भ्रष्टाचार के आरोप मे गिरफ्तार सऊदी ‘प्रिंस अल-वालिद’ का सेटलमेंट से इनकार

लंडन: सऊदी अरेबिया ने भ्रष्टाचार के आरोप के अंतर्गत गिरफ्तार किए युवराज ‘अल वालिद बिन तलाल’ ने सऊदी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान इन से सेटलमेंट के प्रस्ताव को इनकार जताया है। स्वयं पर भ्रष्टाचार के आरोप के विरोध में न्यायालय में न्याय मांगने की तैयारी अल वालिद ने की है। लंडन स्टेट फाइनेंशियल टाइम्स दैनिक ने सूत्रों के हवाले से यह जानकारी प्रसिद्ध की है।

इस न्यायालयीन लड़ाई के लिए प्रिंस अल वालिद ने बड़े वकील की नियुक्ति की है, ऐसी जानकारी इस दैनिक ने दी है। इस खबर को सऊदी के यंत्रणा से समर्थन नहीं मिला है।

डेढ महीने पहले क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के नेतृत्व में भ्रष्टाचार विरोधी विशेष दल की स्थापना की गई थी। उसके बाद सऊदी में भ्रष्टाचार निरोधक बेमालूम कारवाई शुरू हुई। इस कारवाई में सऊदी के राजघराने के १६ से अधिक युवराज, वरिष्ठ लष्करी अधिकारी तथा सऊदी के उद्योजक ऐसे लगभग २०० लोगों को पकड़ा गया है। सऊदी के एक पंचतारांकित हॉटेल में उन्हें कड़े बंदोबस्त में रखा गया था।

इस कालखंड में गिरफ्तार आरोपियों पर सऊदी के यंत्रणा ने कठोर कारवाई करने की खबरें भी प्रसिद्ध हुई थी। प्रिंस अल वालिद इन के साथ अन्य युवराज एवं अधिकारियों को उल्टा टांग कर चाबुक के फटके लगाने की घटनाएं हुई थी, ऐसी खबरें प्रसिद्ध हुई थी। तथा कुछ युवराज के जांच के लिए प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान स्वयं आने की बात कही जा रही थी। पर इन खबरों की असलियत सऊदी यंत्रणा ने झूठलाई थी।
उसके बाद सऊदी अरेबिया के अटॉर्नी जनरल ने भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार हुए लोगों के सामने सेटलमेंट का प्रस्ताव रखा था। सऊदी के तिजोरी में अपनी संपत्ति के ७० फीसदी हिस्सा जमा करके, क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के नेतृत्व मानने पर उनकी रिहाई होगी, ऐसा सभी को कहा गया था।

गिरफ्तार हुए सऊदी के कुछ युवराज ने तथा अधिकारियों ने यह प्रस्ताव का स्वीकार करके अपनी रिहाई करने की बात सामने आई थी। पर प्रिंस अल वालिद ने यह शर्त मानने से इनकार किया है। लगभग १७ अब्ज डॉलर्स इतनी संपत्ति नाम पर होनेवाले प्रिंस अल वालिद के द्वारा यह प्रस्ताव का अस्वीकार करके सऊदी के सत्ता संघर्ष से वापसी न करने की बात स्पष्ट हो रही है।

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