रशिया के करीब जा रहे दक्षिण अफ्रिका पर कार्रवाई करने की अमरीका में उठी मांग

वॉशिंग्टन – अमरीका के आदेश ठुकराकर रशिया से सहयोग मज़बूत करने की हरकत की दक्षिण अफ्रीका को अच्छी सज़ा दे। ‘एजीओए’ समझौते के अनुसार दक्षिण अफ्रीका को प्राप्त हो रही सहायता अमरीका रोक दे। साथ ही जोहान्सबर्ग में आयोजित हो रही अमरीका और अफ्रीकी देशों की बैठक भी रद करे, यह मांग उठाने वाला खत अमरिकी जनप्रतिनिधि ने एंथनी ब्लिंकन को दिया है। व्हाईट हाऊस ने दक्षिण अफ्रीका के विरोध में ऐसी कार्रवाई नहीं की है। लेकिन, यूक्रेन युद्ध के लिए इंटरपोल ने नोटिस जारी किए रशियन राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन के विरोध में कार्रवाई करने से दक्षिण अफ्रीका ने स्पष्ट इनकार किया था। उनकी इस भूमिका की बायडेन प्रशासन ने कड़ी आलोचना की थी।

रशिया-यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि पर ही रशिया का अफ्रीकी महाद्वीप में प्रभाव बढ़ने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं। इस युद्ध में अमरीका और पश्चिमी देशों ने रशिया पर लगाए प्रतिबंधों का अफ्रीकी देश पालन करें, ऐसी सूचना अमरीका ने की थी। लेकिन, अफ्रीकी देशों ने इस युद्ध में तटस्थ या रशिया समर्थक होने की भूमिका अपनाई है। दक्षिण अफ्रीका इस युद्ध में तटस्थ हैं। पश्चिमी देशों की मांग के अनुसार रशिया पर प्रतिबंध लगाने से राष्ट्राध्यक्ष सिरील राम्फोसा ने इन्कार किया था।

साथ ही जल्द ही ‘ब्रिक्स’ (ब्राज़ील, रशिया, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) संगठन के राष्ट्रप्रमुखों की बैठक का दक्षिण अफ्रीका में आयोजन हो रहा है। यूक्रेन के युद्ध अपराध के मामले में इंटरपोल ने रशियन राष्ट्राध्यक्ष पुतिन को गिरफ्तार करने के आदेश दिए हैं। लेकिन, राष्ट्राध्यक्ष राम्फोसा ने पुतिन को गिरफ्तार नहीं करेंगे, यह कहकर अमरीका और पश्चिमी देशों को झटका दिया था। ऐसे में फ़रवरी महीने में दक्षिण अफ्रीका ने रशिया और चीन की नौसेना के साथ युद्धाभ्यास किया था। इसके बाद अमरीका में दक्षिण अफ्रीका पर सख्त कार्रवाई करने की मांग जोर पकड़ रही है।

अमरिकी जनप्रतिनिधियों ने एक हफ्ते पहले विदेश मंत्री ब्लिंकन को भेजे खत में दक्षिण अफ्रीका की सहायता रोकने की मांग की है। अमरीका ने अफ्रीकी देशों के लिए ‘अफ्रीकन ग्रोथ ॲण्ड अपॉर्च्युनिटी एक्ट’ (एजीओए) के तहत सहायता देना जारी रखा हैं। इसके तहत दक्षिण अफ्रीका को बड़े लाभ प्राप्त हो रहे हैं, इसपर अमरिकी जनप्रतिनिधियों ने गौर किया है। इस ‘एजीओए’ समझौते की समय सीमा वर्ष २०२५ में खत्म हो रही हैं। अमरीका इस समझौते को आगे बढ़ाए, ऐसी मांग अफ्रीकी देश कर रहे हैं। लेकिन, दक्षिण अफ्रीका को इस समझौते से अमरीका हटाएं, ऐसी मांग अमरिकी जनप्रतिनिधि कर रहे हैं। इसके साथ ही दक्षिण अफ्रीका पर प्रतिबंध लगाने की मांग भी हो रही है।

बायडेन प्रशासन ने दक्षिण अफ्रीका पर किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं की है, ना ही इस देश पर प्रतिबंध लगाए हैं, इस पर अमरिकी विदेश मंत्रालय और व्हाईट हाऊस ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। लेकिन, एजीओए समझौते में बदलाव करने की संभावना होने के संकेत व्हाईट हाउस के वरिष्ठ अधिकारी ने दिए हैं।

इसी बीच, रशिया और यूक्रेन के युद्ध में युद्ध विराम जारी करने के लिए अफ्रीकी देशों ने प्रस्ताव तैयार किया है। रशियन राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करके अफ्रीकी नेता यह प्रस्ताव पेश करने के विचार में हैं। इसमें दक्षिण अफ्रीका के साथ इजिप्ट, सेनेगल, युगांडा, जाम्बिया, रिपब्लिक ऑफ कांगो के राष्ट्र प्रमुखों का समावेश

Leave a Reply

Your email address will not be published.