ईरान के शस्त्र भंड़ार पर हुए ड्रोन हमले – ईरान की हवाई सुरक्षा पर हुआ सवाल

तेहरान/दुबई – ईरान के इस्फाहन शहर में स्थित शस्त्र भंड़ार पर शनिवार रात ड्रोन्स के भीषण हमले हुए। बम से लैस ड्रोन्स के यह हमले हुए, ऐसा ईरान ने कहा है। इससे कोई हताहत नहीं हुआ है। लेकिन, इस भंड़ार का बड़ा नुकसान होने का दावा किया जा रहा है। ईरान के केंद्रीय स्थान पर स्थित इस्फाहन शहर का यह भंड़ार रिवोल्युशनरी गार्डस्‌‍ के नियंत्रण में था। तथा ईरान के परमाणु कार्यक्रम से संबंधित प्रकल्प इसी शहर में हैं। ऐसी स्थिति में बम से लैस ड्रोन्स ने सीधे ईरान की हवाई सीमा में घुंसकर इस कार्रवाई को अंजाम देने से ईरान की हवाई सुरक्षा पर अब सवाल उठाए जा रहे हैं।

हवाई सुरक्षाईरान के रक्षा मंत्रालय ने साझा की हुई जानकारी के अनुसार बम से लैस तीन ड्रोन्स इस्फाहन के इस भंड़ार पर हमला करने की तैयारी में थे। लेकिन, इनमें से दो ड्रोन्स को मार गिराने का दावा ईरान कर रहा है। वहीं, तीसरे ड्रोन के हमले में इस शस्त्र भंड़ार का नुकसान हुआ। इस हमले में इमारत का थोड़ा नुकसान होने का दावा ईरान कर रहा है। ड्रोन्स के ज़रिये मोबाईल फोन का इस्तेमाल करके इस हमले का वीडियो बनाया गाया था। इसमें वर्णित भंड़ार का बड़ा नुकसान हुआ दिखाई दे रहा है।

यह ड्रोन हमला होने के बारा घंटे बाद ईरान इस हमले के लिए ज़िम्मेदार का नाम लेने से दूर रहा है। शनिवार को इस्फाहन में ड्रोन हमला हुआ तब ईरान के तबरिज़ शहर के ईंधन प्रकल्प में आग लगने की संदिग्ध घटना हुई थी। इस्फाहन में हुआ ड्रोन हमला और तबरिज़ में लगी आग के पीछे इस्रायल का हाथ होने की आशंका जताई जा रही है। इससे पहले इस्रायल ने ईरान के परमाणु और मिसाइल कार्यक्रम से संबंधित अधिकारी और ठिकानों को लक्ष्य किया था।

हवाई सुरक्षासाल २०२० में ईरान के परमाणु कार्यक्रम के वरिष्ठ वैज्ञानिक मोहसिन फखरीदाज़ादेह की हत्या की गई थी। इसके बाद ईरान के नातांज़ परमाणु प्रकल्प में विस्फोट करवाया गया था। इन दोनों हमलों के लिए ईरान ने इस्रायल को ज़िम्मेदार ठहराया था। ऐसे में ईरान के सैन्य ठिकानों पर हुए हमलों के पीछे इस्रायल का हाथ होने का आरोप ईरान ने लगाया था।

ऐसे में पिछले साल जून में ईरान ने तेहारन के परमाणु प्रकल्प में हमला करने की बड़ी साज़िश को नाकाम करने का दावा किया था। जुलाई में इस्फाहन में सैन्य ठिकाने को तहस-नहस करने की बड़ी साज़िश नाकाम करके इस मामले में कुर्द आतंकियों को गिरफ्तार करने का ऐलान ईरान ने किया था। इन आतंकियों को इस्रायल की सहायता मिली थी, यह दावा भी ईरान ने किया था। इसकी वजह से ईरान में हरएक हमले के लिए इस्रायल ज़िम्मेदार होने के आरोप ईरान ने लगाए थे।

लेकिन, पर्शियन और रेड सी के क्षेत्रों में इस्रायली जहाज़ों को लक्ष्य करने वाले ईरान के खिलाफ इस्रायल ने यह ‘शौडो वॉर’ यानी छुपा युद्ध शुरू किया है, ऐसा इशारा अंतरराष्ट्रीय विश्लेषकों ने दिया था। यह छुपा युद्ध बड़े युद्ध में तब्दील होगा, ऐसा इशारा भी विश्लेषकों ने दिया था।

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