पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राईक तथा एअर स्ट्राईक करके भारत ने सारी दुनिया को संदेश दिया है – केंद्रीय गृहमंत्री अमित शहा

बंगळुरू – अपनी सीमा में घातपात मज़ानेवालों को सबक सिखानेवाले अमरीका एवं इस्रायल इन देशों में अब भारत का समावेश हुआ है, ऐसा केंद्रीय गृहमंत्री अमित शहा ने कहा है। उरी और पुलवामा में हुए आतंकवादी हमलों के बाद भारत ने किये सर्जिकल स्ट्राईक तथा हवाई हमले का हवाला देकर गृहमंत्री ने यह दावा किया।

कर्नाटक की एक युनिवर्सिटी में आयोजित एक कार्यक्रम में बात करते समय केंद्रीय गृहमंत्री ने, भारत की बदली हुई सुरक्षाविषयक नीति का पुरस्कार किया। पहले के दौर में आतंकवादी हमले के बाद उसका निषेध किया जाता था। लेकिन सन 2016 में उरी में हुए आतंकवादी हमले के बाद, तथा सन 2019 में पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत ने 10 दिनों के अंदर पाकिस्तान में घुसकर सर्जिकल स्ट्राईक तथा एअर स्ट्राईक किये। क्या उसका कुछ असर हुआ है, ऐसा सवाल कुछ लोग उठाते हैं, ऐसा गृहमंत्री अमित शहा ने कहा।

लेकिन इसका ज़बरदस्त परिणाम हुआ है, ऐसा मैं कहता हूँ। क्योंकि भारत अपनी सीमा में घातपात बर्दाश्त नहीं करेगा, यह संदेश अब इससे सारी दुनिया को मिल गया है। घातपात को भारत ज़बरदस्त प्रत्युत्तर देता है इसका एहसास दुनिया को हुआ, यह बहुत बड़ा बदलाव साबित होता है, यह बताकर केंद्रीय गृहमंत्री ने उसपर सन्तोष ज़ाहिर किया। साथ ही, जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देनेवाली धारा-370 हटाकर सरकार ने बहुत बड़ा काम किया, ऐसा दावा गृहमंत्री शहा ने किया।

5 अगस्त यह दिन भारत के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जायेगा। क्योंकि इस दिन यह धारा हटायी गयी। इससे कश्मीर में खूनख़राबा होगा, ऐसीं चेतावनियाँ दीं जा रही थीं। लेकिन अब जम्मू-कश्मीर में कोई पथराव तक नहीं करता, ऐसा केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा। इसी बीच, देश की सुरक्षाविषयक नीति में हुए इन आक्रामक बदलावों की दखल अब अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर ली जा रही होकर, कश्मीर मसले की राजनीति करना चाहनेवाले पाकिस्तान को इससे बहुत बड़ा झटका लगा है।

पाकिस्तान में सत्ता में आयी नई सरकार, कश्मीर मसले का हल मिले बगैर भारत के साथ संबंध नहीं सुधरेंगे, ऐसे दावे कर रही है। लेकिन भारत ने धारा-370 हटाकर कश्मीर पाकिस्तान के हाथ से अपने हाथ में ले लिया है। आनेवाले समय में ‘पाकिस्तान व्याप्त कश्मीर’ यानी ‘पीओके’ भी भारत के कब्ज़े में जायेगा, ऐसी चिंता पाकिस्तान के विश्‍लेषक ज़ाहिर कर रहे हैं। भारत की सफल विदेश नीति और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर बढ़े हुए भारत के प्रभाव को मद्देनज़र रखते हुए, कश्मीर मसले का हल पाकिस्तान के पक्ष में होगा इसकी उम्मीद पाकिस्तान छोड़ ही दें, ऐसी नसीहत पाकिस्तान के माध्यम अपनी सरकार को दे रहे हैं।

भारत ने अपनी आर्थिक और राजकीय ताकत बड़े पैमाने पर बढ़ाई है। भारत की लष्करी तैयारी चीन से टक्कर लेने के स्तर तक जा पहुँची है। कोरोना की महामारी के बाद भारत का अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर महत्त्व अधिक ही बढ़ा है। पाकिस्तान जैसे दुर्बल और कंगाल देश से चर्चा करके कश्मीर के मसले का हल निकालना यह अब भारत की ज़रूरत नहीं रही है। लेकिन पाकिस्तान को अगर अपने देश को स्थिर रखना है, तो भारत से चर्चा करनी ही पड़ेगी, ऐसी सलाह पाकिस्तान के कुछ जानकार पत्रकार दे रहे हैं। प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ की सरकार इसके लिए प्रयास करें, ऐसा आवाहन इन पत्रकारों द्वारा किया जा रहा है।

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