सीपीईसी योजना आर्थिक संकट में पाकिस्तानी अखबार का दावा

इस्लामाबाद / बीजिंग – चीन पाकिस्तान सहयोग का प्रतीक ‘चाइना पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर’(सीपीईसी) आर्थिक संकट में होने का दावा अग्रणी के पाकिस्तानी अखबार ने किया है। इस आर्थिक संकट की वजह से सीपीईसी अंतर्गत शुरू होनेवाले कई प्रकल्प बंद होने की जानकारी पाकिस्तानी अखबार ने दी है। पाकिस्तान में चुनाव पास होते हुए सीपीईसी की असफलता सामने आना खलबली फैलाने वाली बात मानी जा रही है।

पाकिस्तान के अग्रणी के अखबार होने वाले द डॉन ने चाइना पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर के सीपीईसी के आर्थिक संकट के बारे में वृत्त प्रसिद्ध किया है। इसमें सीपीईसी अंतर्गत शुरू इन विविध प्रकल्प के बारे में जानकारी दी गई है और पाकिस्तान के नेशनल हाईवे अथॉरिटी के पास प्रकल्प पूरा करने के लिए निधि ना होने का दावा किया गया है।

पाकिस्तान के नेशनल हाईवे अथॉरिटी से सीपीईसी अंतर्गत कई महामार्ग एवं रास्तों का काम शुरू है। इन कामों के लिए कॉन्ट्रैक्टर को दिए गए लगभग ५अरब डॉलर चेकबाउंस होने की घटना हुई है। चेक अदा ना होने की वजह से कॉन्ट्रैक्टर ने काम रोका है और रास्ते का काम ठप हुआ है। आर्थिक बाधाओं की वजह से सीपीईसी संकट में आने का यह पहला प्रसंग होने की बात कही जा रही है।

पाकिस्तानी अखबार ने दिये वृत्त में सीपीईसी वेस्टर्न रूट, हकला डेरा इस्माइल खान मार्ग और कराची लाहौर मोटरवे इन प्रकल्प का काम पूर्ण रुप से रोका गया है, ऐसी जानकारी दी गई है। यह जानकारी सरकार को दी गई है और जल्द ही इस पर समाधान निकलेगा, ऐसी आशा पाकिस्तान की नेशनल हाईवे अथॉरिटी के अधिकारियों ने व्यक्त किया है। इस प्रकार के अंतर्गत जिन कंपनियों के चेक बाउंस हुए हैं उसमें चीनी कंपनियों का भी समावेश होने के बाद उजागर हुई है।

इस महीने के शुरुआत में ही इंटरनेशनल क्राइसिस ग्रुप ने ६२अरब डॉलर के चीन के महत्वाकांक्षी प्रकल्प के विरोध में पाकिस्तान में असंतोष बढ़ रहा है और यह निवेश पाकिस्तान के संघर्ष के लिए खतरनाक हो सकता है, ऐसा दावा किया जा रहा है।

सीपीईसी की वजह से पाकिस्तान के वित्त व्यवस्था में चित्र बदलेगा। पाकिस्तान में नए उद्योग निर्माण होंगे, करोड़ों नौकरियां निर्माण होंगी ऐसे दावे पाकिस्तान की सरकार से किए जा रहे हैं। पर अब पाकिस्तान की जनता का इस प्रकल्प के बारे में मुखभंग होता दिखाई दे रहा है, ऐसा आयसीजीके रिपोर्ट से स्पष्ट हो रहा है।

वही पिछले हफ्ते में पाकिस्तान में हुए आतंकवादी हमले के पृष्ठभूमि पर चीन के प्रसार माध्यमों ने सीपीईसी में प्रकल्प तथा चीनी नागरिकों की सुरक्षा पर प्रश्न उपस्थित किए थे।

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