‘लश्‍कर’ के आतंकी पर हो रहीं कार्रवाई रोकने का चीन ने किया समर्थन

बीजिंग – ‘रूल्स ॲण्ड प्रोसिजर्स’ का विचार करके ‘लश्‍कर ए तोयबा’ का आतंकी साजिद मिर का समावेश ‘ब्लैक लिस्ट’ में करने का सुरक्षा परिषद में पेश हुआ प्रस्ताव हमने रोक दिया, ऐसा चीन ने कहा हैं। चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने तकनीकी वजह बताकर आतंकी पर हो रहीं कार्रवाई रोकने के अपने देश के निर्णय का समर्थन किया। पिछले महीनें ‘जैश ए मोहम्मद’ के दूसरें क्रमांक का नेता ‘अब्दुल रौफ अजहर’ पर सुरक्षा परिषद की हो रहीं कार्रवाई भी चीन ने रोक दी थी। जून महीने में ‘लश्‍कर’ के अब्दुल रेहमान मक्की जैसें कुख्यात आतंकी पर हो रहीं कार्रवाई में रोड़े अटकाते समय भी चीन ने यही वजह बताई थी। इसके ज़रिये भारत के साथ संबंध सुधारने के लिए हम तैयार ना होने की बात चीन ने दिखाई हैं।

‘लश्‍कर’कुछ दिन पहलें ही भारत और अमरीका ने सुरक्षा परिषद में लश्‍कर का आतंकी साजिद मिर को ‘ब्लैक लिस्ट’ करने का प्रस्ताव पेश कियाथा। लेकिन, चीन ने तकनीकी वजह बताकर इस प्रस्ताव में रोड़ें अटकाएँ थे। इसपर खुलासा देते हुए चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने नियम और प्रक्रिया का दाखिला देकर चीन इसका सटिकता से पालन करनेवाला देश होने की बात कही। तकनीकी वजह बताकर कुछ देश आतंकियों पर कार्रवाई करने में रोड़े अटका रहे हैं, ऐसा कहकर भारत ने चीन का अप्रत्यक्ष निषेध किया था। संयुक्त राष्ट्रसंघ की आम सभा का आयोजन जल्द ही हो रही हैं और भारत के विदेशमंत्री एस.जयशंकर इस बैठक के लिए छह दिन के लिए अमरीका पहुँचे हैं। अन्य देशों के नेताओं से हुई मुलाकात में आतंकियों के विरोध में कार्रवाई करने का मुद्दा भी विदेशमंत्री जयशंकर उठाएँगे, ऐसा कहा जा रहा हैं। इस पृष्ठभूमि पर चीन ने अपने निर्णय का किया समर्थन ध्यान आकर्षित कर रहा हैं।

भारत में आतंक फैला रहें पाकिस्तान प्रायोजित आतंकी संगठन और उनके प्रमुखों का चीन कर रहा बचाव, नई बात नहीं बनती। साजिद मिर, अब्दुल रौफ अजहर और अब्दुल रेहमान मक्की यह चीन ने इस साल सुरक्षा परिषद की कार्रवाई से बचाएँ आतंकियों के नाम हैं। इससे पहले भी चीन कई बार भारत में आतंक फैला रहें आतंकियों के बचाव में खड़ा हुआ था। फिलहाल ‘फायनान्शिअल एक्शन टास्क फोर्स’ (एफएटीएफ) की ‘ग्रे लिस्ट’ में फंसे पाकिस्तान को इससे अपनी मुक्तता करने के लिए आतंकियों पर कार्रवाई करनी पड़ रही हैं। ऐसी स्थिति में भी चीन पाकिस्तान की आतंकी संगठन और उनके प्रमुखों को सुरक्षा परिषद से सुरक्षा प्रदान करता दिख रहा हैं।

चीन की ऐसीं नीतियों की वजह से इस देश के भारत के साथ संबंध सुधारना मुमकिन नहीं होगा, ऐसें स्तर पर जा पहुँचे हैं और इससे चीन को काफी बड़े झटके लगना भी शुरू हुआ हैं। लद्दाख के ‘एलएसी’ पर दोनों देशों के निर्माण हुए तनाव के बाद चीन द्वारा पाकिस्तान प्रायोजित आतंकियों का किया जा रहा समर्थन ही दोनों देशों के तनाव का प्रमुख मुद्दा बना था। चीन सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता प्राप्त देश हैं और अपने विशेष अधिकार का इस्तेमाल करके हम भारत से रखे जा रहें प्रस्ताव को ठुकरा सकते हैं, इसका अहसास चीन भारत को करा रहा हैं। इस वजह से भारत की चीन संबंधित नीति अधिक से अधिक सख्त हो रही है। हाल ही में आयोजित ‘एससीओ’ की बैठक में भारत के प्रधानमंत्री और चीन के राष्ट्राध्यक्ष ने राजनयिक शिष्टाचार के अनुसार हाथ भी नहीं मिलाया था।

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