अमरीका में जारी भारत विरोधी प्रचार पर विदेशमंत्री ने दिया मुँहतोड़ जवाब

भारत विरोधी प्रचारन्यूयॉर्क/वॉशिंग्टन – ‘कोरोना संक्रमित होने के बाद, अमरीका की कुल जनसंख्या की तुलना में करीबन ढ़ाई गुना अधिक अपने लोगों को भारत सरकार ने अनाज़ की मुफ़्त आपूर्ति की। अमरीका की जनसंख्या से भी अधिक लोगों के बैंक खातों में, भारत सरकार ने किसी भी तरह का भेदभाव किए बगैर पैसें जमा किए। यह कार्य करने के बावजूद भी कुछ लोग भ्रामक चित्र निर्माण करके, एक पद्धति से भारत को बदनाम करने की साज़िश कर रहे हैं’, यह बयान करके भारतीय विदेशमंत्री एस.जयशंकर ने जोरदार तमाचा जड़ा है। अमरीका के दौरे पर पहुँचे विदेशमंत्री जयशंकर ने अमरीका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मैक्‌मास्टर के साथ बातचीत करते समय भारत विरोधी दुष्प्रचार पर मुँहतोड़ जवाब दिया।

अमरीका पहुँचे भारतीय विदेशमंत्री जयशंकर ‘हुवर इन्स्टिट्यूशन’ नामक अभ्यासगुट ने आयोजित किए ‘इंडियाःअपॉर्च्युनिटीज्‌ ॲण्ड चैलेंजेस फॉर अ स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप’ नामक परिषद में शामिल हुए थे। कोरोना का संक्रमण शुरू होने के बाद, पश्‍चिमी माध्यमों के एक गुट ने लगातार भारत विरोधी प्रचार करना शुरू किया था। भारत की स्वास्थ्य यंत्रणा कोरोना संक्रमण के कारण चरमरा गई होने के दावे, माध्यमों के इस गुट ने करना शुरू किया था। साथ ही, भारत में बनी स्थिति की गलत जानकारी बढ़ा-चढ़ाकर देने का काम पश्‍चिमी माध्यमों का यह गुट कर रहा था। इसकी दखल लेकर विदेशमंत्री ने उनके दुष्प्रचार का मुँहतोड़ जवाब दिया।

कोरोना संक्रमण के दौरान भारत पर काफी दबाव बना है। लेकिन ऐसें दौर में भी भारत सरकार ने ८० करोड़ लोगों को अनाज़ की मुफ़्त आपूर्ति की। किसी भी तरह का भेद किए बगैर सरकार ने ४० करोड़ नागरिकों के बैंक खातों में पैसें जमा किए। ऐसा कार्य करने के बावजूद, भ्रामक चित्र दिखाकर भारत की बदनामी करने का काम हो रहा है, ऐसें सीधें शब्दों में विदेशमंत्री जयशंकर ने भारत विरोधी प्रचार मुहिम का जवाब दिया। साथ ही, हम भारतीय हमारें जनतंत्र पर पूरा भरोसा रखते हैं, ऐसा कहकर उन्होंने पश्‍चिमी माध्यमों द्वारा जारी दुष्प्रचार की हवा निकाली।

अमरीका में अबतक ६ लाख से अधिक कोरोना संक्रमित मृत हुए हैं। अमरीका जैसी महासत्ता की स्वास्थ्य यंत्रणा भी कोरोना संक्रमण के आगे बेबस होती दिखाई दे रही थी। धनिक और विकसित युरोपीय देशों की स्वास्थ्य यंत्रणा भी कोरोना की पहली लहर से चरमरा गई थी। लेकिन, इस दौर में भारतीय स्वास्थ्य यंत्रणा ने ज़ोरदार कार्य किया था और पूरे विश्‍व को इसकी दखल लेनी पड़ी था। कोरोना की दूसरी लहर अधिक भयंकर थी और इसका भारतीय यंत्रणाओं पर भार बढ़ रहा था। लेकिन पश्‍चिमी माध्यमों का गुट, सियासी एवं आर्थिक उद्देश्‍य सामने रखकर, भारत के विरोध में दुष्प्रचार करने की मुहीम चला रहा है, यह बात लगातार सामने आ रही है।

सोशल मीडिया पर भारत के विरोध में जारी दुष्प्रचार की इस मुहिम को भारतीय नागरिक जवाब दे रहे हैं। कोरोना संक्रमण होने की वजह से, भारत से भी कई अधिक लोगों की अमरीका में मृत्यु हुई हैं। फिर भी अमरिकी माध्यम अपने देश का विदारक चित्र विश्‍व के सामने पेश करने के लिए तैयार नही हैं। उल्टा इस महामारी ने भारत को बेहाल किया होने के दावे करने में ये माध्यम धन्यता मान रहे हैं, इसपर कुछ अमरिकी विश्‍लेषकों ने भी नाराज़गी जताई थी। इस हरकत के पीछे देश विरोधी साज़िश होने का आरोप भी सोशल मीडिया पर कुछ भारतीय लगा रहे हैं। कोरोना की पहली लहर में अमरीका समेत विश्‍व के कई देशों को प्रदान की हुई सहायता की वजह से भारत की छवि काफी चमक उठी थी। उसे झटका देना ही इस भारत विरोधी दुष्प्रचार की मुहिम का उद्देश्‍य होने के आरोप सोशल मीडिया पर हो रहे हैं।

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