साढे तीन वर्षों में ईंधन कीमत का उच्चतम स्तर होने के बाद कच्चे तेल के दाम सौ डॉलर पर लाने की सऊदी की योजना

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रियाध / मॉस्को: गुरुवार को कच्चे तेल के दामों में लगभग २ प्रतिशत से अधिक उछाल लेकर ७४ डॉलर प्रति बैरल का स्तर पर किया है। यह पिछले साढ़े तीन वर्षों में उच्चतम स्तर ठहरा है। खाड़ी देशों में तनाव एवं अमरिका के तेल भांडार में गिरावट, दाम बढ़ने के पीछे का कारण होने की बात कही जाती है। कच्चे तेल के दाम बढ़ते समय दुनिया के अग्रणी के ईंधन उत्पादक होनेवाले सऊदी अरेबिया में तेल के दाम सौ डॉलर पर ले जाने की योजना बनाने का दावा किया जा रहा है।

कच्चे तेल के दामों ने गुरुवार को लिए उछाल के बाद सीधे ७४.४४ फीसदी इतनी कीमत दर्ज हुई है। पिछले कई दिनों में खाड़ी देशों में सीरिया के मुद्दे पर निर्माण हुए तनाव और अमरिका के तेल भांडार के बारे में रिपोर्ट यह घटक दामों के उछाल के लिए जिम्मेदार ठहरे हैं। अमरिका के तेल भंडार के प्रमाण में गिरावट होकर ५ वर्षों के औसत में आने वाले जानकारी स्थानीय यंत्रणाने प्रसिद्ध की है। यह जानकारी की पृष्ठभूमि पर अमेरिका के तेल में भी बढ़त हो रही है और वह ७० डॉलर्स के पास पहुंच गए हैं।

तेल के दामों में हुए उछाल के पृष्ठभूमि पर सऊदी अरेबिया से इस बारे में किए विधानों से खलबली फैली है। इंधन क्षेत्र से संबंधित सूत्रों ने दिए जानकारी के अनुसार सऊदी अरेबिया ने तेल के दाम ८० डॉलर्स से अधिक और सौ डॉलर तक ले जाने की तैयारी शुरू की है। जून महीने में ओपेक संगठन की बैठक होकर इस पृष्ठभूमि पर आई हुई जानकारी ध्यान केंद्रित करने वाली ठहरी है।

सन २०१४ में कच्चे तेल के दामों में २७ डॉलर प्रति बैरल ऐसे निच्चतम स्तर तक दाम गिरे थे। उसके बाद सऊदी अरेबिया ने पहल करके रशिया के साथ करार करके तेल का उत्पादन कम करने का निर्णय लिया था।

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