‘जी-७’ के स्वास्थ्यमंत्रियों की परिषद का भी भारत को न्यौता

‘जी-७’नई दिल्ली – ‘ऑक्सफर्ड युनिवर्सिटी’ ने ‘वायरॉलॉजी’ यानी संक्रमित होनेवाली बिमारियों के मुद्दे पर बातचीत करने के लिए ‘जी-७’ के सदस्य देशों के स्वास्थ्यमंत्रियों की परिषद का आयोजन करने की तैयारी शुरू की है। इस परिषद में उपस्थित होने का न्यौता भारत को भी दिया गया है। मौजूदा स्थिति में पूरे विश्‍व में कोरोना का संक्रमण कोहराम मचा रहा है और इस संक्रमण का स्वरूप कुछ समय बाद बदलने की बात भी सामने आ रही है। यह महामारी यानी चीन ने शुरू किया हुआ जैविक युद्ध होने का गंभीर आरोप अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो रहा है। ऐसी स्थिति में इस परिषद का आयोजन होना ध्यान आकर्षित करता है।

अमरीका, कनाड़ा, ब्रिटेन, फ्रान्स, जर्मनी, इटली और जापान जैसे औद्योगिक स्तर के प्रगत सात विकसित देशों के गुट के तौर पर ‘जी-७’ की पहचान है। इन देशों की यंत्रणा भी कोरोना की चुनौति के सामने बेबस हुई थी। ऐसी स्थिति में संक्रमण होनेवाली सभी बिमारियों का मुकाबला करने के लिए सहयोग करने के उद्देश्‍य से ऑक्सफर्ड युनिवर्सिटी ने ‘जी-७’ देशों के स्वास्थ्यमंत्रियों की परिषद आयोजित करने की तैयारी की है। इस परिषद में उपस्थित रहने के लिए भारत को आमंत्रित करने की घटना विशेष है।

इसी बीच, ब्रिटेन के एक वैज्ञानिक ने कोरोना के निर्माण पर ही गंभीर आशंका उपस्थित की है। ब्रिटेन के वैज्ञानिक निकोलस वेड ने कोरोना के निर्माण पर एक लेख लिखा है। चीन के वुहान लैब से यह विषाणु संक्रमित होने से इससे क्या बाहर निकलेगा, यह बताना संभव नहीं होगा, ऐसा पिटारा ही खुला हुआ है, ऐसा दावा वेड ने किया है। इससे पहले भी कोरोना यानी चीन ने शुरू किया हुआ जैविक युद्ध होने के गंभीर आरोप लगाए गए हैं और इस वजह से चीन जागतिक स्तर पर तिरस्कार का विषय होने की बात सामने आ रही है।

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