ड्युरंड सीमा नामंजूर कर रही तालिबान की पाकिस्तान सहायता क्यों कर रहा है? – पाकिस्तान के सांसद का प्रधानमंत्री इम्रान खान से सवाल

durand-border-pak-taliban-1इस्लामाबाद – अफ़गानिस्तान की तालिबानी हुकूमत के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वकालत करने वाले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इम्रान खान को देश में ही आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। अफ़गानिस्तान-पाकिस्तान की ड्युरंड सीमा तालिबान को मंजूर नहीं है तो  पाकिस्तान उसकी सहायता करता है? यह सवाल पाकिस्तानी सांसद रज़ा रब्बानी ने किया। इसके अलावा, प्रधानमंत्री इम्रान खान की सरकार तेहरीक-ए-तालिबान के साथ किए गए समझौते का ब्यौरा पाकिस्तानी जनता के सामने पेश करे, यह माँग रब्बानी ने की है।

durand-border-pak-taliban-2पिछले हफ्ते अफ़गानिस्तान के नांगरहार प्रांत में पाकिस्तानी सीमा के करीबी गुश्‍ता जिले में पाकिस्तानी सैनिकों ने लगाई हुई तारों की बाड़ तालिबान ने उड़ाख फेंकी थी। ड्युरंड सीमा हमें मंजूर नहीं है और तारों की यह बाड़ भी लगाने नहीं देंगे, यह इशारा तालिबान ने दिया था। तथा पाकिस्तानी सैनिक अफ़गानिस्तान की सीमा में घुसने की कोशिश करेंगे तो उन्हें गोली मारने की धमकी भी तालिबान ने दी थी।

ड्युरंड सीमा पर पाकिस्तानी सैनिकों को दिए इस इशारे का वीडियो तालिबान ने सोशल मीडिया पर प्रसिद्ध किया था। तो, तालिबान के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता इनायतुल्ला ख्वाराज़मी ने ड्युरंड सीमा पर हुई इस कार्रवाई का समर्थन किया था। पाकिस्तान की सेना नांगरहार प्रांत की सीमा पर अवैध पद्धति से तार की बाड़ लगा रही थी और इसी को तालिबान के कमांडर्स ने विरोध करने का इनायतुल्ला ने ऐलान किया।

durand-border-pak-taliban-3ड्युरंड सीमा पर तालिबान की कार्रवाई, पाकिस्तानी सैनिकों को दी गई धमकी और तालिबान के प्रवक्ता द्वारा इसका समर्थन करने की तीव्र गूंज पाकिस्तान में सुनाई दे रही है। अफ़गानिस्तान की पूर्व अमरीका समर्थक सरकार और पाकिस्तान के बीच तनाव के पीछे ड्युरंड सीमा का विवाद ही ज़िम्मेदार था। पाकिस्तान ने तालिबान को अफ़गानिस्तान की सत्ता पर बिठाने के बावजूद यह विवाद खत्म नहीं हुआ है। बल्कि, तालिबान सरेआम हमारे देश को धमका रहा है, ऐसी आलोचना पाकिस्तानी माध्यम कर रहे हैं।

‘पाकिस्तान पिपल्स पार्टी’ (पीपीपी) के वरिष्ठ सदस्य रज़ा रब्बानी ने यही मुद्दा पाकिस्तान की संसद में उठाया। तालिबान भी ड्युरंड लाईन स्वीकारने के लिए तैयार नहीं है तो तालिबान को स्वीकृति प्रदान कराने के लिए प्रधानमंत्री इम्रान खान की सरकार क्यों कोशिश कर रही है, यह सवाल रब्बानी ने किया है।

तो, पाकिस्तान की व्यवस्था मंजूर ना होने की धमकी देने वाली ‘तेहरीक-ए-तालिबान’ अफ़गानिस्तान में फिर से सिर उठा रही है। इस वजह से पाकिस्तान में नए आतंकी हमले किए जा सकते हैं। ऐसी तेहरीक के साथ इम्रान खान की सरकार ने कौनसी बुनियाद पर युद्धविराम किया, ऐसा तीखा सवाल भी रब्बानी ने किया है।

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