रशियन परमाणु हमले के खतरे को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता – सीआईए के प्रमुख का इशारा

मास्को/वॉशिंग्टन – यूक्रैन के सैन्य अभीयान से पहुँचे नुकसान की पृष्ठभूमि पर रशिया का परमाणु हमला होने का खतरा अनदेखा करने जैसा नहीं हैं, यह इशारा अमरीका की गुप्तचर यंत्रणा ‘सीआईए’ के प्रमुख ने दिया| २४ घंटे पहले ही रशिया के वरिष्ठ नेता दिमित्रि मेदवेदेव ने रशिया बाल्टीक क्षेत्र में नए परमाणु हथियार तैनात करेगी, यह इशारा दिया था| इसके बाद सीआईए प्रमुख विल्यम बर्न्स ने रशियन परमाणु हमले के खतरे की ओर ध्यान आकर्षित किया| बर्न्स ने इस दौरान राष्ट्राध्यक्ष बायडेन और अमरिकी प्रशासन तीसरा विश्‍वयुद्ध टालने की कोशिश कररहे हैं ,यह भी कहा|

रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन के साथ वरिष्ठ रशियन नेता एवं अधिकारियों ने लगातार परमाणु हमलें के इशारें दिए हैं| राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रैन में सैन्य कार्रवाई शुरू करने के बाद दो बार परमाणु हमलें के संकेत दिए थे| पुतिन के इन इशारों की वजह से पश्‍चिमी देशों में चिंता का माहौल हैं और यूक्रैन ने भी नाराज़गी जताई थी| अमरीका के गुप्तचर प्रमुख के बयान ने यह मुद्दा फिर से उठाया हैं|

यूक्रैन की कार्रवाई में रशिया को कुछ नुकसान पहुँचा हैं| इसी कारण रशिया के राष्ट्राध्यक्ष और अन्य नेता अफ़सोस में हैं| इस वजह से रशियन नेतृत्व परमाणु हथियार का इस्तेमाल कर सकता हैं और यह बात अनदेखी करने जैसीं नहीं हैं, यह इशारा सीआईए के प्रमुख विल्यम बर्न्स ने दिया| रशिया ने ‘न्यूक्लिअर फोर्सेस’ अलर्ट पर रखने से अमरीका चिंता में होने का दावा भी उन्होंने किया| बायडेन प्रशासन तीसरा विश्‍वयुद्ध और परमाणु हमला टालने की कोशिश कर रहीहैं, यह भी बर्न्स ने कहा|

इसी बीच, रशिया के बढ़ते खतरे की पृष्ठभूमि पर नाटो ने यूरोप के ‘न्यूक्लिअर प्लैन्स’ में बदलाव करना शुरू किया हैं| इसके तहत नाटो सदस्य देशों के ‘एफ-३६’ लड़ाकू अमरिकी विमानों पर परमाणु बम तैनात किए जाएँगे| यूरोप के नॉर्वे, डेन्मार्क, पोलैण्ड जैंसे देशों के पास फिलहाल ‘एफ-३५’ हैं और जर्मनी ने भी ‘एफ-३५’ खरीदने का ऐलान किया हैं| फिलहाल यूरोप के पांच देशों में स्थित अड्डों पर अमरिकी परमाणु हथियार तैनात किए गए हैं| इनमें जर्मनी के साथ बेल्जियम, इटली, नेदरलैण्डस् और तुर्की का समावेश हैं|

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