जी७ और युरोपीय महासंघ द्वारा कोरोना की पारदर्शी जाँच की माँग

जाँच की माँगलंडन – औद्योगिक दृष्टि से प्रगत अमरीका, कनाडा, ब्रिटेन, फ्रान्स, जर्मनी, इटली और जापान इन ‘जी७’ देशों ने कोरोना की महामारी की नये से जाँच करने की माँग जागतिक स्वास्थ्य संगठन के पास की। युरोपीय महासंघ ने भी कोरोना की नये से जाँच करने की माँग की। ‘यह संक्रमण निश्चित रूप में कहाँ से आया और कैसे फैला, यह जानने का अधिकार दुनिया को है। इसी कारण इसकी विश्‍वासार्ह जाँच होनी चाहिए’, ऐसा युरोपीय महासंघ ने कहा है।

ब्रिटेन में ‘जी७’ की बैठक शुरू हो रही है और इसमें भारत, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया ये देश भी सहभागी होनेवाले हैं। दुनिया के प्रमुख लोकतंत्रवादी देश इस उपलक्ष्य में एक साथ आ रहे होकर, कोरोना की महामारी ने मचाए हाहाकार के बाद ‘जी७’ की इस बैठक का महत्व भारी मात्रा में बढ़ा है। अमरीका और ब्रिटेन के माध्यमों ने, कोरोना की महामारी के लिए चीन जिम्मेदार होने की जानकारी प्रकाशित की होने के कारण, इस बैठक के लिए आवश्यक पृष्ठभूमि तैयार हुई दिख रही है। इस बैठक में कोरोना की जाँच करने की माँग ‘जी७’ द्वारा अधिकृत स्तर पर की जा सकती है। जी७ के नेताओं ने इसके लिए निवेदन तैयार किया होने की खबर है।

युरोपीय महासंघ की प्रमुख ‘उर्सुला वॉन देर लेन’ ने, कोरोना की जाँच करने की बहुत बड़ी आवश्यकता होने का बयान करके चीन पर दबाव बढ़ाया है। इस महामारी का मूल खोजने के लिए जाँच अधिकारियों को पूरे अधिकार मिलने चाहिए, ऐसा बताकर उर्सुला वॉन देर ने चीन को लक्ष्य किया। इससे पहले चीन ने जागतिक स्वास्थ्य संगठन के जाँच पथक को अपनी वुहान लैब में जाँच की अनुमति नकारी थी। इस पृष्ठभूमि पर, युरोपीय महासंघ की प्रमुख ने की यह माँग गौरतलब साबित हो रही है।

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