अमरीका समेत यूरोप को भी जल्द बड़ी मंदी नुकसान पहंचाएगी – शीर्ष ब्रिटीश बैंक की चेतावनी

लंदन – अमरीका समेत यूरोप को अगले कुछ महीनों में बड़ी आर्थिक मंदी नुकसान पहुंचाएगी, ऐसी चेतावनी शीर्ष ब्रिटीश बैंक ‘एचएसबीसी’ ने दी है। ‘मिडइयर आउटलूक’ नामक प्रसिद्ध किए रपट में पश्चिमी अर्थव्यवस्थाओं के लिए खतरे के संकेत दे रहे सभी मुद्दे ‘रेड साईन्स’ दिखा रहे हैं, ऐसा इशारा ‘एचएसबीसी’ ने दिया है। कुछ दिन पहले ही विश्व की प्रमुख रेटिंग एजेन्सी ‘फिच रेटिंग्ज’ और वित्तीय संस्था ‘मुडीज्‌‍ इन्वेस्टर्स सर्विस’ एवं प्रमुख आर्थिक विशेषज्ञ नुरिअल रुबिनी ने भी पश्चिमी अर्थव्यवस्था की मंदी का अनुमान व्यक्त किया था। 

अमरीका समेत यूरोपपिछले महीने में ही यूरोप की शीर्ष अर्थव्यवस्था जर्मनी को मंदी से नुकसान पहुंचा था। इसके बाद ‘युरो’ मुद्रा इस्तेमाल कर रहे यूरोप के १९ देशों के गुट ‘युरोझोन’ मंदी की चपेट में होने की बात स्पष्ट हुई थी। ब्रिटेन, फ्रान्स, इटली इन यूरोपिय अर्थव्यवस्थाओं में मंदी का माहौल होने के दावे आर्थिक विशेषज्ञ एवं विश्लेषक कर रहे हैं। अमरीका के ‘जीडीपी’ से संबंधित आंकड़े अलग ही चित्र दिखा रहे हैं, फिर भी वास्तव में मंदी जैसा माहौल तैयार होने का दावा शीर्ष कंपनियां एवं निवेशक कर रहे हैं। इस पृष्ठभूमि पर ब्रिटेन की प्रमुख बैंक ने जताया अनुमान ध्यान आकर्षित कर रहा हैं। 

अमरीका समेत यूरोप‘एचएसबीसी’ ने ‘मिडइयर आउटलूक’ नामक रपट हाल ही में जारी की। इसमें वर्ष २०२३ के आखिरी तिमाही में अमरीका की अर्थव्यवस्था मंदी की चपेट में जाएगी, यह इशारा दिया है। इसके बाद २०२४ की पहली तिमाही में यूरोप पर भी मंदी का आघात होगा, इस संभावना पर ‘एचएसबीसी’ ने ध्यान आकर्षित किया है। ‘पश्चिमी अर्थव्यवस्था का कुछ हिस्सा लचिला रहा हो, फिर भी सभी खतरनाक मुद्दे मंदी की ओर निर्देश कर रहे हैैं’, ऐसा कहकर ‘एचएसबीसी एसेट मैनेजमेंट’ के वरिष्ठ अधिकारी सोजेफ लिटिल ने मंदी की ओर ध्यान आकर्षित किया है। 

अमरीका समेत यूरोपबैंक एवं शीर्ष कंपनियों के मुनाफे में पहले ही भारी गिरावट देखी गई है और दिवालियां हो रही कंपनियों की संख्या भी बढ़ रही हैं। दूसरी ओर शेअर बाज़ार और पूंजी बाज़ार का झुकाव और सरकारी आर्थिक नीति विरोधी दिशा में बढ़ रही हैं, ऐसा दावा भी बैंक की रपट में किया गया है। अमरीका और यूरोप को मंदी से होने वाला नुकसान वर्ष १९९० के दशक की मंदी की संकट जैसा होगा और ‘जीडीपी’ में एक से दो प्रतिशत गिरावट देखी जाएगी, ऐसा जोसेफ लिटिल ने कहा हैं। 

जनवरी महीने में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और वर्ल्ड बैंक जैसी प्रमुख आर्थिक संस्थाओं ने भी वैश्विक मंदी के खतरे की ओर ध्यान आकर्षित किया था। वैश्विक अर्थव्यवस्था के एक तिहाई हिस्से को इस वर्ष मंदी से नुकसान पहुंचेगा, ऐसी चेतावनी अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रमुख ख्रिस्तालिना जॉर्जिवा ने दिया था। 

 

अमरीका के कर्ज का बोजा ‘जीडीपी’ के १८१ प्रतिशत तक बढ़ेगा – ‘कांग्रेशनल बजट ऑफिस’ का अनुमान  \

वॉशिंग्टन – अगले तीन दशकों में अमरिकी अर्थव्यवस्था के कर्ज का बोजो ‘जीडीपी’ के १८१ प्रतिशत तक बढ़ेगा, ऐसा अनुमान ‘कांग्रेशनल बजट ऑफिस’ ने जताया हैं। फिलहाल अमरिकी अर्थव्यवस्था के कर्ज का बोजो जीडीपी के ९८ प्रतिशत होने की बात ‘कांग्रेशनल बजट ऑफिस’ ने दर्ज़ किया हैं। अगले छह सालों में इसमें और १० प्रतिशत बढ़ोतरी होगी और इसके बाद यह बढ़ोतरी लगातार जारी रहेगी, ऐसा इशारा नई रपट में दिया गया है। कर्ज के बढ़ते बोजे के पीछे सामाजिक सुरक्षा, स्वास्थ्य, बिमा और सेना का बढ़ता खर्च प्रमुख वजह होने की बात इस रपट में कही गई हैं।

‘कांग्रेशनल बजट ऑफिस’ ने अर्थव्यवस्था के घाटे के खतरे की ओर ध्यान आकर्षित किया और २०५३ में आर्थिक घाटा विक्रमी १० प्रतिशत तक जा पहुंचा होगा, ऐसा भी कहा है। 

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