कोरोना के कारण मुंबई शेअर बाज़ार में ज़बरदस्त गिरावट निर्देशांक ४ हज़ार अंकों से फिसला निवेशकारों के १४ लाख करोड़ डूबे

मुंबई – सोमवार का दिन मुंबई शेअर बाज़ार के इतिहास का भीषण दिन साबित हुआ। ‘कोरोना’ वायरस की वजह से भारत के २५ राज्यों में लॉकडाऊनसदृश्य हालात होते समय, इसके अर्थव्यवस्था पर होनेवाले परिणामों के भय से ग्रस्त भारतीय शेअर बाज़ार में अब तक की सबसे बड़ी गिरावट हुई। मुंबई शेअर बाज़ार के निर्देशांक में तक़रीबन चार हज़ार अंक की गिरावट आयी। दिन भर में निवेशकारों का १३.८८ लाख करोड़ रुपयों का नुकसान हुआ होकर कई बड़ी कंपनियों के बाज़ारमूल्य में ज़बरदस्त गिरावट हुई है। पिछले महीने भर में शेअर बाज़ार में हो रही गिरावट के कारण ५६.२२ लाख करोड़ का नुकसान हुआ है।

गत दस दिनों में ज़बरदस्त गिरावट के कारण ट्रेडिंग पर रोक लगाने की नौबत दूसरी बार मुंबई शेअर बाज़ार पर आयी। १३ मार्च को मुंबई निर्देशांक और राष्ट्रीय शेअर निर्देशांक निफ्टी में ज़बरदस्त गिरावट आयी थी। मुंबई निर्देशांक लगभग तीन हज़ार अंक से लुढ़का था। सन २००९ के बाद पहली ही बार निफ्टी निर्देशांक ने भी दिनभर में गिरावट के न्यूनतम स्तर को छू लिया था और उस वजह से कारोबार को रोकने की बारी आयी थी।

सोमवार को पुन: वैसी ही बारी मुंबई तथा निफ्टी निर्देशांक पर आयी। मुंबई निर्देशांक ३,९३५ अंकों से लुढ़क गया। इस वजह से आज का दिन निवेशकारों के लिए रक्तरंजित साबित हुआ है, ऐसा विशेषज्ञों का कहना है। एक दिन में इतनी बड़ी गिरावट शेअर बाज़ार में कभी भी नहीं हुई थी। मुंबई शेअर निर्देशांक लगभग १३ प्रतिशत से फिसलकर २५ हज़ार ९८१ तक नीचे गिरा। वहीं, निफ्टी ७ हज़ार ६१० पर बंद हुआ। सभी प्रमुख कंपनियों के शेअर लुढ़के होकर, ऍक्सिस बँक के शेअर में सबसे ज़्यादा २८ प्रतिशत गिरावट आयी।
कोरोनाव्हायरस के कारण शेअर बाजार में लगातार गिरावट हो रही है। दो ही दिन पहले ‘सेबी’ ने गिरावट पर रोक लगाने के लिए ‘शॉर्ट सेलिंग’ पर लग़ाम कसनेवाला निर्णय लिया था। साथ ही, आरबीआय ने ३० हज़ार करोड़ के गवर्न्मेंट बाँड्स् की ख़रीदारी कर बाजार में लिक्विडिटी बढ़ाने का निर्णय लिया था। लेकिन ये निर्णय भी बाज़ार की गिरावट रोकने में नाक़ाम साबित हुए हैं। आनेवाले कुछ दिनों में यह गिरावट जारी रहेगी, ऐसी चिंता ज़ाहिर की जा रही है।

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