भारतीय लष्कर के आधुनिकीकरण को गति – ४० हजार करोड़ के शस्त्र खरीदारी को मंजूरी

नई दिल्ली: भारतीय लष्कर ने आधुनिक शस्त्रास्त्र की खरीदारी के लिए बड़ी योजना को मंजूरी दी है और इसके अनुसार लगभग ४० हजार करोड़ रुपयों के शस्त्र की खरीदारी होने वाली है। इनमें ७ लाख राइफल्स, ४४ हजार लाइट मशीन गन (एलएमजी) एवं ४४ हजार कार्बाइन इनकी खरीदारी होने वाली है, ऐसी जानकारी लष्कर के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी है। सुरक्षा विषयक चुनौतियां बढ़ते समय भारतीय लष्कर आज भी कालबाह्य होने वाले शस्त्रास्त्र पर बड़ी तादाद में निर्भर होने की चिंता व्यक्त की जा रही थी। इस पृष्ठभूमि पर आधुनिक शस्त्रास्त्र की खरीदारी की प्रक्रिया गतिमान करने के लिए लष्कर के लिए यह निर्णय अनिवार्य बना हुआ था।

भारतीय लष्करडोकलाम से चीन के साथ हुए तनाव और पाकिस्तान की सीमा पर होने वाली चुनौतियों को देखते, आगे चलकर दोनों स्तर पर रक्षा दल को सतर्क रहना होगा। भारतीय लष्कर प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने पिछले कई महीनों में लगातार इसका उल्लेख किया था। कई महीनों पहले कैग के एक रिपोर्ट में लष्कर के पास २० दिन के लिए पर्याप्त गोला बारुद ना होने की टीका की गई थी। सीमा पर तैनात होने वाले जवान और आतंकवाद के विरोध में मुहिम में शामिल जवानों के लिए नए आधुनिक राइफल की खरीदारी की मांग लष्कर से लगातार हो रही थी।

जिस पृष्ठभूमि पर कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। इसमें आकस्मित संघर्ष हुआ, तो सरकार के मंजूरी की राह न देखते, लष्कर को जरुरी शस्त्रास्त्र एवं युद्ध साहित्य की खरीदारी की मर्यादा १२ हजार करोड़ रुपयों से बढाकर अब ४० हजार करोड़ की गई है। अब ४० हजार करोड रुपए के राइफल एवं एलएमजी की खरीदारी को लष्करने मंजूरी दी है, ऐसा वृत्त सामने आया है। जवानों के लिए आधुनिक राइफल और एलएमजी का प्रस्ताव दीर्घ समय तक प्रतीक्षा में था। इससे पूर्व ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में तैयार किए गए राइफल को स्वीकारने के लिए लष्कर ने इनकार किया था। लष्कर के परीक्षण में यह राइफल असफल हुई थी। उसके बाद यह राइफल बाहर से खरीदने का निर्णय हुआ था।

लष्कर को आधुनिक ७.६२ बाय ५१ एमएम राइफल की आवश्यकता है। फिलहाल लष्कर जवानों के पास इंसास राइफल है, जो कालबाह्य हो रही है। इसकी वजह से नए ७.६२ बाय ५१ एमएम राइफल के लिए नई रिक्वेस्ट फॉर इंफॉर्मेशन जारी की जाने वाली है। शुरुआत में १० हजार एलएमजी की खरीदारी होने वाली है।

रक्षा मंत्रालय लष्कर के लिए यह शस्त्रास्त्र की खरीदारी जल्द से जल्द करें, इस प्रयत्न में है। राइफल की खरीदारी के लिए जनरल सर्विस क्वालिटी रिक्वायरमेंट्स (जीएसक्यूआर) को लष्करने अंतिम स्वरूप दिया है और यह प्रस्ताव आगे डीएससी को सौंपा गया है, ऐसा एक लष्कर के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है। इस संपूर्ण प्रस्ताव पर जल्द ही रक्षा मंत्रालय के डिफेंस एक्विजिशन काउंसिल (डीएसी) से मंजूरी मिलने की आशंका है। ७ लाख राइफल, ४४ हजार एलएमजी और ४४ हजार ७०० कार्बाइन की खरीदारी के लिए, ४० हजार करोड रुपए से अधिक खर्च होने वाला है, ऐसी जानकारी लष्कर के अधिकारी ने दी।

तथा भारतीय रक्षा संशोधन एवं विकास संस्था (डीआरडीओ) को लष्कर के लिए एलएमजी और अन्य छोटे शस्त्रास्त्र विकसित करने के लिए कहा गया है। पिछले हफ्ते रक्षा सचिव की अध्यक्षता में इस संदर्भ में महत्वपूर्ण बैठक होने का वृत है। तथा कुछ दिनों पहले हुए लष्कर कमांडर कॉन्फ्रेंस में लष्कर को आधुनिक शस्त्रास्त्र प्रदान करने के विषय पर चर्चा हुई थी। उस समय रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमन ने लष्कर के आधुनिकीकरण को सर्वोच्च प्राथमिकता होने की बात स्पष्ट की थी। लष्कर के आधुनिकीकरण की योजना, लष्कर की क्षमता में बढ़ोतरी करने वाली ठहरेगी, ऐसा विश्वास की अधिकारीने व्यक्त किया है।

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