जीएसटी अधिक व्यवहारिक स्तर पर लाएंगे – केंद्रीय वित्त मंत्री का आश्वासन

नई दिल्ली – २ दिनों पहले जीएसटी में कटौती की घोषणा करने के बाद केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने जल्द ही जीएसटी में आर्थिक व्यवहारिक कटौती होगी, ऐसा घोषित किया है। उसके अनुसार १२ से १८ प्रतिशत के जीएसटी के दो श्रेणी के बदले एकही श्रेणी का उपयोग किया जाएगा, ऐसा जेटली ने कहा है। तथा २८ प्रतिशत इतने सबसे अधिक जीएसटी होनेवाली श्रेणी लगभग संपुष्टिट होगी, ऐसा दावा केंद्रीय वित्त मंत्री ने किया है।

जीएसटी के दाम अधिक व्यावहारिक स्तर पर लाने के लिए केंद्र सरकार जल्द ही कदम उठाने वाले हैं, ऐसा वित्त मंत्री जेटली ने घोषित किया है। फिलहाल जीएसटी के अंतर्गत १२१६ वस्तु एवं उत्पादन हैं। जिनमें १८३ वस्तु एवं उत्पादन पर शून्य जीएसटी है। तथा ३०८ वस्तु एवं उत्पादन पर ५ प्रतिशत, १७८ वस्तुओं पर १२ प्रतिशत तथा ५१७ वस्तु पर १८ प्रतिशत जीएसटी है। तथा २८ प्रतिशत जीएसटी के श्रेणी में केवल २८ वस्तु एवं उत्पादन है। जिनमें मद्य, सिगरेट तथा ऐशोआराम के वस्तु एवं उत्पादनों का समावेश किया गया है। पर इनमें सबसे अधिक जीएसटी के श्रेणी से अन्य उत्पादन वर्जित किए गए हैं, ऐसी जानकारी जेटली ने दी है। विशेष रूप से सीमेंट २८ प्रतिशत की श्रेणी से वर्जित किया जाएगा। जीएसटी काउंसिल के आनेवाले बैठक में यह विषय प्राधान्यक्रम पर होगा, ऐसा दावा केंद्रीय वित्त मंत्री ने किया है।

सबसे अधिक उपयोग होनेवाले उत्पादन एवं वस्तुओं पर जीएसटी कम किया जाएगा। १२ से १८ प्रतिशत के दो श्रेणी साथ लाये जाएंगे एवं उनके दाम व्यवहारिक स्तर पर लाए जाएंगे, ऐसा जेटली ने कहा है। जीएसटी के लिए निर्धारित किए जानेवाले लक्ष्य पूर्ण करते समय उनके दामों में कटौती करने का निर्णय लेने के लिए सरकार को आसान होने वाला है। २०१८-१९ के वित्तीय वर्ष के लिए जीएसटी का लक्ष्य १२ लाख करोड़ इतने निर्धारित किया गया है। जिसकी वजह से महीने के आखिर में लगभग एक लाख करोड़ रुपयों का आय जीएसटी से मिलनेवाला है।

पिछले ८ महीनों में दो बार एक लाख करोड़ रुपयों के जीएसटी आय लक्ष्य प्राप्त करने में सफलता मिली थी। इस वर्ष के अप्रैल एवं अक्टूबर महीने में जीएसटी से १ लाख करोड रुपए इतनी आय मिला है। फिर भी नवंबर महीने में यह रकम ९७ हजार करोड रुपयों तक गिरा था। ऐसा होते हुए भी आनेवाले वित्तीय वर्ष में १२ लाख करोड रुपयों का आय जीएसटी से मिलेगा, ऐसा विश्वास व्यक्त किया जा रहा है।

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