक्तता की थी। यह निर्णय हमें मंजूर न होने की बात कहकर तहरीक-ए-लबैक संघटना के प्रमुख खादिम हुसैन रिजवी ने पाकिस्तानव्यापी आंदोलन छेड़ा था। मौलाना फजलुर रहमान इस पाकिस्तान के एक महत्वपूर्ण नेता ने उसे साथ देने की बात सामने आ रही है। उसके बाद लगातार तीन दिन पाकिस्तान ठप होने के चित्र दिखाई दे रहे थे। स्कूल कॉलेज से प्रमुख शहरों के कार्यालय बंद थे। उद्योगधंधे के कामकाज भी रुके थे। बहुत जगहों पर हिंसक घटनाएं न हो इसके लिए मोबाइल सेवा खंडित करनी पड़ी थी। लबैक के समर्थक उजागर तौर पर सरकार को चुनौती देने की भाषा कर रहे थे। खादिम हुसैन रिजवी ने तथा सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश तथा प्रधानमंत्री इम्रान खान एवं लष्कर प्रमुख जनरल बाजवा को सबक सिखाने की चेतावनी दे रहे थे।

लष्कर प्रमुख जनरल कमर बाजवा के आदेश पाकिस्तानी लष्कर ना माने, ऐसे संदेश रिजवी ने दिया था। इतना ही नहीं तो जनरल बाजवा इनके निष्ठा पर रिजवी ने प्रश्न उपस्थित किए थे। तथा सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश को लक्ष्य करके प्रधानमंत्री इम्रान खान की सरकार उठाने की भाषा रिजवी ने शुरू की है। मुख्य तौर पर इसे पाकिस्तान के कट्टरपंथियों से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिल रही है। ३ दिन यह देश बंद करके कट्टरपंथियों ने अपनी ताकत का प्रदर्शन किया है। उसके बाद इम्रान खान को सरकार को चुनौती दे अन्यथा कठोर कार्रवाई होगी, ऐसी धमकी देनी पड़ी थी। उसे उत्तर देते हुए हिम्मत है तो हाथ लगाकर दिखाए, ऐसी चुनौती सीधे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के सामने रखी थी।

इसकी वजह से पाकिस्तान की फिर एक बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बदनामी हुई है। पाकिस्तान का समर्थन करने वाले विदेशी लोग भी इम्रान खान इनके नए पाकिस्तान ऐसा ही होगी ? ऐसे प्रश्न पूछ रहे हैं। तथा अपने परिवार के जान को खतरा होने की बात कहकर आसिया बीबी इनके पति ने अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प के पास अपने अमरिका में आश्रय देने की विनती की है। पाश्चात्य देशों ने इस मामले की गंभीर चिंता व्यक्त की है और पाकिस्तान में अल्पसंख्यक की सुरक्षा का प्रश्न इसकी वजह से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आ रहा है।

उसमें पाकिस्तान के अंतर्गत राजनीति के उथल-पुथल भी इस प्रदर्शन के लिए जिम्मेदार होने की आलोचना हो रही है। प्रधानमंत्री पद पर आने से पहले इम्रान खान ने कट्टरपंथियों की सहायता ली थी एवं प्रतिष्ठा प्राप्त की थी। पर अब यही कट्टरपंथी इम्रान खान की सरकार को चुनौती दे रहे हैं। नवाज शरीफ प्रधानमंत्री होते समय उनके विरोध में जनता मैं अराजक फैलाने का आवाहन करने वाले इम्रान खान इनके सामने अब कट्टरपंथियों को रोकने का काम करना पड़ रहा है, ऐसी टिप्पणी राजकीय विश्लेषक कर रहे हैं।

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