‘आर्टिफिशल इंटेलिजन्स’ की प्रगति के लिए भारत तैयार रहे – रक्षामंत्री राजनाथ सिंह का संदेश

नई दिल्ली – ‘आनेवाले समय में ‘आर्टिफिशल इंटेलिजन्स’ क्षेत्र में बढ़त बनानेवाला देश विश्‍व पर राज करेगा, ऐसा बयान रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने किया था। भारत की विश्‍व पर राज करने की इच्छा नहीं है, भारत विश्‍व की ओर विशाल परिवार के नज़र से ही देखता है। फिर भी आर्टिफिशल इंटेलिजन्स के क्षेत्र में देश को तेज़ प्रगति करनी होगी। इस वजह से अन्य कोई देश इस प्रौद्योगिकी के जोर पर भारत पर वर्चस्व बनाने का विचार भी नहीं कर सकेगा’, ऐसा संदेश रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने दिया।

‘आर्टिफिशल इंटेलिजन्स’नई दिल्ली के विज्ञान भवन में रक्षा मंत्रालय ने आयोजित किए ‘आर्टिफिशल इंटेलिजन्स इन डिफेन्स-एआईडीए’ नामक परिवसंवाद में रक्षामंत्री बोल रहे थे। ७५वें स्वतंत्रता दिवस का अवसर पर रक्षाक्षेत्र से संबंधित आर्टिफिशल इंटेलिजन्स पर आधारित ७५ उत्पादनों की इस दौरान पेशकश हुई। इस दौरान आर्टिफिशल इंटेलिजन्स यानी ‘एआई’ की अहमियत रक्षामंत्री ने रेखांकित की। इसके लिए ‘एआई’ प्रौद्योगिकी में सबसे आगे होनेवाली रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन के बयान का भी रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने इस दौरान दाखिला दिया।

अपने खिलाफ कोई इस प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करने का विचार भी नहीं करेगा, इतनी क्षमता भारत को प्राप्त करनी होगी। लेकिन, ‘एआई’ का इस्तेमाल भारत को विघातक नहीं, बल्कि विधायक कार्य के लिए करना है। भारत को किसी पर वर्चस्व नहीं पाना है बल्कि, इस प्रौद्योगिकी का मानवी जीवन के विकास के लिए इस्तेमाल करना ही भारत का ध्येय होगा, ऐसा राजनाथ सिंह ने आगे कहा। जब कभी नई प्रौद्योगिकी का अविष्कार होता है, तब बदलाव आते है और इन बदलावों को बड़ी गंभीरता से देखना आवश्‍यक होता है। ‘एआई’ प्रौद्योगिकी की वजह से हो रहे विशाल बदलावों के मद्देनज़र इससे कानूनी, राजनीतिक, नैतिक और आर्थिक स्तर पर नए सवाल खड़े होंगे। इसका मुकाबला करने की तैयारी हमें अभी से करनी होगी, यह इशारा भी रक्षामंत्री ने दिया है। नई प्रौद्योगिकी से तालमेल बनाए रखने में समाज को समय लगता है, इस ओर भी रक्षामंत्री ने ध्यान आकर्षित किया।

‘एआई’ की वजह से रक्षा क्षेत्र में भी काफी बड़े बदलाव हो रहे हैं। सैनिकों का प्रशिक्षण ‘एआई’ की वजह से अधिक बेहतर हो सकता है। साथ ही ‘एआई’ की वजह से किसी भी नियंत्रण के बिना शत्रु के ठिकानों को नष्ट करने की क्षमता प्राप्त करना संभव हो सकता है। साथ ही ‘एआई’ का इस्तेमाल करके रक्षा सामान का इस्तेमाल अधिक प्रभावी करना मुमकिन हो सकता है। अगले समय में इस क्षेत्र में ‘एआई’ का इस्तेमाल अधिक बढ़ेगा, ऐसा कहकर रक्षामंत्री ने ‘एआई’ के बढ़ते इस प्रभाव का अहसास कराया।

भारत ने मानवरहित विमानों के लिए ‘एआई’ का इस्तेमाल शुरू किया है। लेकिन, इस क्षेत्र में भारत को अधिक प्रगति करनी होगी। इससे भारत स्वतंत्र शस्त्र प्रणाली विकसित कर सकेगा। रक्षा क्षेत्र में ‘एआई’ और ‘बिग डाटा’ का उचित समय में इस्तेमाल शुरू करना होगा। इस वजह से प्रौद्योगिकी क्षेत्र में देश पीछे नहीं रहेगा, ऐसा रक्षामंत्री ने कहा।

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